सीएम नीतीश कुमार ने पटना मेट्रो (Patna Metro) के पहले फेज का शुभारंभ किया। अब ISBT से भूतनाथ तक मेट्रो दौड़ेगी, किराया सिर्फ ₹15 से शुरू! जानिए पूरी जानकारी ; रूट, टाइमिंग, और यात्रियों को मिलने वाली आधुनिक सुविधाएं।
पटना मेट्रो (Patna Metro) की शुरुआत की मुख्य बातें
- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना मेट्रो के पहले फेज का उद्घाटन किया।
- ब्लू लाइन का यह हिस्सा आईएसबीटी से भूतनाथ स्टेशन तक चलेगा।
- सेवाएं सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक, न्यूनतम किराया ₹15, अधिकतम ₹30 रहेगा।
- मेट्रो हर 20 मिनट पर उपलब्ध होगी और फिलहाल तीन स्टेशन खुल चुके हैं : आईएसबीटी, जीरो माइल और भूतनाथ।
- डीएमआरसी (दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन) और बिहार सरकार के सहयोग से बना यह प्रोजेक्ट ₹13,925 करोड़ की लागत से तैयार हुआ।
- प्रत्येक कोच में बिहार की सांस्कृतिक झलक: गोलघर, महावीर मंदिर और मधुबनी कला की आकृतियाँ।
- पटना अब भारत का 24वां शहर बन गया है जहां मेट्रो ट्रेन दौड़ रही है।
बिहार के लिए ऐतिहासिक दिन: नीतीश कुमार ने पटना मेट्रो को दिखाई हरी झंडी
बिहार की राजधानी पटना के इतिहास में सोमवार का दिन यादगार बन गया, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य की पहली मेट्रो रेल सेवा का उद्घाटन किया। लंबे इंतजार के बाद आज पटना ने भी उन शहरों की सूची में जगह बना ली है, जहां मेट्रो ट्रेनें दौड़ती हैं।
उद्घाटन समारोह का आयोजन पाटलिपुत्र इंटर स्टेट बस टर्मिनल (ISBT) स्थित डिपो में किया गया। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, साथ ही दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) और पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (PMRC) के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने मेट्रो को हरी झंडी दिखाने के बाद खुद उद्घाटन यात्रा की, जो आईएसबीटी से भूतनाथ स्टेशन तक चली।
Patna Metro Route Map | रूट और संचालन का पूरा विवरण

पटना मेट्रो की ब्लू लाइन (कॉरिडोर-II) का पहला सेक्शन 3.6 किलोमीटर लंबा है। इसमें तीन स्टेशन शामिल हैं :
1. पाटलिपुत्र आईएसबीटी
2. जीरो माइल
3. भूतनाथ
- यात्रियों के लिए मेट्रो सेवा 7 अक्टूबर से सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक चलेगी।
- न्यूनतम किराया ₹15 और अधिकतम ₹30 तय किया गया है।
- फिलहाल मेट्रो हर 20 मिनट में एक बार उपलब्ध होगी।
- ट्रेन की गति प्रारंभ में 40 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई है।
यह हिस्सा पटना मेट्रो के कॉरिडोर-II का भाग है, जो आगे चलकर पटना जंक्शन से आईएसबीटी तक 14.5 किलोमीटर की दूरी तय करेगा। इसमें 5 एलिवेटेड स्टेशन और 7 भूमिगत स्टेशन होंगे।
यात्रियों के लिए आधुनिक और सुरक्षित यात्रा अनुभव

पटना मेट्रो के कोच आधुनिक तकनीक से लैस हैं, जो यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा दोनों का ध्यान रखते हैं।
हर ट्रेन में तीन कोच हैं जिनकी कुल क्षमता लगभग 1100 यात्रियों की है :
- 158 सीटें बैठने के लिए,
- 12 सीटें महिलाओं और दिव्यांग यात्रियों के लिए आरक्षित,
- बाकी स्थान खड़े होकर यात्रा करने वालों के लिए।
मुख्य सुविधाएं :
- मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग पॉइंट्स
- फ्रंट इमरजेंसी डोर और स्लाइडिंग डोर
- सीसीटीवी कैमरे और पैनिक बटन हर कोच में
- डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड और स्टेशन घोषणाएं
- इमरजेंसी माइक्रोफोन सिस्टम, जिससे यात्री सीधे ड्राइवर से बात कर सकते हैं
बिहार की संस्कृति की झलक हर कोच में

