अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय व इतिहास | Albert Einstein Biography, History and Quotes [Hindi]

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Albert Einstein Birthday: आज 14 मार्च को महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन (Albert Einstein) की जन्मतिथि है. दुनिया के सबसे ज्यादा मशहूर वैज्ञानिकों में से एक आइंस्टाइन ने दुनिया को रिलेटिविटी थ्योरी दी, जो विज्ञान की दुनिया में एक चमत्कार ही है. वैसे आइंस्टीन एक तरफ अपने जीनियस और खोजी दिमाग के लिए जाने जाते हैं तो दूसरी ओर उनकी भुलक्कड़ी के किस्से भी कुछ कम नहीं हैं. उनकी खराब याददाश्त को लेकर कई बातें वैज्ञानिक तबके में बताई जाती रही थीं. पढ़ें, आइंस्टीन की याददाश्त के कुछ दिलचस्प किस्से. अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय, शिक्षा, आविष्कार, आइक्यू, दिमाग, सुविचार, जयंती एवं रोचक तथ्य। (Albert Einstein Biography in Hindi , Birthday, Education, IQ, Inventions, IQ Level, Brain, Quotes In Hindi)

अल्बर्ट आइंस्टीन एक भौतिक वैज्ञानिक, लेखक और एक शिक्षक थे। उनका जन्म 14 मार्च 1879 में जर्मनी के उल्म में हुआ था। उन्हें रिलेटिविटी के क्षेत्र में योगदान के लिए जाना जाता है। अल्बर्ट आइंस्टीन को ‘मास एनर्जी इक्वेशन’ (E=mc²) के लिए भी जाना जाता है, जिसने बाद में एटम बम बनाने वाली सबसे प्रसिद्ध इक्वेशन को जन्म दिया। जनरल थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी पर आज भी उनके द्वारा किए गए काम को सराहा जाता है। साल 1921 में आइंस्टीन को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

Table of Contents

अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन परिचय व इतिहास  ( Albert Einstein Biography History In Hindi )

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म, परिवार, पुरस्कार और मृत्यु नीचे दी हुई सूची में दर्शाई गई है-

क्र.म.  जीवन परिचय बिंदु            जीवन परिचय
1.पूरा नामअल्बर्ट हेर्मन्न आइंस्टीन
2.जन्म14 मार्च 1879
3.जन्म स्थानउल्म (जर्मनी)
4.निवासजर्मनी, इटली, स्विट्ज़रलैंड, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, यूनाइटेड किंगडम, यूनाइटेड स्टेट्स
5.पिताहेर्मन्न आइंस्टीन
6.मातापौलिन कोच
7.पत्नीमरिअक (पहली पत्नी) एलिसा लोवेन्न थाल (दूसरी पत्नी)
8.शिक्षास्विट्ज़रलैंड, ज्यूरिच पॉलीटेक्निकल अकादमी
9.क्षेत्रभौतिकी
10.पुरस्कारभौतिकी का नॉबल पुरस्कार, मत्तयूक्की मैडल, कोपले मैडल, मैक्स प्लांक मैडल, शताब्दी के टाइम पर्सन
11.मृत्यु18 अप्रैल 1955

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म और शिक्षा (Albert Einstein education in Hindi)

अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च सन 1879 को जर्मनी के उल्म शहर में हुआ. किन्तु जर्मनी के म्युनिच शहर में वे बड़े हुए और इनकी शिक्षा का आरम्भ भी यही से हुआ. वे बचपन में पढ़ाई में बहुत ही कमजोर थे और उनके कुछ अध्यापकों ने उन्हें मानसिक रूप से विकलांग कहना शुरू कर दिया. 9 साल की उम्र तक वे बोलना नही जानते थे. वे प्रक्रति के नियमों, आश्चर्य की वेदना का अनुभव, कंपास की सुई की दिशा आदि में मंत्रमुग्ध रहते थे. उन्होंने 6 साल की उम्र में सारंगी बजाना शुरू किया और अपनी पूरी जिन्दगी में इसे बजाना जारी रखा. 12 साल की उम्र में इन्होंने ज्यामिति की खोज की एवं उसका सजग और कुछ प्रमाण भी निकाला. 16 साल की उम्र में, वे गणित के कठिन से कठिन हल को बड़ी आसानी से कर लेते थे.

