Budget 2022 Date India: Budget 2022 Date Time Live Telecast Update निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश करेंगी। केंद्रीय बजट 2022 का लोकसभा टीवी पर सीधा प्रसारण किया जाएगा। इसके अलावा डीडी न्यूज पर भी यह LIVE देखा जा सकता है।
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Budget 2022 Date India: संसद का बजट सत्र
संसद का बजट सत्र 31 जनवरी को शुरू हो रहा है. 31 जनवरी को इसकी शुरुआत दोनों सदनों में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से होगी। सत्र का पहला भाग 31 जनवरी से 11 फरवरी तक चलने वाला है। इसके बाद 14 मार्च से 8 अप्रैल तक चलेगा। पहले सत्र के दौरान ही एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी।
Budget 2022 Date India: बजट के बारे में खास बातें
- इसे वित्त मंत्रालय अन्य संबंधित मंत्रालयों के परामर्श से तैयार करता है।
- 2017 तक केंद्रीय बजट से अलग एक रेल बजट पेश किया गया था।
- 2017 से यह 1 फरवरी को सुबह 11 बजे वित्त मंत्री द्वारा लोकसभा में पेश किया जाता है। इससे पहले इसे फरवरी के आखिरी वर्किंग डे पर पेश किया गया था।
- बजट भाषण औसतन 90 मिनट से 120 मिनट तक का होता है।
- हालांकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 में सबसे लंबा बजट भाषण दिया था, जो लगभग 160 मिनट तक चला था।
- सीतारमण से पहले सबसे लंबा बजट भाषण जसवंत सिंह ने 2003 में दिया था, जो 135 मिनट का था।
- सबसे छोटे बजट भाषण का रिकॉर्ड हिरूभाई एम पटेल के नाम है, जिन्होंने 1977 में सिर्फ 800 शब्द बोले थे।
Budget 2022 Date India: 31 जनवरी को शुरू होगा बजट सत्र
संसद का बजट सत्र (Budget Session 2022 of Parliament ) 31 जनवरी को शुरू हो रहा है, जो 8 अप्रैल तक चलेगा। हालांकि, बीच में एक महीने का अवकाश होगा। सत्र का पहला भाग 31 जनवरी को शुरू होकर 11 फरवरी को समाप्त होगा। इसी दौरान बजट भी पेश होगा। फिर एक महीने के अवकाश के बाद सत्र का दूसरा भाग 14 मार्च से शुरू होगा, जो 8 अप्रैल को समाप्त होगा।
बजट के घटक क्या हैं?
बजट को राजस्व बजट और पूंजीगत बजट दो हिस्सों में गया है। राजस्व बजट में राजस्व प्राप्तियां और व्यय शामिल होते हैं। राजस्व प्राप्तियां (Revenue Receipts) दो प्रकार की होती हैं – टैक्स और नॉन टैक्स रेवेन्यू। सरकार के दिन-प्रतिदिन के कामकाज और नागरिकों को दी जाने वाली अलग-अलग सेवाओं पर किय गया खर्च राजस्व व्यय कहलाता है। पूंजी बजट (Capital Budget) में सरकार की पूंजी प्राप्तियां और पेमेंट शामिल होते हैं जैसे कि जनता से लिया गया लोन यानी जैसे बॉन्ड, विदेशी सरकारों से लोन और आरबीआई सरकार की पूंजीगत प्राप्तियों का एक प्रमुख हिस्सा है। पूंजीगत खर्च मशीनरी, उपकरण, भवन, स्वास्थ्य सुविधाओं, शिक्षा आदि के विकास पर किया जाने वाला खर्च है।
Budget 2022 Date India: अगले वित्त वर्ष में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकता है बजट आवंटन
उम्मीद है कि रेलवे के लिए बजट आवंटन अगले वित्त वर्ष में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाएगा क्योंकि सरकार रेलवे के लिए एक बड़े बदलाव का समर्थन करने के लिए तैयार है। इसके अलावा पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क में कमी की भी संभावना है। आवास, ऑटो व ऑटो सहायक, और कई क्षेत्रों में पीएलआई से संबंधित उपायों जैसे क्षेत्रों के लिए बाजार, समर्थन उपायों की राह देख रहा है। सरकार नेशनल मॉनेटाइजेशन पाइपलाइन (एनएमपी) के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के एसेट मॉनेटाइजेशन की घोषणा कर सकती है।
Budget 2022 Date India: इस बार बजट में क्या है खास?
