Amazon Great Indian Festival Sale 2025

ICICI Bank Minimum Balance 2025 | ICICI Bank ने मिनिमम बैलेंस 5 गुना बढ़ाया: आम लोगों के लिए खाता खोलना हुआ मुश्किल

Avatar photo

Published on:

ICICI Bank Minimum Balance 2025

ICICI Bank Minimum Balance 2025: हाल ही में ICICI Bank ने अपने बचत खातों (savings accounts) के लिए न्यूनतम मासिक औसत बैलेंस (MAB) की आवश्यकता को 5 गुना तक बढ़ा दिया है। यह फैसला उन लाखों लोगों के लिए एक झटका है, खासकर गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए, जो एक निजी बैंक में खाता खोलने का सपना देखते हैं।

इस बदलाव ने लोगों के बीच यह बहस छेड़ दी है कि क्या निजी बैंक अब सिर्फ अमीर ग्राहकों पर ही ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। आइए समझते हैं कि यह बदलाव क्या है और इसका गरीबों और आम ग्राहकों पर क्या असर पड़ेगा।

क्या हैं ICICI Bank के नए नियम?

ICICI Bank के नए नियमों के अनुसार, 1 अगस्त 2025 के बाद खोले गए नए बचत खातों के लिए मिनिमम बैलेंस की राशि में भारी बढ़ोतरी की गई है। यह बढ़ोतरी शहरों के प्रकार के आधार पर अलग-अलग है:

  • मेट्रो और शहरी शाखाएं: ₹10,000 से बढ़ाकर ₹50,000
  • अर्ध-शहरी शाखाएं: ₹5,000 से बढ़ाकर ₹25,000
  • ग्रामीण शाखाएं: ₹2,500 से बढ़ाकर ₹10,000

ICICI Bank Minimum Balance 2025: यह बढ़ोतरी केवल नए ग्राहकों पर लागू होगी। पुराने ग्राहकों के लिए अभी भी पुराने नियम ही मान्य हैं। यदि कोई ग्राहक यह मिनिमम बैलेंस बनाए रखने में विफल रहता है, तो उसे एक भारी जुर्माना देना होगा।

ICICI Bank Minimum Balance 2025: इन नियमों का गरीबों पर क्या असर होगा?

यह फैसला सीधे तौर पर गरीब और कम आय वाले लोगों को प्रभावित करेगा।

  1. पहुंच में कमी: ₹50,000 या ₹10,000 का मिनिमम बैलेंस कई लोगों के लिए एक बड़ी राशि है। भारत में, जहाँ 23 करोड़ से अधिक लोग गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं, उनके लिए इतनी राशि अपने खाते में रखना लगभग असंभव है।
  2. जुर्माने का डर: मिनिमम बैलेंस न बनाए रखने पर लगने वाला जुर्माना भी काफी ज्यादा है (शॉर्टफॉल का 6% या ₹500, जो भी कम हो)। यह जुर्माना उन लोगों के लिए और भी मुश्किल पैदा करेगा, जिनकी आय पहले से ही कम है।
  3. वित्तीय समावेशन के खिलाफ: एक तरफ सरकार ‘जन धन योजना’ जैसे कार्यक्रमों के जरिए वित्तीय समावेशन (financial inclusion) को बढ़ावा दे रही है, वहीं दूसरी तरफ इस तरह के नियम इस मिशन के खिलाफ जाते हैं।

एक सोशल मीडिया यूजर ने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए लिखा, “एक देश में जहां 23 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं, ICICI सोचता है कि ₹50,000 एक ‘न्यूनतम’ राशि है। यह एक ‘मास्टरस्ट्रोक’ नहीं बल्कि ‘गरीबी को बाहर करने का मास्टरस्ट्रोक’ है।”

Also Read: AU Small Finance Bank Universal Bank: अब बड़े बैंक की तैयारी!

ICICI Bank Minimum Balance 2025: क्या हैं आपके पास विकल्प?

यदि आप इन नए नियमों से परेशान हैं, तो आपके पास कुछ बेहतर विकल्प मौजूद हैं:

  • बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंट (BSBDA): RBI के दिशानिर्देशों के अनुसार, हर बैंक को यह खाता खोलना अनिवार्य है, जिसमें कोई न्यूनतम बैलेंस रखने की आवश्यकता नहीं होती है। यह खाता गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। आप इसके बारे में भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक: SBI जैसे कई सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अब मिनिमम बैलेंस की शर्त हटा चुके हैं। ये बैंक कम आय वाले लोगों के लिए एक सुरक्षित और आसान विकल्प हैं।
  • अन्य निजी बैंक: HDFC बैंक या Axis बैंक जैसे कुछ अन्य निजी बैंकों में अभी भी शहरी क्षेत्रों के लिए ₹10,000 का मिनिमम बैलेंस है। आप इनकी नीतियों की तुलना कर सकते हैं।

निष्कर्ष और आगे क्या?

ICICI Bank का यह कदम स्पष्ट रूप से यह दर्शाता है कि वे अब अपने ग्राहकों के सेगमेंट को बदल रहे हैं और प्रीमियम ग्राहकों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हालांकि यह उनके व्यापारिक मॉडल का हिस्सा हो सकता है, लेकिन यह आम जनता, खासकर गरीबों के लिए बैंकिंग सुविधाओं तक पहुंच को और भी मुश्किल बना देगा।

यदि आप एक ऐसे ग्राहक हैं जिनके लिए नए नियम मुश्किल पैदा कर रहे हैं, तो हम आपको सलाह देते हैं कि आप अपने विकल्पों पर विचार करें। आप अपने मौजूदा खाते को BSBDA में बदल सकते हैं या किसी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक में नया खाता खोल सकते हैं।

Join WhatsApp

Join Now

Samachar Khabar

समाचार ख़बर एक हिंदी न्यूज़ वेबसाइट है जहाँ आपको ट्रेंडिंग टॉपिक्स पर हर रोज ताज़ा ख़बरें मिलती हैं। हमारे साथ जुड़े रहें और पाएं पूरी दुनिया की खबरे Samachar Khabar पर। _________________________________________________________________________________Samachar Khabar - Stay updated on Education, Sarkari Naukri, Automobile, Health, Politics, and Tech, Sports, Business with the latest news and trends

Latest Stories

Leave a Comment