भारतीय आईटी उद्योग, जो कभी लाखों लोगों के लिए रोजगार का एक सुरक्षित ठिकाना माना जाता था, अब एक बड़े बदलाव से गुजर रहा है। हाल ही में, TCS (Tata Consultancy Services) और Cisco जैसी दिग्गज कंपनियों द्वारा बड़े पैमाने पर की गई छंटनी ने इस सेक्टर में चिंता की लहर पैदा कर दी है।
ये छंटनी सिर्फ आकस्मिक घटनाएं नहीं हैं, बल्कि ये एक गहरी और संरचनात्मक बदलाव की ओर इशारा करती हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में हम इन छंटनियों के कारणों, उनके प्रभाव और भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स के लिए आगे के रास्ते पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
क्यों हो रही है यह छंटनी?
इन छंटनियों के पीछे कई प्रमुख कारण हैं, जो वैश्विक और आंतरिक दोनों हैं:
1. AI और ऑटोमेशन का बढ़ता प्रभाव
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) जैसी प्रौद्योगिकियों ने कई पारंपरिक आईटी कार्यों को स्वचालित कर दिया है। रिपोर्टों के अनुसार, TCS ने मुख्य रूप से उन कर्मचारियों को निशाना बनाया है जिनकी स्किल्स अब अप्रासंगिक हो चुकी हैं। यह दर्शाता है कि कंपनियां अब AI-आधारित समाधानों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही हैं, जिससे मैनुअल और दोहराए जाने वाले काम कम हो रहे हैं। इसी तरह, Cisco ने भी AI और साइबर सिक्योरिटी जैसे क्षेत्रों पर अपना ध्यान केंद्रित करने के लिए 6,000 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की है।
2. वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता
वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी और मुद्रास्फीति का डर IT खर्च पर सीधा असर डाल रहा है। कई अंतरराष्ट्रीय ग्राहक अब अपने आईटी प्रोजेक्ट्स पर कम खर्च कर रहे हैं, जिससे भारतीय आईटी कंपनियों के रेवेन्यू और मुनाफे पर दबाव पड़ रहा है। इस दबाव के कारण, कंपनियां लागत कम करने के लिए छंटनी को एक रणनीति के रूप में अपना रही हैं।
3. अत्यधिक हायरिंग का परिणाम
महामारी के बाद के ‘टेक बूम’ के दौरान, कई कंपनियों ने अत्यधिक संख्या में कर्मचारियों की भर्ती की थी। अब जब बाजार सामान्य हो रहा है और मांग कम हो रही है, तो कंपनियां अपने कार्यबल को ‘ऑप्टिमाइज़’ कर रही हैं। यह छंटनी उस अत्यधिक भर्ती का एक प्राकृतिक परिणाम है, जहां कर्मचारियों की संख्या अब व्यावसायिक जरूरतों से अधिक हो गई है।
4. स्किल गैप (कौशल अंतराल)
यह एक महत्वपूर्ण कारण है। कंपनियों को अब उन कर्मचारियों की तलाश है जो नई और उभरती हुई तकनीकों, जैसे कि क्लाउड कंप्यूटिंग, डेटा साइंस, AI/ML और साइबर सिक्योरिटी में कुशल हैं। जिन कर्मचारियों के पास पुरानी टेक्नोलॉजी का ज्ञान है, वे इस नई मांग के साथ तालमेल नहीं बिठा पा रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 25% से अधिक फ्रेशर्स अभी भी बेरोजगार हैं क्योंकि उनमें उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप कौशल की कमी है।
भारतीय आईटी कर्मचारियों पर प्रभाव
यह छंटनी सिर्फ कंपनियों के लिए एक रणनीतिक कदम नहीं है, बल्कि इसका सीधा और गहरा असर उन हजारों भारतीय परिवारों पर पड़ रहा है जो इस सेक्टर पर निर्भर हैं।
- मानसिक तनाव और अनिश्चितता: नौकरी खोने का डर कर्मचारियों में भारी मानसिक तनाव पैदा कर रहा है। अनिश्चितता का माहौल उनकी उत्पादकता और मनोबल को प्रभावित करता है।
- मध्यम और वरिष्ठ स्तर के कर्मचारियों पर दबाव: TCS और Cisco दोनों ने ही मुख्य रूप से मध्य और वरिष्ठ स्तर के कर्मचारियों को प्रभावित किया है। इन कर्मचारियों के पास अक्सर उच्च वेतन पैकेज होते हैं, और उनकी जगह नए, कम वेतन वाले प्रोफेशनल्स को लाना कंपनियों के लिए लागत-प्रभावी होता है।
- नौकरी ढूंढने में चुनौती: जिन लोगों को नौकरी से निकाला गया है, उनके लिए तुरंत दूसरी नौकरी ढूंढना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर अगर उनके पास नई तकनीकों का ज्ञान न हो।
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आगे का रास्ता: कैसे रहें सुरक्षित?
इस बदलती दुनिया में, सिर्फ नौकरी करना ही काफी नहीं है, बल्कि लगातार खुद को अपडेट रखना भी जरूरी है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं:
- स्किल अपग्रेडेशन पर ध्यान दें:
- AI/ML और डेटा साइंस: ये भविष्य की टेक्नोलॉजी हैं। Python, R, TensorFlow, PyTorch और डेटा एनालिटिक्स के कोर्स करें।
- क्लाउड कंप्यूटिंग: Amazon Web Services (AWS), Microsoft Azure, और Google Cloud Platform (GCP) जैसी क्लाउड टेक्नोलॉजी में प्रमाणन (certifications) प्राप्त करें।
- साइबर सिक्योरिटी: आज हर कंपनी के लिए डेटा सुरक्षा एक बड़ी प्राथमिकता है।
- नेटवर्किंग को प्राथमिकता दें:
- अपने प्रोफेशनल नेटवर्क को मजबूत करें। लिंक्डइन (LinkedIn) पर सक्रिय रहें और उद्योग के इवेंट्स में भाग लें।
- अपने पूर्व और वर्तमान सहकर्मियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखें, क्योंकि कई नौकरियां रेफरल से मिलती हैं।
- अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग करें:
- एक आपातकालीन फंड (emergency fund) बनाएं जो कम से कम 6-12 महीनों के खर्चों को कवर कर सके।
- कर्ज को कम करें और गैर-जरूरी खर्चों को सीमित करें।
- लचीलापन (Flexibility) अपनाएं:
- नई भूमिकाओं और अवसरों के लिए खुले रहें।
- फ्रीलांसिंग या गिग इकोनॉमी (gig economy) के कामों के लिए भी तैयार रहें।
निष्कर्ष: बदलाव ही एकमात्र स्थिर है
TCS और Cisco में छंटनी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि आईटी सेक्टर में बदलाव की रफ्तार कितनी तेज है। यह एक चेतावनी है कि जो लोग खुद को अपडेट नहीं करेंगे, वे पीछे रह जाएंगे। लेकिन यह सिर्फ एक खतरा नहीं, बल्कि एक अवसर भी है। यह उन लोगों के लिए एक मौका है जो सीखने और आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। यह समय घबराने का नहीं, बल्कि खुद को मजबूत करने का है। अपनी स्किल्स में निवेश करें, अपने नेटवर्क का विस्तार करें और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहें।
क्या आप भी IT सेक्टर में हैं? हमें कमेंट में बताएं कि आप इस बदलाव के लिए खुद को कैसे तैयार कर रहे हैं!