TCS vs Eduquity: आज के दौर में सरकारी नौकरी की परीक्षाएँ लाखों उम्मीदवारों के भविष्य का फैसला करती हैं। लेकिन जब इन परीक्षाओं को आयोजित करने वाली कंपनी पर ही सवाल उठने लगें, तो उम्मीदवारों का भरोसा डगमगाना स्वाभाविक है। हाल ही में, Eduquity Career Technologies Private Limited नाम की कंपनी सुर्खियों में रही है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम जानेंगे कि Eduquity कौन है, उसका विवादित इतिहास क्या है, और यह TCS जैसी कंपनी से कितनी अलग और बेहतर या बदतर है।
Eduquity कौन है और क्या है उसका विवादित इतिहास?
Eduquity एक बेंगलुरु-आधारित कंपनी है जो विभिन्न सरकारी और निजी संस्थानों के लिए परीक्षाएँ और मूल्यांकन सेवाएँ प्रदान करती है। कंपनी का दावा है कि उसने देश में ऑनलाइन परीक्षाओं की शुरुआत की और 10 करोड़ से अधिक उम्मीदवारों के लिए परीक्षा आयोजित की है।
TCS vs Eduquity: लेकिन, इसकी साख पर कई बार सवाल उठ चुके हैं। Eduquity के इतिहास में कुछ गंभीर आरोप और विवाद शामिल हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
- पेपर लीक और अनियमितताएँ: मध्य प्रदेश पटवारी परीक्षा (2023) और शिक्षक पात्रता परीक्षा (2022) में पेपर लीक और तकनीकी गड़बड़ियों के आरोप लगे। इन घटनाओं ने कंपनी की विश्वसनीयता पर बड़ा सवाल खड़ा किया।
- ब्लैकलिस्टेड होना: Directorate General of Training (DGT) द्वारा Eduquity को पहले ब्लैकलिस्ट किया जा चुका है। इसके बावजूद, कंपनी को अलग-अलग राज्यों और केंद्रीय स्तर पर परीक्षाएँ कराने के ठेके मिलते रहे हैं।
- कम बोली लगाना (Low Bidding): द 420.in की एक रिपोर्ट के अनुसार, Eduquity ने SSC परीक्षा का ठेका TCS के ₹350 प्रति उम्मीदवार की दर के मुकाबले ₹220 प्रति उम्मीदवार की कम दर पर हासिल किया। इस कम लागत की वजह से परीक्षा की गुणवत्ता पर सवाल उठते रहे हैं।
इन आरोपों से स्पष्ट है कि Eduquity का इतिहास विवादों से भरा रहा है, जिससे उम्मीदवारों के बीच चिंताएँ बढ़ गई हैं।
TCS और Eduquity: कौन है बेहतर?
जब परीक्षा कराने की बात आती है, तो TCS (Tata Consultancy Services) और Eduquity के बीच का अंतर साफ दिखाई देता है।
- अनुभव और प्रतिष्ठा (Experience and Reputation):
- TCS: TCSion की परीक्षा सेवाएँ, TCS iON, दशकों से कई बड़ी परीक्षाओं (जैसे SSC, बैंकिंग, आदि) को सफलतापूर्वक आयोजित करती आ रही है। इसकी तकनीक, सुरक्षा प्रोटोकॉल और पारदर्शिता को लेकर उम्मीदवारों का भरोसा काफी मजबूत है।
- Eduquity: Eduquity का अनुभव भी लंबा है, लेकिन इसका ट्रैक रिकॉर्ड विवादों से भरा हुआ है। बार-बार तकनीकी गड़बड़ियों और पेपर लीक के आरोपों ने इसकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाया है।
- तकनीक और बुनियादी ढाँचा (Technology and Infrastructure):
- TCS: TCS के पास एक मजबूत और विशाल तकनीकी बुनियादी ढाँचा है। इनके परीक्षा केंद्र अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होते हैं और सर्वर की क्षमता भी काफी ज़्यादा होती है, जिससे बड़ी संख्या में उम्मीदवारों को बिना किसी रुकावट के परीक्षा देने में मदद मिलती है।
- Eduquity: कई उम्मीदवारों ने Eduquity द्वारा आयोजित परीक्षाओं में तकनीकी समस्याओं, जैसे सर्वर क्रैश, माउस और कीबोर्ड के काम न करने, और प्रश्नों के गलत अनुवाद की शिकायतें की हैं।
- लागत और गुणवत्ता (Cost and Quality):
- Eduquity कम लागत पर सेवाएँ देती है, लेकिन अक्सर इसकी कीमत गुणवत्ता से चुकानी पड़ती है। वहीं, TCS की दरें भले ही थोड़ी ज़्यादा हों, लेकिन वे परीक्षा की सुरक्षा और सुचारु संचालन को सुनिश्चित करती हैं।
TCS vs Eduquity: यह तुलना साफ दिखाती है कि विश्वसनीयता, तकनीकी क्षमता और प्रतिष्ठा के मामले में TCS, Eduquity से कहीं बेहतर विकल्प है।
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क्या है उम्मीदवारों के लिए समाधान?
- पारदर्शिता की माँग: उम्मीदवारों को सरकार और परीक्षा आयोगों से परीक्षा प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता की माँग करनी चाहिए।
- मजबूत कंपनियों का चयन: सरकार को उन कंपनियों का चयन करना चाहिए जिनका ट्रैक रिकॉर्ड बेदाग हो और जिनकी तकनीकी क्षमता मजबूत हो, जैसे कि TCS या IBPS (Institute of Banking Personnel Selection)।