- कोरोना के चलते ज्यादातर क्षेत्रों के कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम कर रहे है। ऐसे में उनका इलेक्ट्रिक, इंटरनेट चार्ज, किराया, फर्नीचर आदि पर खर्चा बढ़ गया है। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया ने भी वर्क प्रॉम होम के तहत घर से काम करने वालों को अतिरिक्त टैक्स छूट देने का सुझाव दिया है। उममीद है कि वित्त मंत्री इस पर बड़ा एलान कर सकती हैं।
- महामारी की शुरुआत के बाद से स्वास्थ्य बीमा लोगों की सूची में प्राथमिकता बन गया है। बीमा विशेषज्ञ चाहते हैं कि स्वास्थ्य कवर को 5% जीएसटी स्लैब में रखा जाए ताकि इसे और अधिक किफायती बनाया जा सके। जीएसटी दर में यह कमी अधिक लोगों को स्वास्थ्य बीमा खरीदने के लिए सक्षम और प्रोत्साहित करेगी।
- ऑटोमोबाइल सेक्टर ईवीएस के पक्ष में है। यह चाहता है कि कम ब्याज दरों पर ईवी को चुनने के लिए अधिक लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए ईवी को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। ऑटोमोबाइल क्षेत्र की ओर से अपनी बजट मांगों को लेकर वित्त मंत्रालय को सुझाव सौंपे गए हैं।
- हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र उन सेक्टर में शामिल है जिसपर कोरोना महामारी का सबसे ज्यादा असर हुआ है। इस महामारी के प्रकोप का खामियाजा भुगत रहे हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र को बजट 2022 में एक बहाल जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट देख रहा है। वहीं, सेक्टर रेस्टोरेंट व्यवसाय को एक और लॉकडाउन से बचाने के लिए एक सिस्टम चाहता है।
- बैंक और एमएसएमई उद्योग क्षेत्र आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के अनुरूप समर्थन की मांग कर रहे हैं, जिसमें बैंकों और एनबीएफसी द्वारा दिए गए ऋणों पर राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी द्वारा 100 फीसदी क्रेडिट गारंटी शामिल है।
- एफएमसीजी क्षेत्र की इच्छा है कि सीतारमण लोगों के हाथों में पैसा देना जारी रखें, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। इस क्षेत्र की ओर से विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा करने के बाद वित्त मंत्रालय को अपने सुझाव भेजे गए हैं। क्षेत्र को उम्मीद है कि वित्त मंत्री इस ओर विशेष ध्यान देंगी।
- विमानन उद्योग कम से कम 2 वर्षों के लिए कर छूट और न्यूनतम वैकल्पिक कर के निलंबन की उम्मीद कर रहा है। इसके अलावा, महामारी प्रभावित एयरलाइंस भी न्यूनतम वैकल्पिक कर को निलंबित करना चाहती हैं। कोरोना महामारी ने विमानन क्षेत्र को भी भारी नुकसान पहुंचाया है।
- स्टॉक मार्केट प्लेटफॉर्म्स की भी बड़ी उम्मीदें बजट पर टिकी हैं। वे प्रतिभूति लेनदेन कर में कमी चाहते हैं। शेयर बाजार से विशेषज्ञों का मानना है कि वित्त मंत्री को सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (एसटीटी) खत्म कर देना चाहिए या इसमें कमी करनी चाहिए।
- क्रिप्टोकरेंसी के प्रति लोगों की लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है। भारत में भी क्रिप्टो निवेशकों की संख्या में दिन-ब-दिन बढ़ोतरी हो रही है। सरकार की ओर से क्रिप्टो बिल का मसौदा भी तैयार किया है। ऐसे में इस मामले में लोग घरेलू क्रिप्टो और ब्लॉकचैन स्टार्टअप कराधान, कानून, छूट और नियमों जैसे मुद्दों पर स्पष्टता चाहते हैं।
किसानों के लिए बही खाते में क्या हो सकता है?
