भारत में Endemic की तरफ बढ़ रहा है COVID-19 पैंडेमिक, क्या खत्म हो जाएगा कोरोना?

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Corona Endemic Stage India [Hindi] Endemic की तरफ बढ़ रहा है COVID-19
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Corona Endemic Stage India: नई दिल्ली: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) 11 मार्च के बाद एक स्थानिक बीमारी (Endemic) बन जाएगी. यह दावा किया है कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) में महामारी विभाग की डॉक्टर समिरन पांडा ने कहा कि अगर ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) का संक्रमण लगातार जारी रहा और यह संक्रमण के मामलों में डेल्टा वेरिएंट को पीछे छोड़ देता है, साथ ही यदि भविष्य में कोई नया वेरिएंट नहीं आया तो इस बात की पूरी संभावना है कि कोविड-19 एक स्थानिक बीमारी बन सकती है.

डॉ सिमरन पांडा ने कहा कि, दिल्ली और मुंबई में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन व डेल्टा संक्रमण के मामले 80:20 के अनुपात में हैं. देश के अलग-अलग राज्यों में महामारी के अलग-अलग चरण देखने को मिल रहे हैं और आईसीएमआर महामारी से जुड़ी विभिन्नता को ध्यान में रखते हुए टेस्टिंग रणनीति तैयार कर रहा है.

Corona Endemic Stage India: क्‍या होती है Endemic Stage

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डॉक्टर स्वामीनाथन ने समझाया कि Endemic stage का अर्थ असल में क्‍या होता है। उन्‍होंने कहा कि यह एक ऐसा चरण है, जब रोग पैदा करने वाला रोगजनक आबादी तक ही सीमित हो जाता है। जिसकी वजह से वहां की आबादी को बार – बार उस महामारी को झेलना पड़ता है।डब्ल्यूएचओ के वैज्ञानिक स्वामीनाथन ने इस दौरान भारत की आबादी, लोगों की इम्यूनिटी और अलग – अलग हिस्सों में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए भी कुछ जरूरी बात कही हैं। उनका कहना है कि ऐसा हो सकता है कि देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना को लेकर उतार चढ़ाव की स्थिति इसी तरह बरकरार रहे।

महामारी ने अपना तौर-तरीका बदल लिया है- पांडा

डॉ समीरन पांडा ने कहा कि दो प्रमुख महानगरीय शहरों दिल्ली और मुंबई में, कोरोना के ओमिक्रॉन और डेल्टा मामलों का अनुपात क्रमशः लगभग 80 और 20 प्रतिशत है. उन्होंने यह भी साफ किया कि भारत के अलग-अलग राज्य इस समय महामारी के विभिन्न चरणों में हैं. डॉ पांडा ने कहा, आईसीएमआर (ICMR) ने वायरस में महामारी विज्ञान परिवर्तनों के कारण टेस्टिंग रणनीति बदली है क्योंकि महामारी ने अपना तौर-तरीका बदल लिया है.

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एनडेमिक और पैनडेमिक में अंतर (Different Between Endemic and Pandemic)

मार्च 2020 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने Covid-19 को वैश्विक महामारी घोषित किया। WHO ने पहले एक महामारी को ‘दुनिया भर में एक नई बीमारी का प्रसार’ कहा था। इंटरनेशनल एपिडेमियोलॉजी एसोसिएशन के डिक्शनरी ऑफ एपिडेमियोलॉजी का कहना है कि एक महामारी ‘दुनिया भर में या बहुत व्यापक क्षेत्र में होने वाली महामारी है, जो अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को पार करती है और आमतौर पर बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित करती है।’ वहीं, एनडेमिक का मतलब वायरस का इलाके में धीरे-धीरे फैलता रहेगा।

हमेशा या लंबे समय तक लोगों की बीच ही मौजूद रहता है वायरस

यूनाइटेड स्टेट्स सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक जब किसी एक सीमित क्षेत्र के अंदर कोई बीमारी या वायरस फैलता है, तो ऐसे में यह वायरस आबादी पर हावी हो जाता है। ऐसे में लोग वायरस के साथ ही रहना सीख लेते हैं और लोग वायरस से बार – बार संक्रमित होने लगते हैं। स्थानिकता एक बहुत ही खतरनाक चरण होता है। जिसमें वायरस हमेशा या लंबे समय तक लोगों की बीच ही मौजूद रहता है।

Corona Endemic Stage India: वायरस के साथ कैसे रहना है, सीख लें

भारत ही एकमात्र ऐसा देश नहीं है जो स्थानिकता की स्थिति में प्रवेश कर रहा है। बल्कि ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड और सिंगापुर जैसे देश भी इसी सूची में शामिल है। यह देश अब वायरस के साथ ही कैसे रहना है यह सीख रहे हैं।

पिछले 24 घंटे में कोरोना के 2.82 लाख नए मामले

पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना के 2.82 लाख नए केस सामने आए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से आज बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 2,82,970 नए मामले आए जबकि 1,88,157 रिकवरी हुई. हालांकि इस दौरान 441 लोगों की कोरोना से मौत भी हो गई. देश में अब 18,31,000 एक्टिव केस हैं. वहीं, ओमिक्रॉन मामलों की कुल संख्या 8,961 है.

