दिल्ली, जिसे अपनी ऐतिहासिक इमारतों और जीवंत संस्कृति के लिए जाना जाता है, आज एक दुखद घटना से दहल गई। हुमायूँ के मकबरे के पास स्थित एक पुरानी दरगाह की छत गिरने से 6 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। यह हादसा दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में हुआ, जिसने न केवल स्थानीय लोगों को, बल्कि पूरे देश को झकझोर दिया है।
यह घटना फिर से पुरानी इमारतों की सुरक्षा और उनके रखरखाव पर गंभीर सवाल खड़े करती है। इस लेख में, हम इस हादसे के बारे में विस्तृत जानकारी, इसके पीछे के संभावित कारण और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा करेंगे।
घटना शुक्रवार दोपहर की है, जब निजामुद्दीन इलाके में स्थित दरगाह शरीफ पट्टे शाह परिसर के एक हिस्से की छत अचानक ढह गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह हादसा बिना किसी चेतावनी के हुआ। छत गिरते ही वहां मौजूद लोग मलबे में दब गए। सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस, दमकल विभाग और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं।
राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर शुरू किया गया। टीमों ने मलबे से 11 लोगों को बाहर निकाला। इन सभी घायलों को तुरंत एम्स ट्रॉमा सेंटर और एलएनजेपी अस्पताल भेजा गया। दुर्भाग्यवश, उनमें से 6 लोगों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया, जबकि अन्य का इलाज चल रहा है। मृतकों में तीन महिलाएं और तीन पुरुष शामिल हैं।
दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट सीपी संज जैन ने बताया, “हमें दोपहर करीब 3:45 बजे एक कॉल मिली कि दरगाह की छत गिर गई है। हमने तुरंत बचाव दल को मौके पर भेजा। 11 लोगों को बचाया गया, लेकिन दुख की बात है कि 6 लोगों की मौत हो गई है। बचाव अभियान अब पूरा हो चुका है।”
हालांकि, हादसे के सटीक कारणों का पता लगाने के लिए जांच चल रही है, लेकिन कुछ संभावित कारण सामने आ रहे हैं:
यह जानना महत्वपूर्ण है कि दिल्ली में कई ऐसी पुरानी इमारतें हैं, जिनकी सुरक्षा पर ध्यान देने की जरूरत है। दिल्ली सरकार ने हाल ही में कई मुगलकालीन और औपनिवेशिक स्मारकों के पुनरुद्धार का अभियान चलाया है, लेकिन निजी या छोटी इमारतों की स्थिति अभी भी चिंताजनक है।
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इस दुखद घटना पर कई राजनेताओं और अधिकारियों ने अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी सहानुभूति व्यक्त की है और घायलों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। आम आदमी पार्टी ने इस हादसे को “प्रशासनिक लापरवाही” का परिणाम बताया है। वहीं, विपक्ष ने भी इस घटना को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं और पुरानी इमारतों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है।
इस घटना पर एक स्थानीय निवासी ने कहा, “यह बहुत दुखद है। यह दरगाह सालों से यहां है। हमें कभी नहीं लगा था कि ऐसा कुछ हो सकता है। सरकार को ऐसी सभी पुरानी इमारतों की जांच करनी चाहिए, जो खतरनाक हो सकती हैं।”
दिल्ली में हुमायूँ के मकबरे के पास हुई इस घटना से हमें कई सबक मिलते हैं। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
दिल्ली में 6 Dead After Dargah’s Roof Collapses Near Humayun’s Tomb in Delhi की घटना एक गंभीर चेतावनी है। यह हमें याद दिलाती है कि हमारी ऐतिहासिक और धार्मिक इमारतें न केवल हमारी विरासत का हिस्सा हैं, बल्कि लोगों की जान से भी जुड़ी हैं। यह केवल एक दरगाह का हादसा नहीं, बल्कि एक व्यापक समस्या का प्रतीक है।
सरकार, प्रशासन और आम जनता को मिलकर इस समस्या का समाधान खोजना होगा। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी दुखद घटनाएं दोबारा न हों।
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