यह संभावना जताई जा रही है कि कृषि को प्रोत्साहित करने के लिए निर्यात समर्थन शामिल हो सकता है. ताकि कृषि समुदाय अपने उत्पादों के लिए बाजार स्थापित कर सके. इस क्षेत्र के लिए सरकार के मेगा बजट प्रोत्साहन में विपणन, अतिरिक्त परिवहन और ब्रांडिंग प्रोत्साहन शामिल हो सकते हैं.
क्या था गिफ्ट टैक्स (Gift Tax)?
प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1958-59 का बजट पेश किया था. इस बजट में जवाहरलाल नेहरू ने डायरेक्ट टैक्स के तहत पहली बार गिफ्ट पर टैक्स का प्रावधान पेश किया. इसे ‘गिफ्ट टैक्स’ कहा गया. इसमें 10 हजार रुपये से ज्यादा की संपत्ति के ट्रांसफर पर गिफ्ट टैक्स का प्रावधान किया गया. इसमें एक छूट यह दी गई थी कि पत्नी को 1 लाख रुपये तक के गिफ्ट देने पर टैक्स का प्रावधान नहीं था.
Budget 2022 Date India: ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट पर जोर
सरकार भी देश के शहरी इलाकों के साथ साथ ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट को बढ़ावा देने के प्रयासों में लगी हुई है। ऐसे में इस बात की संभावना बढ़ जाती है कि टेलीकॉम क्षेत्र के लिए एक राहत पैकेज का ऐलान बजट में जरूर किया जा सकता है। इस क्षेत्र में कारोबारियों को टैक्स से जुड़ी रियायत मिलने से नए निवेश और रोजगार बढ़ने की संभावनाओं को भी बल मिलेगा।
नेहरू क्यों लाए थे गिफ्ट टैक्स
गिफ्ट टैक्स का प्रस्ताव पेश करते हुए बजट स्पीच में नेहरू ने कहा था, ”गिफ्ट के जरिए अपने संबंधियों का परिजनों को संपत्तियों का ट्रांसफर न केवल एस्टेट ड्यूटी की चोरी करने बल्कि वेल्थ टैक्स, इनकम टैक्स और एक्पेंडिचर टैक्स बचाने का भी जरिया है.” उस समय अमेरिका, कनाडा, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में इस तरह के टैक्स प्रावधान थे.
बजट 1958-59 में 278 करोड़ का था रक्षा बजट
इनडायरेक्ट टैक्स के तहत जवाहरलाल नेहरू ने एक्साइज ड्यूटी में एक बड़ा बदलाव किया था. इसके तहत सीमेंट पर एक्साइज ड्यूटी 20 रुपये से बढ़ाकर 24 रुपए प्रति टन की गई थी. नेहरू ने 1958-59 के लिए 763.16 करोड़ रुपये के रेवेन्यू और 796.01 करोड़ रुपये के खर्च का इस्टिमेट पेश किया गया. रेवेन्यू अकाउंट में 32.85 करोड़ रुपए का डेफिसिट था. बजट 1958-59 में डिफेंस खर्च के लिए 278.14 करोड़ रुपए का इस्टिमेट रखा गया. जबकि 517.87 करोड़ रुपये का प्रावधान सिविल खर्चों के लिए रखा गया.
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