अल्बर्ट आइंस्टीन का विवाह और बच्चे –

  • साल 1903 में अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपनी प्रेमिका और फेडरल पॉलिटेक्निक स्कूल की सहपाठी मिलेवा मेरिक के साथ शादी कर ली। इन दोनों का विवाह बर्न स्विजरलैंड में संपन्न हुआ। विवाह के एक वर्ष बाद ही साल 1904 में अल्बर्ट आइंस्टीन को एक बेटा भी पैदा हुआ जिसका नाम हंस अल्बर्ट आइंस्टीन था।
  • साल 1910 में उन्हें एक और बेटा पैदा हुआ जिसका नाम एडवार्ड आइंस्टीन था। हालांकि उनका यह दूसरा बेटा महज़ 20 साल की उम्र में ही मर गया था।
  • हालांकि अल्बर्ट आइंस्टीन का विवाह ज्यादा दिन तक चल नहीं पाया और आखिरकार 14 फरवरी 1919 को उनका उनकी पत्नी से तलाक हो गया।

अल्बर्ट आइंस्टीन के अविष्कार (Albert Einstein Inventions in hindi) –

अल्बर्ट आइंस्टीन ने बहुत से अविष्कार किये जिसके लिए उनका नाम प्रसिद्ध वैज्ञानिको में गिना जाने लगा. उनके कुछ अविष्कार इस प्रकार है-

प्रकाश की क्वांटम थ्योरी –

आइंस्टीन की प्रकाश की क्वांटम थ्योरी में उन्होंने ऊर्जा की छोटी थैली की रचना की जिसे फोटोन कहा जाता है, जिनमें तरंग जैसी विशेषता होती है. उनकी इस थ्योरी में उन्होंने कुछ धातुओं से इलेक्ट्रॉन्स के उत्सर्जन को समझाया. उन्होंने फोटो इलेक्ट्रिक इफ़ेक्ट की रचना की. इस थ्योरी के बाद उन्होंने टेलेविज़न का अविष्कार किया, जोकि द्रश्य को शिल्पविज्ञान के माध्यम से दर्शाया जाता है. आधुनिक समय में बहुत से ऐसे उपकरणों का अविष्कार हो चूका है.

E= MC square 

आइंस्टीन ने द्रव्यमान और ऊर्जा के बीच एक समीकरण प्रमाणित किया, उसको आज नुक्लेअर ऊर्जा कहते है.

ब्रोव्नियन मूवमेंट 

यह अल्बर्ट आइंस्टीन की सबसे बड़ी और सबसे अच्छी ख़ोज कहा जा सकता है, जहाँ उन्होंने परमाणु के निलंबन में जिगज़ैग मूवमेंट का अवलोकन किया, जोकि अणु और परमाणुओं के अस्तित्व के प्रमाण में सहायक है. हम सभी जानते है कि आज के समय में विज्ञान की अधिकतर सभी ब्रांच में मुख्य है. विज्ञान के चमत्कार निबंध यहाँ पढ़ें.

स्पेशल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी 

अल्बर्ट आइंस्टीन की इस थ्योरी में समय और गति के सम्बन्ध को समझाया है. ब्रम्हांड में प्रकाश की गति को निरंतर और प्रक्रति के नियम के अनुसार बताया है.

जनरल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी 

अल्बर्ट आइंस्टीन ने प्रस्तावित किया कि गुरुत्वाकर्षण स्पेस – टाइम कोंटीनूम में कर्व क्षेत्र है, जोकि द्रव्यमान के होने को बताता है.

मन्हात्तम प्रोजेक्ट –

अल्बर्ट आइंस्टीन ने मन्हात्तम प्रोजेक्ट बनाया, यह एक अनुसंधान है, जोकि यूनाइटेड स्टेट्स का समर्थन करता है, उन्होंने सन 1945 में एटॉमिक बम को प्रस्तावित किया. उसके बाद उन्होंने विश्व युद्ध के दौरान जापान में एटॉमिक बम का विनाश करना सिखा.

