एशियन चैंपियनशिप 2025: भारतीय खेलों के इतिहास में कुछ नाम ऐसे होते हैं जो बार-बार अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हैं। ऐसा ही एक नाम है मनु भाकर। टोक्यो ओलंपिक में भले ही उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन न कर पाई हों, लेकिन इस युवा निशानेबाज ने कभी हार नहीं मानी। हाल ही में एशियन चैंपियनशिप में मनु भाकर ने बंदूक से फिर दिखाया दम, जब उन्होंने एक नहीं, बल्कि दो मेडल जीत कर न सिर्फ भारत का मान बढ़ाया, बल्कि पेरिस ओलंपिक के लिए अपनी राह को और भी मजबूत कर लिया।
उनकी यह जीत सिर्फ मेडल जीतने तक सीमित नहीं है, यह वापसी की कहानी है, दृढ़ निश्चय की मिसाल है और यह बताती है कि हार के बाद भी कैसे उठकर खड़ा हुआ जाता है। मनु ने दिखाया कि मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों में भी उनका निशाना अचूक है।
मनु भाकर की ऐतिहासिक जीत: दो मेडल, दो अलग कहानी
एशियन चैंपियनशिप में मनु भाकर का प्रदर्शन असाधारण रहा। उन्होंने दो अलग-अलग इवेंट्स में मेडल जीते, जिनमें से एक गोल्ड और दूसरा सिल्वर था। यह दर्शाता है कि वह सिर्फ एक इवेंट तक सीमित नहीं हैं, बल्कि विभिन्न श्रेणियों में भी उनकी पकड़ उतनी ही मजबूत है।
10m एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम में गोल्ड की चमक
इस चैंपियनशिप में मनु ने सबसे पहले 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम इवेंट में गोल्ड मेडल जीता। उनके जोड़ीदार थे भारतीय शूटर सरबजोत सिंह। दोनों ने फाइनल में मिलकर चीन की जोड़ी को मात दी। यह मुकाबला बेहद रोमांचक था, जहाँ एक-एक शॉट महत्वपूर्ण था। मनु और सरबजोत ने बेहतरीन तालमेल दिखाया और अपने प्रतिद्वंदियों को कोई मौका नहीं दिया। यह जीत इसलिए भी खास थी क्योंकि चीन की टीम निशानेबाजी में एक बड़ी ताकत मानी जाती है।
25m पिस्टल टीम इवेंट में सिल्वर का जलवा
इसके बाद, मनु ने 25 मीटर पिस्टल टीम इवेंट में भी कमाल दिखाया। इस बार उनकी टीम में ईशा सिंह और रिदम सांगवान थीं। तीनों ने मिलकर टीम इंडिया के लिए सिल्वर मेडल पक्का किया। हालाँकि, इस इवेंट में गोल्ड मेडल चीन की टीम के खाते में गया, लेकिन भारतीय लड़कियों का प्रदर्शन सराहनीय रहा। यह मेडल बताता है कि भारत की महिला निशानेबाजी टीम कितनी मजबूत और एकजुट है।
यह सिर्फ मेडल नहीं, पेरिस ओलंपिक का टिकट भी है
मनु भाकर की यह जीत केवल मेडल तक ही सीमित नहीं है। यह जीत आने वाले पेरिस ओलंपिक के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। ओलंपिक में कोटा हासिल करना और अपनी फॉर्म को बरकरार रखना हर एथलीट के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है। एशियन चैंपियनशिप में मनु भाकर का यह प्रदर्शन उन्हें पेरिस ओलंपिक में एक मजबूत दावेदार बनाता है।
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भारतीय निशानेबाजी दल पहले ही कई ओलंपिक कोटा हासिल कर चुका है, और मनु भाकर जैसी प्रतिभाशाली शूटर की शानदार फॉर्म टीम इंडिया की उम्मीदों को और बढ़ा देती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, मनु भाकर अब तक 20 से अधिक अंतरराष्ट्रीय मेडल जीत चुकी हैं, जिनमें कई वर्ल्ड कप और एशियन गेम्स के मेडल शामिल हैं। यह आंकड़ा उनकी लगातार अच्छी परफॉर्मेंस को दर्शाता है।
एशियन चैंपियनशिप 2025: चुनौतियों से भरी मनु की राह
निशानेबाजी एक ऐसा खेल है जहाँ हर शॉट पर मानसिक दबाव बहुत ज़्यादा होता है। मनु भाकर ने भी अपने करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। टोक्यो ओलंपिक में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद कई लोगों ने उनकी आलोचना की। लेकिन उन्होंने इन सब को अपनी कमजोरी नहीं, बल्कि ताकत बनाया।
उनकी राह में आने वाली कुछ मुख्य चुनौतियाँ:
- मानसिक दबाव: बड़े टूर्नामेंट्स में खुद को शांत रखना और अपनी लय न खोना सबसे कठिन होता है। मनु ने यह कला बखूबी सीखी है।
- लगातार प्रैक्टिस: निशानेबाजी में सफलता का एक ही मंत्र है – घंटों की अथक प्रैक्टिस। मनु रोज़ाना अपनी स्किल को निखारने में घंटों बिताती हैं।
- चोट और थकान: पेशेवर खेल में चोट और थकान आम है, लेकिन सही मैनेजमेंट के साथ खिलाड़ी इनसे पार पा सकते हैं।
- प्रतियोगिता का स्तर: वैश्विक स्तर पर निशानेबाजी में प्रतियोगिता बहुत कड़ी है। हर नया टूर्नामेंट एक नई चुनौती लेकर आता है।
एशियन चैंपियनशिप 2025: भारतीय शूटिंग का बढ़ता कद
यह सिर्फ मनु भाकर की जीत नहीं है, बल्कि यह भारतीय निशानेबाजी के बढ़ते कद का भी प्रतीक है। भारत अब निशानेबाजी में एक वर्ल्ड पावर के रूप में उभर रहा है। मनु के अलावा, अनीश भानवाला, ईशा सिंह, और रिदम सांगवान जैसे कई युवा शूटर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन कर रहे हैं।
एक प्रेरणादायक कहानी
मनु भाकर की कहानी लाखों युवाओं के लिए एक प्रेरणा है। हरियाणा के झज्जर जिले की रहने वाली मनु ने बहुत कम उम्र में ही निशानेबाजी में अपनी प्रतिभा दिखा दी थी। 2018 के यूथ ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर उन्होंने दुनिया को चौंका दिया था। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
उनकी कुछ प्रमुख उपलब्धियां:
- 2018 यूथ ओलंपिक में गोल्ड मेडल: इस जीत ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया।
- वर्ल्ड कप में कई गोल्ड मेडल: उन्होंने कई वर्ल्ड कप प्रतियोगिताओं में भारत को गोल्ड मेडल दिलाए हैं।
- कॉमनवेल्थ गेम्स में रिकॉर्ड: 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने रिकॉर्ड-ब्रेकिंग प्रदर्शन किया था।
यह सब बताती हैं कि मनु भाकर कितनी मेहनती और समर्पित खिलाड़ी हैं। उनका फोकस हमेशा अपने खेल को बेहतर बनाने पर रहा है।
निष्कर्ष
एशियन चैंपियनशिप 2025: मनु भाकर ने बंदूक से फिर दिखाया दम, और यह दुनिया को दिखा दिया कि वह अभी भी भारत की सबसे बेहतरीन निशानेबाजों में से एक हैं। एशियन चैंपियनशिप में उनकी डबल मेडल जीत न सिर्फ उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। यह जीत पेरिस ओलंपिक की तैयारी के लिए एक बड़ी प्रेरणा है।