PM मोदी के नए डिप्टी NSA अनीश दयाल सिंह: जीवन, करियर और नेट वर्थ

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PM मोदी के नए डिप्टी NSA अनीश दयाल सिंह जीवन, करियर और नेट वर्थ

भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण पद, उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (डिप्टी NSA), पर हाल ही में एक नए चेहरे की नियुक्ति हुई है। यह चेहरा कोई और नहीं, बल्कि अनुभवी पुलिस अधिकारी अनीश दयाल सिंह (Anish Dayal Singh) हैं। मणिपुर कैडर के 1988 बैच के IPS अधिकारी, सिंह को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी तब सौंपी गई है, जब भारत कई क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है। उनकी नियुक्ति को राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचे को और भी मजबूत करने की दिशा में एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है।

इस ब्लॉग पोस्ट में, हम अनीश दयाल सिंह के जीवन, उनके शानदार करियर, और इस नई भूमिका में उनके संभावित योगदान पर गहराई से चर्चा करेंगे। यह एक ऐसा पद है जो देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा रणनीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

अनीश दयाल सिंह का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

अनीश दयाल सिंह का जन्म 9 दिसंबर 1964 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद) में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा भी यहीं से पूरी की। 1988 में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में उनका चयन हुआ, जिसके बाद उन्होंने हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त किया। उनके भाई, सौमित्र दयाल सिंह, इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक प्रतिष्ठित जज हैं। उनकी पृष्ठभूमि और शिक्षा ने उनके करियर की नींव रखी, जिसने उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के सबसे उच्च पदों में से एक तक पहुंचाया।

एक शानदार करियर: तीन दशकों का अनुभव

अनीश दयाल सिंह का करियर तीन दशकों से अधिक का है, जो आंतरिक सुरक्षा और आतंकवाद-रोधी अभियानों में उनके गहन अनुभव का प्रमाण है।

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इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) में महत्वपूर्ण भूमिका

IPS प्रशिक्षण के बाद, सिंह को 21 अगस्त 1989 को मणिपुर कैडर आवंटित किया गया। उन्होंने अपने करियर का एक बड़ा हिस्सा, लगभग तीन दशक, इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) में बिताया। IB में रहते हुए, उन्होंने विभिन्न संवेदनशील और महत्वपूर्ण ऑपरेशनों का नेतृत्व किया, जिससे उन्हें खुफिया जानकारी जुटाने और खतरे का आकलन करने में महारत हासिल हुई।

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) में नेतृत्व

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IB में अपनी सेवा के बाद, सिंह ने देश के कुछ सबसे बड़े केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) का नेतृत्व किया।

  • इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP): उन्होंने 2022 से 2024 तक ITBP के महानिदेशक के रूप में कार्य किया। इस दौरान, उन्होंने 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की सुरक्षा का जिम्मा संभाला, जो भारत-चीन सीमा पर तनावपूर्ण माहौल के बीच एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी थी।
  • केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF): 1 जनवरी 2024 से 31 दिसंबर 2024 तक उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल, CRPF के महानिदेशक का पद संभाला। उनके कार्यकाल में, CRPF ने नक्सलवाद के खिलाफ सरकारी अभियान में महत्वपूर्ण प्रगति की। उन्होंने छत्तीसगढ़ जैसे वामपंथी उग्रवाद (LWE) प्रभावित क्षेत्रों में तीन दर्जन से अधिक फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (FOB) स्थापित किए और 4,000 से अधिक कर्मियों वाली चार नई बटालियनें तैनात कीं। इसके अलावा, उनके कार्यकाल में 2024 के लोकसभा चुनाव और जम्मू-कश्मीर में पहले विधानसभा चुनावों में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने में भी CRPF ने अहम भूमिका निभाई।
  • अतिरिक्त प्रभार: उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) जैसे अन्य महत्वपूर्ण बलों के महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया था।

इन सभी पदों पर रहते हुए, उन्होंने सुरक्षा और खुफिया से जुड़े मामलों में गहरा अनुभव हासिल किया। उनके नेतृत्व में लिए गए एक महत्वपूर्ण निर्णय में, उन्होंने CRPF की 130 से अधिक बटालियनों का पुनर्गठन किया, जिससे उनकी परिचालन दक्षता में सुधार हुआ।

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अनीश दयाल सिंह की कुल संपत्ति | Anish Dayal Singh Net Worth

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सार्वजनिक जीवन में अधिकारियों की कुल संपत्ति का विवरण अक्सर चर्चा का विषय होता है। हालांकि, अनीश दयाल सिंह की कुल संपत्ति के बारे में कोई सटीक या सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी नहीं है। शीर्ष सरकारी अधिकारियों के लिए, उनकी संपत्ति का खुलासा अक्सर उनके करियर के दौरान नहीं किया जाता है, जब तक कि वे किसी चुनाव में खड़े न हों। इसलिए, उनकी कुल संपत्ति के बारे में कोई भी आंकड़ा अनुमान पर आधारित होगा, और वर्तमान में ऐसी कोई विश्वसनीय जानकारी उपलब्ध नहीं है।

पुरस्कार और सम्मान

अपने शानदार करियर के दौरान, अनीश दयाल सिंह को उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।

  • विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक (2012): यह उनके उत्कृष्ट और विशिष्ट कार्यों के लिए दिया गया।
  • मेधावी सेवा के लिए पुलिस पदक (2004): यह पदक उनकी मेधावी सेवा को मान्यता देता है।
  • पुलिस विशेष कर्तव्य पदक: उन्हें दो बार यह पदक भी मिला, जिसमें 1997 में एक बार शामिल है।

डिप्टी NSA के रूप में नई भूमिका

डिप्टी NSA के रूप में, अनीश दयाल सिंह सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल को रिपोर्ट करेंगे। उनकी नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब देश चीन के साथ सीमा तनाव, पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद और बढ़ते साइबर खतरों जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है।

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सिंह से उम्मीद की जा रही है कि वे अपने खुफिया, आतंकवाद-रोधी और संगठनात्मक प्रबंधन के व्यापक अनुभव का उपयोग करके भारत की आंतरिक सुरक्षा रणनीति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उनका अनुभव और मार्गदर्शन राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को और भी मजबूत और प्रभावी बनाएगा।

निष्कर्ष: अनीश दयाल सिंह – राष्ट्रीय सुरक्षा का नया चेहरा

अनीश दयाल सिंह की डिप्टी NSA के रूप में नियुक्ति, देश की सुरक्षा को लेकर सरकार की गंभीरता को दर्शाती है। उनका लंबा और शानदार करियर, जिसमें IB से लेकर CRPF तक का अनुभव शामिल है, उन्हें इस महत्वपूर्ण पद के लिए आदर्श उम्मीदवार बनाता है। यह नियुक्ति न केवल भारत की सुरक्षा नीतियों को मजबूत करेगी, बल्कि आने वाले समय में देश के लिए एक सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण होगी।

यदि आप भारत की सुरक्षा और रक्षा नीतियों के बारे में और जानना चाहते हैं, तो आप भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा पर हमारे अन्य ब्लॉग पोस्ट पढ़ सकते हैं।

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