आइंस्टीन का रेफ्रीजरेटर –

यह अल्बर्ट आइंस्टीन का सबसे छोटा अविष्कार था, जिसके लिए वे प्रसिद्ध हुए. आइंस्टीन ने एक ऐसे रेफ्रीजरेटर का अविष्कार किया जिसमे अमोनिया, पानी, और ब्युटेन और ज्यादा से ज्यादा ऊर्जा का उपयोग हो सके. उन्होंने इसमें बहुत सी विशेषताओं को ध्यान में रखकर यह रेफ्रीजरेटर का अविष्कार किया.

आसमान नीला होता है –

यह एक बहुत ही आसान सा प्रमाण है कि आसमान नीला क्यों होता है किन्तु अल्बर्ट आइंस्टीन ने इस पर भी बहुत सी दलीलें पेश की.

इस तरह अल्बर्ट आइंस्टीन ने बहुत से अविष्कार किये जिसके लिए उनका नाम इतिहास में मशहूर हो गया.

अल्बर्ट आइंस्टीन के रोचक तथ्य (Albert Einstein interesting facts in Hindi) –

  • अल्बर्ट आइंस्टीन अपने आप को संशयवादी कहते थे, वे खुद को नास्तिक नहीं कहते थे.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन अपने दिमाग में ही सारे प्रयोग का हल निकाल लेते थे.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन बचपन में पढाई में और बोलने में कमजोर हुआ करते थे.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु के बाद एक वैज्ञानिक ने उनके दिमाग को चुरा लिया था, फिर वह 20 साल तक एक जार में बंद था.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन को नॉबल पुरस्कार भी मिला किन्तु उसकी राशि उन्हें नही मिल पाई.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन को राष्ट्रपति के पद के लिए भी अवसर मिला.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन युनिवर्सिटी की दाखिले की परीक्षा में फेल भी हो चुके है.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन की याददाश बहुत ख़राब होने के कारण, उनको किसी का नाम, नम्बर याद नही रहता था.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन की आँखे एक सुरक्षित डिब्बे में रखी हुई है.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन के पास खुद की गाड़ी नही थी, इसलिए उनको गाड़ी चलाना भी नहीं आता था.
  • अल्बर्ट आइंस्टीन का एक गुरुमंत्र था “अभ्यास ही सफलता का मूलमंत्र है”.

अल्बर्ट आइंस्टीन के सुविचार (Albert Einstein Quotes in Hindi)

  • वक्त बहुत कम है यदि हमें कुछ करना है तो अभी से शुरुआत कर देनी चाहिए.
  • आपको खेल के नियम सिखने चाहिए और आप किसी भी खिलाड़ी से बेहतर खेलेंगे.
  • मुर्खता और बुद्धिमता में सिर्फ एक फर्क होता है कि बुद्धिमता की एक सीमा होती है.

अल्बर्ट आइंस्टीन को पुरस्कार – Albert Einstein Awards

विज्ञान के क्षेत्र में उनके  अभूतपूर्व योगदान देने और महान खोजों के लिए अल्बर्ट आइंस्टीन को कई  पुरस्कारों से नवाज़ा गया, जो कि निम्नलिखित है –

  • साल 1921 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया।
  • साल 1921 में ही उन्हें मत्तयूक्की मैडल से नवाजा गया।
  • साल 1925 में आइंस्टीन को कोपले मैडल से भी नवाजा गया।
  • साल 1929 में मैक्स प्लांक मैडल से भी आइंस्टीन सम्मानित किया गया।
  • साल 1999 में उन्हें शताब्दी के टाइम पर्सन का पुरस्कार भी दिया गया।

अल्बर्ट आइंस्टीन की मृत्यु – Albert Einstein Death

जर्मनी में जब हिटलर शाही का समय आया  तो अल्बर्ट आइंस्टीन को यहूदी होने के कारण जर्मनी छोड़ कर अमेरिका के न्यजर्सी में आकर रहना पड़ा, जहां प्रिस्टन कॉलेज में काम करते हुए 18 अप्रैल, साल 1955 में उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली।

