Manu Bhaker Net Worth in 2025: जब बात भारतीय निशानेबाजी की होती है, तो एक नाम जो सबसे पहले दिमाग में आता है, वह है मनु भाकर। महज 22 साल की उम्र में, हरियाणा की इस युवा सनसनी ने न सिर्फ ओलंपिक में इतिहास रचा है, बल्कि अपनी मेहनत और लगन से एक शानदार करियर और प्रभावशाली नेट वर्थ भी बनाई है। हर कोई यह जानने को उत्सुक है कि इस युवा खिलाड़ी की मनु भाकर नेट वर्थ कितनी है, और वह किन-किन स्रोतों से इतनी कमाई करती हैं।
यह ब्लॉग पोस्ट आपको मनु भाकर की कुल संपत्ति के बारे में विस्तार से जानकारी देगा। हम उनके करियर की यात्रा, कमाई के विभिन्न स्रोत, और उनके ब्रांड वैल्यू में हाल ही में आई उछाल पर गहराई से चर्चा करेंगे।
मनु भाकर की कुल संपत्ति: एक अनुमान
अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स और वित्तीय अनुमानों के अनुसार, 2024 के अंत तक मनु भाकर की कुल संपत्ति (Manu Bhaker Net Worth) लगभग 12 करोड़ रुपये (करीब $1.5 मिलियन) बताई गई है। यह आंकड़ा उनके पेरिस ओलंपिक 2024 में शानदार प्रदर्शन के बाद से कई गुना बढ़ गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, ओलंपिक से पहले उनकी नेट वर्थ करीब 60 लाख रुपये थी।
यह नाटकीय वृद्धि दिखाती है कि कैसे खेल में सफलता और राष्ट्रीय पहचान किसी एथलीट की वित्तीय स्थिति को पूरी तरह से बदल सकती है।
मनु भाकर की कमाई के मुख्य स्रोत
मनु भाकर की कमाई सिर्फ पुरस्कार राशि तक सीमित नहीं है। उनकी आय के कई अलग-अलग स्रोत हैं, जो उनकी कुल संपत्ति में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। आइए इन स्रोतों पर एक नजर डालते हैं:
1. खेल प्रतियोगिताओं से मिली पुरस्कार राशि
यह उनकी आय का सबसे सीधा और महत्वपूर्ण स्रोत है। मनु ने अपने करियर में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीते हैं, जिनमें से प्रत्येक पदक के लिए उन्हें अच्छी खासी पुरस्कार राशि मिलती है।
- पेरिस ओलंपिक 2024: मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक 2024 में दो कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा। एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली वह भारत की पहली महिला एथलीट बन गईं।
- सरकार और संघों से मिलने वाले नकद पुरस्कार: हरियाणा सरकार और भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) जैसे संगठन पदक जीतने वाले एथलीटों को बड़ी नकद राशि देते हैं। पेरिस ओलंपिक में दो कांस्य पदक के लिए भी उन्हें हरियाणा सरकार और भारतीय ओलंपिक संघ से भारी नकद पुरस्कार मिला है।
- अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं: आईएसएसएफ वर्ल्ड कप, कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स जैसे टूर्नामेंटों में पदक जीतने पर भी उन्हें अच्छी राशि मिलती है।
2. ब्रांड एंडोर्समेंट और प्रायोजन
किसी भी लोकप्रिय एथलीट के लिए ब्रांड एंडोर्समेंट कमाई का एक बड़ा जरिया होता है, और मनु भाकर भी इससे अछूती नहीं हैं। ओलंपिक में उनकी सफलता के बाद उनकी ब्रांड वैल्यू में जबरदस्त उछाल आया है।
- एंडोर्समेंट फीस में वृद्धि: पेरिस ओलंपिक से पहले उनकी एंडोर्समेंट फीस 8 लाख से 30 लाख रुपये के बीच थी, जो अब बढ़कर लगभग 1.5 करोड़ रुपये प्रति एंडोर्समेंट हो गई है।
- प्रमुख ब्रांडों के साथ जुड़ाव: कई बड़ी कंपनियां अब मनु भाकर को अपने ब्रांड का चेहरा बनाना चाहती हैं। जनसत्ता की एक रिपोर्ट के अनुसार, 40 से अधिक ब्रांड्स ने उनसे संपर्क किया है। उन्होंने पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय की ब्रांड एंबेसडर के रूप में भी काम किया है।
- पुरस्कार के रूप में लग्जरी गाड़ियां: टाटा मोटर्स ने पेरिस ओलंपिक में उनके प्रदर्शन के सम्मान में उन्हें एक इलेक्ट्रिक एसयूवी, टाटा कर्व ईवी, उपहार में दी है।
3. सरकारी और गैर-सरकारी सहायता
एक एथलीट के रूप में, मनु भाकर को सरकार और विभिन्न संगठनों से ट्रेनिंग, कोच और सुविधाओं के लिए लगातार वित्तीय सहायता मिलती रहती है। यह उनके करियर के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करती है। भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) ने उनकी ट्रेनिंग पर करोड़ों रुपये खर्च किए हैं, जो उनकी सफलता में एक बड़ा निवेश है।
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एक सफलता की कहानी: छोटी उम्र में बड़ी पहचान
मनु भाकर का करियर सिर्फ कमाई से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत की एक प्रेरणादायक कहानी है।
- शुरुआती जीवन: हरियाणा के गोरिया गांव में जन्मी मनु ने निशानेबाजी में आने से पहले मुक्केबाजी, कराटे और स्केटिंग जैसे कई खेलों में हाथ आजमाया। 14 साल की उम्र में उन्होंने अपने पिता के सहयोग से निशानेबाजी शुरू की।
- रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन: साल 2017 में केरल में आयोजित राष्ट्रीय चैंपियनशिप में उन्होंने 9 स्वर्ण पदक जीतकर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया।
- असाधारण उपलब्धियां:
- 2018 में, 16 साल की उम्र में कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक।
- उसी साल आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में स्वर्ण पदक जीतने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय।
- पेरिस ओलंपिक 2024 में दो ऐतिहासिक कांस्य पदक।
भविष्य की संभावनाएं और करियर की राह
मनु भाकर का करियर अभी शुरुआती चरण में है। आने वाले वर्षों में, उनकी नेट वर्थ में और भी वृद्धि होने की संभावना है।
- आईआईएम रोहतक में पढ़ाई: मनु ने हाल ही में आईआईएम रोहतक से स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कोर्स में दाखिला लेने का फैसला किया है। यह कदम उनके करियर को एक नया आयाम देगा, जिससे वह खेल के व्यावसायिक पहलू को भी समझ सकेंगी और भविष्य में बड़ी भूमिकाएं निभा सकेंगी।
- ओलंपिक 2028: लॉस एंजिल्स में होने वाले अगले ओलंपिक में भी उनसे पदक की उम्मीदें हैं, जो निश्चित रूप से उनके करियर और ब्रांड वैल्यू को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
निष्कर्ष
मनु भाकर नेट वर्थ सिर्फ एक संख्या नहीं है, बल्कि उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और खेल में शानदार प्रदर्शन का परिणाम है। 22 साल की उम्र में इतनी बड़ी सफलता हासिल करना कई युवाओं के लिए एक प्रेरणा है। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि प्रतिभा और मेहनत का सही तालमेल न केवल देश का गौरव बढ़ाता है, बल्कि व्यक्तिगत जीवन में भी समृद्धि लाता है।