क्रिकेट प्रेमियों के दिलों की धड़कनें तेज कर देने वाले एक अविस्मरणीय मुकाबले में, भारतीय टीम ने इंग्लैंड को 5वें टेस्ट में 6 रनों से हराकर इतिहास रच दिया है। लंदन के द ओवल (The Oval) मैदान में खेले गए इस रोमांचक मैच में भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj) ने अपनी घातक गेंदबाजी से इंग्लैंड की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। इस जीत के साथ, भारत ने Anderson-Tendulkar Trophy 2-2 से ड्रॉ करवा दी है।
यह सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट के लिए एक बयान था कि चाहे परिस्थितियां कितनी भी मुश्किल क्यों न हों, यह टीम हार नहीं मानती। आइए, इस ऐतिहासिक जीत के कुछ अहम पहलुओं पर नज़र डालते हैं।
मैच का टर्निंग पॉइंट: मोहम्मद सिराज का 5-फेर
मैच के पांचवें दिन, जब इंग्लैंड को जीत के लिए केवल 35 रनों की जरूरत थी और उनके पास 4 विकेट शेष थे, तो ऐसा लग रहा था कि मैच उनके पक्ष में झुक रहा है। लेकिन, मोहम्मद सिराज ने अपनी शानदार गेंदबाजी से पूरा मैच पलट दिया। उन्होंने एक के बाद एक विकेट लेकर इंग्लैंड के निचले क्रम को तहस-नहस कर दिया।
- शुरूआती झटके: सिराज ने दिन के पहले ही ओवर में जेमी स्मिथ को आउट कर भारत को पहली सफलता दिलाई।
- निचले क्रम का पतन: इसके बाद उन्होंने जेमी ओवरटन और फिर शानदार बल्लेबाजी कर रहे गस एटकिंसन को आउट कर भारत की जीत पक्की कर दी।
- मैच विनिंग यॉर्कर: सिराज ने जिस यॉर्कर पर एटकिंसन को बोल्ड किया, वह मैच का निर्णायक पल साबित हुआ। इस विकेट के साथ ही उन्होंने अपना 5-फेर भी पूरा किया।
इस प्रदर्शन के लिए उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ (Player of the Match) भी चुना गया। उनके इस स्पेल ने यह साबित कर दिया कि वह भारतीय टीम के गेंदबाजी आक्रमण के एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं।
“ईमानदारी से कहूं तो, जब मैंने हैरी ब्रूक का कैच छोड़ा, तो मुझे लगा कि मैच हाथ से निकल गया है। लेकिन मैंने हार नहीं मानी और सही लेंथ पर गेंदबाजी करने पर ध्यान केंद्रित किया।” – मोहम्मद सिराज (मैच के बाद)
भारत की बैटिंग में गहराई का प्रदर्शन
यह मैच सिर्फ गेंदबाजी के दम पर नहीं जीता गया। भारतीय बल्लेबाजों ने भी दूसरी पारी में बेहतरीन प्रदर्शन किया। पहली पारी में 224 रन बनाने के बाद, भारत ने दूसरी पारी में 396 रन बनाकर इंग्लैंड को 374 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य दिया।
- यशस्वी जायसवाल की शतकीय पारी: युवा सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने 118 रन की शानदार पारी खेलकर भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाया।
- लोअर ऑर्डर का योगदान: आकाश दीप (66), रवींद्र जडेजा (53), और वाशिंगटन सुंदर (53) ने भी महत्वपूर्ण अर्धशतक बनाए, जिससे टीम का स्कोर सम्मानजनक स्थिति तक पहुंचा।
यह दिखाता है कि भारतीय टीम अब सिर्फ शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों पर निर्भर नहीं है, बल्कि उनके पास निचले क्रम में भी मैच जिताने की क्षमता है।
सीरीज ड्रॉ होने का महत्व
Anderson-Tendulkar Trophy, जिसका नाम क्रिकेट के दो महान खिलाड़ियों – जेम्स एंडरसन और सचिन तेंदुलकर – के नाम पर रखा गया है, इस साल पहली बार खेली गई है। इस सीरीज को 2-2 से ड्रॉ करवाना भारतीय टीम के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह इंग्लैंड की धरती पर भारत के मजबूत इरादों को दर्शाता है।
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इस सीरीज के दौरान, दोनों टीमों ने जबरदस्त क्रिकेट खेला और कई यादगार पल दिए। भारत की इस जीत ने साबित कर दिया कि भारतीय टीम किसी भी परिस्थिति में वापसी करने की क्षमता रखती है।
निष्कर्ष: यह जीत यादगार क्यों है?
यह जीत भारतीय क्रिकेट के लिए कई मायनों में ऐतिहासिक है। एक ऐसा मैच जो हाथ से निकलता हुआ लग रहा था, उसे युवा खिलाड़ियों के दम पर जीतना यह दर्शाता है कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य उज्ज्वल है। मोहम्मद सिराज का 5-फेर, यशस्वी जायसवाल का शतक और निचले क्रम के बल्लेबाजों का योगदान, इन सभी ने मिलकर इस जीत को और भी खास बना दिया। यह जीत न सिर्फ सीरीज को ड्रॉ करती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि भारतीय टीम टेस्ट क्रिकेट की एक मजबूत शक्ति बन चुकी है।