Ads

NDA के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार होंगे “सीपी राधाकृष्णन (CP Radhakrishnan)”: एक बड़ा राजनीतिक दांव

Avatar photo

Published on:

NDA के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार होंगे “सीपी राधाकृष्णन (CP Radhakrishnan)” एक बड़ा राजनीतिक दांव

भारतीय राजनीति में हर फैसला एक बड़ा संदेश देता है, और उपराष्ट्रपति पद का चुनाव इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। हाल ही में, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन (CP Radhakrishnan) को अपना उपराष्ट्रपति उम्मीदवार नामित कर एक बड़ा राजनीतिक दांव खेला है। जगदीप धनखड़ के इस्तीफा देने के बाद खाली हुए इस महत्वपूर्ण पद के लिए, कई नामों पर अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में सीपी राधाकृष्णन के नाम पर मुहर लगाकर सबको चौंका दिया। 

यह फैसला न केवल उनके लंबे और बेदाग राजनीतिक करियर को दर्शाता है, बल्कि इसके पीछे एक गहरी रणनीतिक सोच भी है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम जानेंगे कि कौन हैं सीपी राधाकृष्णन, उनका राजनीतिक सफर कैसा रहा है, और इस निर्णय से NDA ने कौन से राजनीतिक समीकरण साधने की कोशिश की है।

कौन हैं सीपी राधाकृष्णन: एक संक्षिप्त परिचय

चंद्रपुरम पोन्नुस्वामी राधाकृष्णन, जिन्हें सीपी राधाकृष्णन के नाम से जाना जाता है, तमिलनाडु की राजनीति और सार्वजनिक जीवन में एक जाना-पहचाना नाम हैं। उनका जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में हुआ था। उनकी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक समर्पित कार्यकर्ता के रूप में हुई। RSS की विचारधारा और अनुशासन ने उनके सार्वजनिक जीवन की नींव रखी, जो आगे चलकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक वरिष्ठ नेता के रूप में फली-फूली।

  • मूल स्थान: तिरुपुर, तमिलनाडु
  • शिक्षा: बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक
  • आरंभिक जीवन: RSS के स्वयंसेवक के रूप में राजनीतिक करियर की शुरुआत
  • संसदीय अनुभव: 1998 और 1999 में कोयंबटूर से दो बार लोकसभा सांसद चुने गए।
  • संगठन में भूमिका: 2003 से 2006 तक तमिलनाडु में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे।
  • राज्यपाल के रूप में: वे झारखंड के राज्यपाल (फरवरी 2023 से जुलाई 2024) और वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। इसके अलावा, उन्होंने तेलंगाना और पुडुचेरी के राज्यपाल/उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला है।

राधाकृष्णन को उनके विनम्र स्वभाव, गहन राजनीतिक समझ और मजबूत संगठनात्मक कौशल के लिए जाना जाता है। उन्होंने जमीनी स्तर पर काम करते हुए अपनी पहचान बनाई और हमेशा सामुदायिक सेवा को प्राथमिकता दी।

इस फैसले के पीछे का बड़ा राजनीतिक समीकरण

NDA द्वारा सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनाने का फैसला सिर्फ योग्यता पर आधारित नहीं है, बल्कि यह एक बहुआयामी रणनीति का हिस्सा है। इस एक कदम से बीजेपी ने कई राजनीतिक और सामाजिक समीकरणों को साधने की कोशिश की है।

दक्षिण भारत और तमिलनाडु पर फोकस

  • दक्षिण का कार्ड: यह एक सर्वविदित तथ्य है कि बीजेपी को दक्षिण भारत में अपनी पैठ बनाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। तमिलनाडु जैसे महत्वपूर्ण राज्य में, जहां क्षेत्रीय दल मजबूत हैं, सीपी राधाकृष्णन का नाम आगे करके बीजेपी ने एक मजबूत संदेश दिया है। यह कदम दक्षिणी राज्यों में बीजेपी के प्रति विश्वास बढ़ाने और पार्टी को अधिक स्वीकार्य बनाने में सहायक हो सकता है।
  • DMK और AIADMK के गढ़ में सेंध: तमिलनाडु में सत्तारूढ़ DMK और प्रमुख विपक्षी दल AIADMK के प्रभुत्व को चुनौती देने के लिए, एक तमिल नेता को राष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण पद पर लाना एक सोची-समझी रणनीति है। इससे राज्य के मतदाताओं में यह भावना पैदा हो सकती है कि बीजेपी उनकी पहचान और संस्कृति का सम्मान करती है।

