Delhi Mundka Fire News: दिल्लीवासियों को शुक्रवार को एक बुरी खबर मिली। मुंडका इलाके में एक इलेक्ट्रानिक गोदाम में लगी आग के कारण 27 लोगों की मौत हो गई। दिल्ली दमकल सेवा के उप मुख्य अग्निशमन अधिकारी सुनील चौधरी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक घटनास्थल पर अग्निशमन का काम पूरा कर लिया गया है। लेकिन बचाव अभियान अभी जारी है, इलाके की विशालता को देखते हुए बचाव कार्य में वक्त लगने की आशंका है। साथ ही ऐसी आशंका जताई जा रही है कि इस घटना में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।

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दिल्ली में कहां पर लगी आग?
मुंडका क्षेत्र में मेट्रो के पिलर संख्या 544 के पास आग लगी। आग लगने के कारण का फिलहाल पता नहीं चल पाया है। आग लगते ही लोगों ने इसकी सूचना अग्निशमन विभाग को दी, जिसके बाद करीब 20 से ज्यादा दमकल मौके पर पहुंच कर आग पर काबू पाने की कोशिश में जुट गए।
Delhi Mundka Fire [Hindi] | बाहर लोगों की लगी है भीड़
घटना के बाद यहां काम करने वाले लोगों के स्वजन अपने लोगों के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं। लोग अपने स्वजन के फ़ोन कर रहे हैं ताकि यह पता चले कि वे जीवित हैं या नहीं। पुलिस के लिए लोगों को समझाना मुश्किल हो रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक जिनका पता नहीं चल रहा है उनमें ज्यादातर महिलाएं हैं। मौके पर कैट्स की कई एम्बुलेंस तैनात किए गए हैं।
Delhi Mundka Fire [Hindi] | जारी है सर्च आपरेशन
Delhi Mundka Fire [Hindi] | उप मुख्य अग्निशमन अधिकारी सुनील चौधरी का कहना है अभी आग बुझाने का कार्य हाल ही में खत्म हुआ है। इसके बाद अब कूलिंग की प्रक्रिया शुरू होगी। कूलिंग खत्म होने के बाद सर्च आपरेशन चलाया जाएगा। इनके अनुसार अभी तक एक ही शव निकाला गया है। अग्निशमन कर्मियों के पहुंचने से पहले कुछ लोगों ने इमारत से कूदकर जान बचाने की कोशिश की है, जिन्हें अस्पताल भेजा गया है। सर्च ऑपरेशन के बाद ही मृतक या घायलों के बारे में कुछ कहा जा सकता है।
मौके पर सब सन्न, किसी के पास कोई जवाब नहीं
सुनीता अपनी रिश्तेदार सोनम को ढूंढ रही थीं। उन्होंने कहा कि वो सुरक्षा व्यवस्था के कारण तुरंत बिल्डिंग के पास भी नहीं पहुंच सकी थीं। दूसरे कई लोगों ने आरोप लगाया कि वो अपने परिजनों के बारे में पुलिस वालों से पूछते रहे, लेकिन कुछ जवाब नहीं मिलता।
27 लाशें मिलीं, 12 लोग झुलस गए
ध्यान रहे कि पश्चिमी दिल्ली के मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास स्थित चार मंजिला व्यावसायिक इमारत में शुक्रवार शाम आग लगने से कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई और 12 अन्य झुलस गए। पुलिस सूत्रों ने बताया कि आग इमारत की पहली मंजिल से लगनी शुरू हुई जहां सीसीटीवी कैमरा और राउटर बनाने वाली कंपनी का ऑफिस था।
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मृतक के परिजनों को मिलेगा मुआवजा
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आग लगने से हुई लोगों की मौत पर शोक जताया। कोविंद ने कहा कि वह इमारत में आग लगने से कई लोगों की मौत से अत्यंत दुखी हैं। उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से इस हादसे में जाने गंवाने वालों के आश्रितों को दो-दो लाख रुपये तथा घायलों को पचास-पचास हजार रुपये की राशि दी जाएगी।
Delhi Mundka Fire [Hindi] | कंपनी के दो मालिक गिरफ्तार
मामले में दिल्ली पुलिस ने कंपनी के मालिकों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनकी पहचान हरीश गोयल और वरुण गोयल के रूप में हुई है। इससे पहले पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी। इस हादसे में 27 लोगों की मौत हुई है। दिल्ली पुलिस की तरफ से इस गिरफ्तारी की जानकारी दी गई। पुलिस उपायुक्त (बाहरी) समीर शर्मा ने बताया कि मामले में संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई। शुक्रवार की शाम जब आग लगी तब ज्यादातर लोग दूसरी मंजिल पर मौजूद थे।
बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं था
परिसर में अपनी जान गंवाने वाले या वहां से बचकर निकले लोगों के परिचितों और परिजनों ने बताया कि दूसरी मंजिल पर एक बैठक बुलाई गई थी। अधिकांश कर्मचारी वहां जमा हो गए थे। कुर्सियों की कमी के कारण कुछ लोग फर्श पर बैठे थे। बैठक के करीब आधे घंटे बाद नीचे के एक कर्मचारी ने बिजली गुल होने और फिर आग लगने की जानकारी दी। लेकिन बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं दिखा, तो कुछ लोगों ने खिड़कियों को तोड़ने के लिए भारी वस्तुएं फेंकी और एक पाइप पर चढ़ गए। जो रुकने में असमर्थ थे, वे ऊंचे स्थान पर चले गए। आरोप कि बैठक शुरू होने से पहले कई लोगों को अपने फोन जमा करने के लिए कहा गया था। जिंदा बचे लोगों में गोविंद की मां रीना भी शामिल हैं, जिसने यह बात कही।
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इन धाराओं में दर्ज हुआ मामला
धारा 304-ए आईपीसी लापरवाही के कारण हुई मौत से संबंधित है. (जो कोई भी लापरवाही भरा काम करके किसी व्यक्ति की मृत्यु का कारण बनता है, जो गैर इरादतन मानव हत्या की श्रेणी में नहीं आता, उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास, जिसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या जुर्माने से, या दोनों से दंडित किया जाएगा.
मेट्रो संचालन भी हुआ प्रभावित
यह इमारत रोहतक रोड के किनारे ही स्थित है। ऐसे में आग की लपटें ऊपर उठने के दौरान मेट्रो का परिचालन भी कुछ समय के लिए अवरुद्ध हो गया। बाद में आग को नियंत्रित करने के बाद परिचालन फिर से शुरू किया गया।
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