Income Tax Bill 2025 in Hindi: भारतीय करदाताओं के लिए एक महत्वपूर्ण खबर है। लंबे समय से प्रतीक्षित नया इनकम टैक्स बिल अब पास हो गया है। यह विधेयक हमारे 60 साल से अधिक पुराने इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की जगह लेगा, और इसका उद्देश्य कर प्रणाली को सरल, पारदर्शी और अधिक कुशल बनाना है। हालांकि, इस बिल को पहले पेश किए गए ड्राफ्ट को वापस लेकर संशोधित रूप में पेश किया गया है, जिसने कई सवाल खड़े किए थे।
पुराने ड्राफ्ट को वापस लेने का निर्णय सरकार की ओर से एक महत्वपूर्ण कदम था। ऐसा संसदीय समिति और जनता से मिली प्रतिक्रियाओं को ध्यान में रखते हुए किया गया। लेकिन, सवाल यह है कि इस नए ड्राफ्ट में ऐसा क्या है जो पहले वाले से अलग है? और सबसे महत्वपूर्ण, इसका आप पर, एक आम करदाता पर क्या प्रभाव पड़ेगा? इस ब्लॉग पोस्ट में हम नए इनकम टैक्स बिल में हुए सभी प्रमुख बदलावों को विस्तार से समझेंगे, ताकि आप अपने वित्तीय भविष्य के लिए सही निर्णय ले सकें।
नया इनकम टैक्स बिल क्यों लाया गया?
पुराना आयकर अधिनियम, 1961, समय के साथ बहुत जटिल हो गया था। इसमें 4,000 से अधिक संशोधन हो चुके थे और इसमें 5 लाख से अधिक शब्द थे, जिससे इसे समझना और इसका पालन करना आम जनता और छोटे कारोबारियों के लिए मुश्किल हो रहा था। इस जटिलता के कारण, अक्सर कानूनी विवाद पैदा होते थे और कर अनुपालन में कठिनाई आती थी।
नए बिल का मुख्य लक्ष्य इसी जटिलता को खत्म करना और एक ऐसा कानून बनाना है जो आधुनिक अर्थव्यवस्था की जरूरतों को पूरा कर सके। इसमें करदाताओं के लिए नियमों को सरल बनाना, विवादों को कम करना और डिजिटल युग की आवश्यकताओं के अनुसार प्रावधानों को अपडेट करना शामिल है।
Income Tax Bill 2025 in Hindi: पुराने ड्राफ्ट और नए इनकम टैक्स बिल में प्रमुख अंतर
जब पुराने ड्राफ्ट को वापस लिया गया था, तो कई अटकलें लगाई जा रही थीं। अब जबकि नया बिल पारित हो गया है, तो मुख्य अंतर साफ हो गए हैं। संसदीय समिति की सिफारिशों ने इसमें कई महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं, जो करदाताओं के लिए राहत लेकर आए हैं।
- रिफंड के नियम: पुराने ड्राफ्ट में यह प्रावधान था कि अगर आप समय सीमा के बाद ITR फाइल करते हैं, तो आपको टैक्स रिफंड नहीं मिलेगा। नए बिल में इस कठोर नियम को हटा दिया गया है। अब देर से रिटर्न फाइल करने पर भी आप रिफंड क्लेम कर सकेंगे, जिससे छोटे करदाताओं को बड़ी राहत मिली है।
- इंटर-कॉर्पोरेट डिविडेंड पर छूट: पुराने ड्राफ्ट में धारा 80M के तहत मिलने वाली छूट (deduction) को शामिल करना भूल गए थे। यह छूट उन कंपनियों के लिए है जो इंटर-कॉर्पोरेट डिविडेंड पर टैक्स की स्पेशल दर का फायदा उठा रही हैं। नए बिल में इसे फिर से शामिल किया गया है, जिससे कॉर्पोरेट जगत में भी स्पष्टता आई है।