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अल्बर्ट आइंस्टीन ने महान खोजों के द्धारा विज्ञान के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला दी और मुश्किल से मुश्किल चीजों को बेहद आसान बना दिया। वहीं कई बार हार जाने के बाद भी वे रुके नहीं और अपने प्रयासों को एक दिन दुनिया के सामने लाकर  खुद को साबित किया और दुनिया के सामने एक मिसाल पेश की। 

ईश्वर पर लिख डाली चिट्ठी

आइंस्टीन के भौतिक शास्त्र के नियमों की तो दुनिया कायल है, लेकिन ईश्वर को लेकर वो क्या सोचते थे यह भी हर कोई जानना चाहता है। आइंस्टीन ने अपनी मृत्यु से एक साल पहले तीन जनवरी, 1954 को यह पत्र जर्मनी के दार्शनिक एरिक गटकाइंड को लिखा था। इस चिट्ठी में ईश्वर और धर्म के बारे में बातें लिखी थीं।

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अल्बर्ट आइंस्टाइन की मृत्यु (Albert Einstein Death)

जर्मनी में उस समय हिटलर का काफी दबाव बढ़ गया था और अल्बर्ट आइंस्टाइन यहूदी होने के कारण उन्हें जर्मनी छोड़कर अमेरिका के कैलिफोर्निया शहर में आकर रहना पड़ा था। और वहां कोलंबिया यूनिवर्सिटी में एक रिसर्च प्रोफेसर के रूप में काम कर रहे थे और वही 18 अप्रैल 1955 में उनकी मृत्यु हो गई

बिना अनुमति के चुराया दिमाग

आइंस्टीन का निधन 18 अप्रैल 1955 को प्रिंसटन अस्पताल में हुआ. उनके निधन के बाद बिना परिजनों की अनुमति से पैथोलॅाजिस्ट हार्वे ने उनके दिमाग को चुरा लिया. लेकिन जब ये बात सामने आई तो पैथोलॅाजिस्ट ने आइंस्टीन के बेटे से इसकी अनुमति प्राप्त की. लेकिन कहा गया कि इसका इस्तेमाल केवल विज्ञान के हितों के लिए किया जाएगा.

नोबेल पुरूस्कार

एल्बर्ट आइंस्टीन को 09 नवंबर, 1922 को उन्हें ‘सैद्धांतिक भौतिकी’ में अपनी सेवाओं के लिए और विशेष रूप से फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्‍ट की खोज के लिए ‘फिजिक्‍स में 1921 का नोबेल पुरूस्कार दिया गया था. इसके अलावा कहा जाता है कि आइंस्टीन ने प्रिंसटन कार्यालय में एक ब्लैकबोर्ड पर लिखा था कि ‘जो कुछ भी मायने रखता है उसे हमेशा गिना नहीं जा सकता है, और वह सब कुछ नहीं जो गिना जा सकता है, जरूरी नहीं वह मायने रखता हो’.

बोल भी नहीं पाते थे अल्बर्ट आइंस्टीन

अल्बर्ट समान्य बच्चो से अलग थे क्योंकि उनका सर सामान्य बच्चो से काफी बड़ा था और उन्हें बोलने में भी काफी कठिनाई होती थी। कहा जाता है कि अल्बर्ट आइंस्टीन लगभग चार सालों तक कुछ भी नही बोले लेकिन एक दिन उनके माता पिता दंग रह गए जब वो खाना खा रहे थे तो पहली बार अल्बर्ट बोले कि सूप खाफी गर्म है, पहली बार अल्बर्ट के मुख से कुछ सुनकर उनके माता पिता को बहुत खुशी हुई। बचपन मे अल्बर्ट आइंस्टीन को शांत रहना और अकेले घूमना बहुत पसंद था। वो अपने उम्र के लड़कों के साथ नही खेलते थे। वो हमेशा प्रक्रति और ब्रह्मांड के बारे में सोचते थे।


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