जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम को तोड़कर उसकी जगह एक आधुनिक ‘स्पोर्ट्स सिटी’ बनेगी

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जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम को तोड़कर उसकी जगह एक आधुनिक ‘स्पोर्ट्स सिटी’ बनेगी

देश की राजधानी दिल्ली में एक बड़ी खेल परियोजना को लेकर योजना बनाई जा रही है, खेल मंत्रालय के अनुसार जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम को तोड़कर उसकी जगह एक आधुनिक ‘स्पोर्ट्स सिटी’ विकसित करने का प्रस्ताव है। यह परियोजना करीब 102 एकड़ क्षेत्र में फैलेगी।

फिलहाल यह योजना प्रस्तावित स्तर पर है, इसलिए इसकी समय सीमा तय नहीं की गई है। परियोजना की रूपरेखा को अंतिम रूप देने के लिए सरकार कतर और ऑस्ट्रेलिया में स्थापित स्पोर्ट्स सिटी मॉडल्स का मूल्यांकन कर रही है, ताकि दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाएँ विकसित की जा सकें।

जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम को तोड़ने की तैयारी से जुड़े मुख्य बिंदु:

  • दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम की जगह एक आधुनिक स्पोर्ट्स सिटी विकसित करने की योजना बनाई जा रही है।
  • यह नई स्पोर्ट्स सिटी लगभग 102 एकड़ में बनेगी।
  • परियोजना अभी प्रस्तावित स्तर पर है, इसलिए निर्माण की समयसीमा तय नहीं की गई है।
  • खेल मंत्रालय की टीमें कतर और ऑस्ट्रेलिया की स्पोर्ट्स सिटी मॉडल्स का अध्ययन कर रही हैं, ताकि विश्वस्तरीय डिज़ाइन और सुविधाएँ बनाई जा सकें।
  • स्टेडियम परिसर में स्थित NADA और NDTL समेत अन्य कार्यालयों को अन्य जगह शिफ्ट किया जाएगा।
  • नई स्पोर्ट्स सिटी में ट्रेनिंग से लेकर अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों तक के लिए बहु-खेल सुविधाएँ उपलब्ध कराई जायेंगी।

दिल्ली में बनेगी आधुनिक ‘स्पोर्ट्स सिटी’, जेएलएन स्टेडियम को तोड़ने की तैयारी

  • पीटीआई के अनुसार, खेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी है कि जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम को ध्वस्त कर उसके स्थान पर एक नई, अत्याधुनिक स्पोर्ट्स सिटी विकसित की जाएगी। स्टेडियम परिसर में मौजूद सभी कार्यालयों, जिनमें नेशनल डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) और नेशनल डोप टेस्टिंग लैब (NDTL) शामिल हैं, को अन्य स्थानों पर स्थानांतरित किया जाएगा।
  • नई स्पोर्ट्स सिटी का उद्देश्य एक बहु-खेल सुविधा तैयार करना है, जिसमें प्रशिक्षण से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल आयोजनों के संचालन तक के लिए विश्व स्तरीय आधारभूत संरचना उपलब्ध होगी।
  • अहमदाबाद स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स इस मॉडल का एक प्रमुख उदाहरण माना जाता है, जहां क्रिकेट, जलक्रीड़ा, टेनिस, एथलेटिक्स और अन्य खेलों के लिए उन्नत सुविधाएँ मौजूद हैं।
  • इस परियोजना का मुख्य मकसद खेलों के लिए एकीकृत, आधुनिक और समर्पित केंद्र विकसित करना है, जिससे भारत में उच्च स्तरीय खिलाड़ियों के प्रशिक्षण और बड़े खेल आयोजनों के आयोजन को प्रोत्साहन मिल सके।

जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम भारत की खेल विरासत का प्रमुख केंद्र

जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम को 1982 के एशियन गेम्स के लिए बनाया गया था और बाद में 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए इसे पुनर्निर्मित किया गया। यह लंबे समय से भारत के सबसे मशहूर मल्टी-स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में से एक रहा है। इस स्टेडियम में लगभग 60,000 दर्शकों के बैठने की क्षमता है। यहाँ बड़े एथलेटिक्स इवेंट, फुटबॉल मैच, संगीत कार्यक्रम और राष्ट्रीय समारोह, जिनमें स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम भी शामिल हैं, आयोजित किए गए हैं। यह स्टेडियम ऐतिहासिक रूप से भारतीय राष्ट्रीय एथलेटिक्स टीम का मुख्य होम वेन्यू रहा है।

विश्वस्तर की नई स्पोर्ट्स सिटी बनाने की तैयारी

नई स्पोर्ट्स सिटी को विश्वस्तरीय स्टेडियम बनाने के लिए खेल मंत्रालय की टीमें क़तर और ऑस्ट्रेलिया में मौजूद सफल स्पोर्ट्स सिटी मॉडल का अध्ययन कर रही हैं। इन अंतरराष्ट्रीय मॉडलों से सीख लेकर यहां की डिज़ाइन और सुविधाओं को अंतिम रूप दिया जाएगा। आपको बता दें कि इसी साल की शुरुआत में नई दिल्ली के जेएलएन स्टेडियम में वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप का आयोजन किया गया था। इस इवेंट के लिए एक मोंडो ट्रैक बिछाया गया था, जिसकी लागत लगभग 30 करोड़ रुपये थी।

जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम 2025-2026 से संबंधित मुख्य FAQS 

1. जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम को क्यों तोड़ा जाएगा?

उत्तर: सरकार इस स्थान पर एक आधुनिक और विश्वस्तरीय स्पोर्ट्स सिटी विकसित करना चाहती है, जिसमें खिलाड़ियों के प्रशिक्षण से लेकर बड़े अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट आयोजित करने तक की सुविधाएँ एक ही जगह मिल सकें।

2. नई स्पोर्ट्स सिटी कितने क्षेत्र में बनाई जाएगी?

उत्तर: नई स्पोर्ट्स सिटी लगभग 102 एकड़ भूमि पर विकसित की जाएगी।

3. नई स्पोर्ट्स सिटी किस तरह की सुविधाएँ प्रदान करेगी?

उत्तर: नई स्पोर्ट्स सिटी में मल्टी-डिसिप्लिन ट्रेनिंग सेंटर, इंटरनेशनल स्टैंडर्ड स्टेडियम, इंडोर एरीना, खेल विज्ञान केंद्र, स्विमिंग एरीना, और खिलाड़ियों के लिए हॉस्टल/रेज़िडेंशियल सुविधाएँ विकसित की जाएँगी।

4. क्या यह परियोजना निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी में होगी?

उत्तर: अभी इस पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन संभावना है कि इसे PPP मॉडल (सरकार + निजी सेक्टर साझेदारी) के तहत विकसित किया जाए।

5. जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम का ऐतिहासिक महत्व क्या है?

उत्तर: यह स्टेडियम 1982 एशियन गेम्स और 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स का मुख्य स्थल रहा है, इसमें 60,000 दर्शकों की क्षमता है और यह लंबे समय से भारतीय राष्ट्रीय एथलेटिक्स टीम का होम वेन्यू रहा है।

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