किसी बीमारी के एंडेमिक होने का क्या मतलब होता है?

जब भी कोई नई बीमारी आती है और वो किसी छोटे से क्षेत्र में होती है तो उसे आउटब्रेक कहते हैं। जैसे- कोविड-19 वुहान में सबसे पहले आया तो वो आउटब्रेक की स्टेज थी। जनवरी 2020 से जब थाइलैंड और बाकी देशों में फैलने लगा तो उस वक्त कोरोना एपिडेमिक स्टेज में था। 11 मार्च 2020 के पहले तक कोरोना एपिडेमिक स्टेज में था। 11 मार्च को WHO ने इसे पेंडेमिक घोषित किया। यानी, ये वैश्विक महामारी की स्टेज में आ गया।

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तो क्या कोरोना आम सर्दी-जुकाम जैसा हो जाएगा?

अभी ये कहना जल्दबाजी होगी। इसी साल अगस्त में साइंस मैग्जीन में छपी एक स्टडी में तीन बातें कही गई हैं।

  • पहली बात तो ये कि इस वायरस ने सभी को चौंका दिया है। इसके म्युटेशन ज्यादा हो रहे हैं। ये तेजी से ट्रांसमिट हो रहा है, लेकिन अभी भी इसकी ट्रांसमिसबिलिटी क्षमता मीजल्स जैसे वायरस से एक तिहाई है। ऐसे में इसके नए वैरिएंट और ट्रांसमिसबिल हो सकते हैं।
  • दूसरी बात ये कि जिस तरह के पैटर्न ये वायरस दिखा रहा है उससे आशंका है कि दस साल बाद ये पूरी तरह से नया वायरस बन चुका हो।
  • तीसरी बात ये हो सकती है कि आने वाले समय में वैक्सीन के दो वैरिएंट की जरूरत भी पड़ सकती है। ऐसे में ये कहना जल्दबाजी होगी कि आने वाले कुछ सालों में कोरोना का वायरस आम सर्दी से ज्यादा कुछ नहीं रह जाएगा। जैसे कई दूसरे कोरोना वायरस इस वक्त लोगों के बीच हैं, लेकिन वो गंभीर बीमारी का कारण नहीं बनते हैं।

Corona Endemic Stage India: एंडेमिक फेज पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहा?

दूसरी लहर आने से पहले दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा था कि दिल्ली में कोरोना का Pandemic फेज़ समाप्त हो रहा है और अब धीरे-धीरे हम Endemic फेज़ की तरफ बढ़ रहे हैं. जैन ने स्वाइन फ्लू का उदाहरण देते हुए कहा कि 10 साल पहले दिल्ली में स्वाइन फ्लू बड़ा खतरा था लेकिन अब हर साल कुछ ही मामले आते हैं. इसी तरह कोरोना पूरी तरह से जाने वाला नहीं है. हमें इसके साथ ही जीना होगा और लोगों को मास्क पहनना जारी रखना होगा.

Credit: ABP News

हालांकि 1 अप्रैल से दिल्ली में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी होने लगी. 1 अप्रैल को जहां इसके 2720 नए मामले सामने आए थे, वहीं अगले 10 दिनों में हर दिन 10 हजार नए केस सामने आने लगे. पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक एलएनजीपी के मेडिकल डायरेक्टर समेत कई विशेषज्ञों का मानना है कि एक से दो साल के भीतर कोरोना महामारी पूरी दुनिया में  एंडेमिक फेज में पहुंच जाएगी

क्या महामारी पूरी तरह समाप्त नहीं होती?

पिछले कुछ दशकों में जितनी भी बीमारियों के रोगाणुओं ने लोगों को प्रभावित किया है, वे पूरी तरह से समाप्त नहीं हुए हैं बल्कि किसी न किसी रूप में मौजूद रहे हैं. इन्हें पूरी तरह से समाप्त करना असंभव है. मलेरिया जैसी बीमारियां मानव सभ्यता के विकास के साथ ही चली आ रही है और अभी भी मौजूद है. इसी प्रकार टीबी, खसरा, कुष्ठ रोग और इबोला वायरस, मेर्स, सार्स व सार्स-कोवी-2 (कोरोना) भी हैं. यहां तक कि प्लेग भी हर दशक में वापस लोगों को प्रभावित करती है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक सिर्फ स्मॉलपॉक्स ही है, जिसे बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन के जरिए समाप्त किया जा सका है.


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