- शून्य-टीडीएस प्रमाणपत्र: नए बिल में उन करदाताओं के लिए एक महत्वपूर्ण सुविधा जोड़ी गई है, जिनकी कर देनदारी ‘शून्य’ है। ऐसे करदाता अब अग्रिम रूप से ‘NIL-TDS’ प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकेंगे। इससे उनका पैसा अनावश्यक रूप से TDS में नहीं कटेगा और कैश फ्लो बेहतर होगा।
Income Tax Bill 2025 in Hindi: नए इनकम टैक्स बिल के तहत नए टैक्स स्लैब
नए बिल में करदाताओं को राहत देने के लिए टैक्स स्लैब में भी महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। यह बदलाव विशेष रूप से मध्यम वर्ग को फायदा पहुंचाएंगे।
- ₹0–4 लाख तक: 0%
- ₹4–8 लाख तक: 5%
- ₹8–12 लाख तक: 10%
- ₹12–16 लाख तक: 15%
- ₹16–20 लाख तक: 20%
- ₹20–24 लाख तक: 25%
- ₹24 लाख से ऊपर: 30%
इसके अलावा, धारा 87A के तहत छूट की सीमा भी बढ़ाकर ₹60,000 कर दी गई है। इसका मतलब है कि ₹12 लाख तक की आय वाले करदाताओं को प्रभावी रूप से कोई टैक्स नहीं देना होगा, बशर्ते वे नई टैक्स व्यवस्था का विकल्प चुनें। यह एक बहुत बड़ा कदम है जो लाखों करदाताओं को सीधे लाभ पहुंचाएगा।
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उदाहण: मान लीजिए आपकी सालाना आय ₹12 लाख है। नई व्यवस्था के तहत, आप ₹60,000 की छूट का लाभ उठा सकते हैं, जिससे आपकी कर योग्य आय बहुत कम हो जाएगी और आपको प्रभावी रूप से कोई टैक्स नहीं देना होगा।
आम आदमी पर क्या होगा प्रभाव?
यह नया इनकम टैक्स बिल आम आदमी के जीवन में कई सकारात्मक बदलाव लाएगा:
- बढ़ी हुई बचत: टैक्स स्लैब में बदलाव और बढ़ी हुई छूट के कारण, करदाताओं के पास खर्च करने और निवेश करने के लिए अधिक पैसा बचेगा। इससे घरेलू उपभोग और बचत को बढ़ावा मिलेगा।
- कानूनी सरलता: बिल का उद्देश्य कानून को सरल बनाना है, जिससे ITR फाइलिंग और अनुपालन की प्रक्रिया आसान हो जाएगी। छोटे कारोबारियों और व्यक्तिगत करदाताओं के लिए यह एक बड़ी राहत होगी।
- विवादों में कमी: स्पष्ट नियमों और प्रक्रियाओं के साथ, आयकर से संबंधित विवादों में कमी आने की उम्मीद है।
- निवेश को प्रोत्साहन: नए प्रावधानों से निवेश को बढ़ावा मिलेगा। उदाहरण के लिए, निजी पेंशन योजनाओं से एकमुश्त निकासी पर अब सरकारी योजनाओं की तरह ही टैक्स छूट मिलेगी।
निष्कर्ष
नए इनकम टैक्स बिल का पास होना भारत की कर प्रणाली के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। यह न केवल करदाताओं के लिए नियमों को सरल बनाता है, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी गति देने का एक प्रयास है। पुराने ड्राफ्ट को वापस लेकर लाए गए संशोधित बिल ने यह दर्शाया है कि सरकार जनता और विशेषज्ञों की राय को महत्व देती है।
यदि आप एक वेतनभोगी कर्मचारी, एक छोटे व्यवसायी या एक निवेशक हैं, तो इन बदलावों को समझना आपके लिए महत्वपूर्ण है। आपकी वित्तीय योजना इन नए नियमों पर आधारित होनी चाहिए।