- पटना मेट्रो के डिब्बों में केवल तकनीक नहीं, बल्कि बिहार की आत्मा भी बसती है।
- हर कोच को गोलघर, महावीर मंदिर, भगवान बुद्ध और मधुबनी पेंटिंग की कलाकृतियों से सजाया गया है।
- इन चित्रों में केसरिया और मिट्टी के रंगों का उपयोग किया गया है, जो बिहार की पहचान को आधुनिकता के साथ जोड़ता है।
स्टेशनों की आधुनिक सुविधाएं
तीनों स्टेशन — आईएसबीटी, जीरो माइल और भूतनाथ — यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं।
मुख्य सुविधाएं:
- एस्केलेटर, लिफ्ट और सीढ़ियाँ
- टिकट वेंडिंग मशीनें और टोकन सिस्टम
- डिजिटल डिस्प्ले और सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली
- प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर यात्रियों की सुरक्षा के लिए
- कॉनकोर्स एरिया में फूड कोर्ट, दुकानें, वेटिंग ज़ोन और सूचना केंद्र
- पटना मेट्रो का रामचक बैरिया डिपो भी उद्घाटन के साथ ही शुरू किया गया है।
- यह डिपो 76 एकड़ में फैला हुआ है और यहां 32 ट्रेनों को एक साथ रखने की क्षमता है।
- यहां वर्कशॉप, इंस्पेक्शन बे, ऑटोमैटिक वॉशिंग यूनिट और कंट्रोल सेंटर जैसी आधुनिक व्यवस्थाएं मौजूद हैं।
भविष्य की योजना और निर्माण की प्रगति

- पटना मेट्रो परियोजना की कुल लागत ₹13,925 करोड़ है।
- इसे जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA), केंद्र सरकार और बिहार सरकार के सहयोग से विकसित किया जा रहा है।
दो प्रमुख कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं —
- कॉरिडोर-I: दानापुर से खेमेंचक (17.9 किमी)
- कॉरिडोर-II: पटना जंक्शन से आईएसबीटी (14.5 किमी)
इसके अतिरिक्त, मलाही पकरी और खेमेंचक स्टेशन भी 2025 के अंत तक शुरू हो जाएंगे।
इस परियोजना को 2019 में शुरू किया गया था, लेकिन भूमि अधिग्रहण, वित्तीय कमी और कोविड-19 महामारी के कारण इसमें देरी हुई। अब यह अपने अगले चरण में तेजी से आगे बढ़ रही है।
पटना के विकास का नया अध्याय

- पटना मेट्रो की शुरुआत सिर्फ एक परिवहन परियोजना नहीं, बल्कि बिहार की आर्थिक और सामाजिक प्रगति का प्रतीक है।
- यह मेट्रो न केवल शहर के ट्रैफिक बोझ को कम करेगी, बल्कि लोगों को तेज, सुरक्षित और सस्ता सफर भी प्रदान करेगी।
- विशेषज्ञों का मानना है कि मेट्रो से शहर में रोजगार के अवसर, स्थानीय व्यापार, और पर्यावरण संरक्षण में भी वृद्धि होगी।
- पटना अब उन 24 शहरों में शामिल हो गया है जहां मेट्रो रेल सेवाएं चालू हैं : यह अपने आप में राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
आधुनिक बिहार की दिशा में मजबूती से बढ़ता कदम
पटना मेट्रो का शुभारंभ बिहार की राजधानी के लिए आधुनिकता, सुविधा और गौरव का प्रतीक बन गया है।
इस परियोजना ने पटना को न सिर्फ नए परिवहन साधन से जोड़ा है बल्कि बिहार के विकास की दिशा में एक ठोस कदम बढ़ाया है।
बिहार की संस्कृति, तकनीकी प्रगति और नागरिक सुविधाओं का यह संगम आने वाले वर्षों में “नए पटना” की पहचान बनेगा।
मेट्रो सिर्फ एक ट्रेन नहीं, बल्कि बदलते बिहार की धड़कन है – जो आने वाले कल की ओर रफ्तार से बढ़ रही है।
FAQs on पटना मेट्रो उद्घाटन – नीतीश कुमार द्वारा
1. नीतीश कुमार ने पटना मेट्रो का उद्घाटन कब किया?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना मेट्रो के पहले फेज का उद्घाटन सोमवार को किया। सार्वजनिक सेवाएं 7 अक्टूबर 2025 से शुरू हुईं।
2. पटना मेट्रो के पहले फेज में कौन-कौन से स्टेशन चालू हैं?
पहले फेज (ब्लू लाइन) में फिलहाल तीन स्टेशन चालू हैं – आईएसबीटी, जीरो माइल और भूतनाथ।
3. पटना मेट्रो के संचालन के घंटे और किराया क्या है?
मेट्रो रोजाना सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक चलेगी। न्यूनतम किराया ₹15 और अधिकतम ₹30 है। मेट्रो हर 20 मिनट पर उपलब्ध होगी।
4. पटना मेट्रो में यात्रियों के लिए कौन-कौन सी सुविधाएं हैं?
प्रत्येक कोच में महिलाओं और दिव्यांगों के लिए रिज़र्व सीटें, CCTV कैमरे, मोबाइल/लैपटॉप चार्जिंग पॉइंट्स, इमरजेंसी बटन, और बिहार की सांस्कृतिक कलाकृतियों से सजावट जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।
5. पटना मेट्रो की कुल लागत और भविष्य की योजना क्या है?
पटना मेट्रो परियोजना की लागत लगभग ₹13,925 करोड़ है। पहले फेज के बाद, कॉरिडोर-I और भूमिगत सेक्शन 2025–2027 तक पूरी तरह से चालू होंगे, जिससे पटना पूरी तरह मेट्रो सिटी बन जाएगा।