RSS का मजबूत चेहरा

  • संघ का भरोसा: सीपी राधाकृष्णन की पृष्ठभूमि RSS से जुड़ी है। उनका नाम आगे करके बीजेपी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि संगठन के निष्ठावान और अनुभवी कार्यकर्ताओं को महत्वपूर्ण संवैधानिक पदों पर प्राथमिकता दी जाएगी। यह पार्टी के मूल सिद्धांतों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।

राज्यपाल के रूप में अनुभव

  • अनुभवी प्रशासक: झारखंड और महाराष्ट्र जैसे महत्वपूर्ण राज्यों के राज्यपाल के रूप में, राधाकृष्णन ने संवैधानिक पदों की गरिमा और जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया है। उनका यह अनुभव उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए एक आदर्श उम्मीदवार बनाता है। उपराष्ट्रपति, राज्यसभा के पदेन सभापति के रूप में कार्य करता है, और इस भूमिका के लिए एक अनुभवी प्रशासक का होना अत्यंत आवश्यक है।

उपराष्ट्रपति का पद: शक्तियाँ और महत्व

भारतीय संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति का पद राष्ट्रपति के बाद दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद है। यह पद कई महत्वपूर्ण शक्तियों और जिम्मेदारियों से लैस है।

  • राज्यसभा का पदेन सभापति: उपराष्ट्रपति राज्यसभा (संसद का उच्च सदन) के पदेन सभापति होते हैं। उनकी मुख्य जिम्मेदारी सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से संचालित करना, अनुशासन बनाए रखना और विधेयकों पर चर्चा को नियंत्रित करना है।
  • राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में कार्यभार: यदि राष्ट्रपति का पद किसी कारणवश खाली हो जाता है (जैसे त्यागपत्र, मृत्यु या महाभियोग), तो उपराष्ट्रपति नए राष्ट्रपति के चुनाव होने तक कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करते हैं। इस अवधि के दौरान, उन्हें राष्ट्रपति की सभी शक्तियाँ और विशेषाधिकार प्राप्त होते हैं।
  • संविधान का संरक्षक: उपराष्ट्रपति संवैधानिक मूल्यों और गरिमा के संरक्षक के रूप में कार्य करते हैं।

इस पद के महत्व को जगदीप धनखड़ के कार्यकाल से समझा जा सकता है। उन्होंने राज्यसभा में महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने और सदन में अनुशासन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सीपी राधाकृष्णन के पास भी यह अनुभव है कि वे इस भूमिका को बखूबी निभा सकते हैं।

चुनाव प्रक्रिया और संख्या बल

उपराष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के सभी सदस्य (निर्वाचित और मनोनीत) शामिल होते हैं। यह चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा होता है।

  • कुल निर्वाचक: 788 (543 लोकसभा सदस्य + 245 राज्यसभा सदस्य)
  • जीत के लिए आवश्यक वोट: कुल वोटों के 50% से अधिक।

वर्तमान संख्या बल को देखते हुए, NDA के उम्मीदवार की जीत लगभग तय है। लोकसभा में NDA का मजबूत बहुमत और राज्यसभा में बढ़ती ताकत यह सुनिश्चित करती है कि सीपी राधाकृष्णन को इस चुनाव में कोई चुनौती नहीं मिलेगी। 2022 के उपराष्ट्रपति चुनाव में NDA के उम्मीदवार को 788 में से 528 वोट मिले थे, जो उनके संख्या बल को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

निष्कर्ष: एक रणनीतिक चाल, एक नया अध्याय

सीपी राधाकृष्णन को NDA का उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनाना एक दूरगामी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है। यह कदम न केवल एक अनुभवी और निष्ठावान नेता को सम्मानित करता है, बल्कि दक्षिण भारत, विशेष रूप से तमिलनाडु में बीजेपी की राजनीतिक आकांक्षाओं को भी बल देता है। 

उनका शांत, अनुभवी और सुलझा हुआ व्यक्तित्व उन्हें इस गरिमामयी पद के लिए एक आदर्श उम्मीदवार बनाता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी जीत के बाद, वे राज्यसभा के सभापति के रूप में क्या नई भूमिकाएँ निभाते हैं और किस तरह से भारत के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करते हैं।

Join WhatsApp

Join Now

Samachar Khabar

समाचार ख़बर एक हिंदी न्यूज़ वेबसाइट है जहाँ आपको ट्रेंडिंग टॉपिक्स पर हर रोज ताज़ा ख़बरें मिलती हैं। हमारे साथ जुड़े रहें और पाएं पूरी दुनिया की खबरे Samachar Khabar पर।_________________________________________________________________________________Stay updated on Education, Health, Politics, and Tech with the latest news and trends. Follow us for breaking updates and expert insights. Your one-stop destination for all the latest developments!

Latest Stories

Leave a Comment