International Mother Language Day 2024 [Hindi]: जानिए अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का महत्व और इतिहास

International Mother Language Day 2022 [Hindi] Theme, History, Quotes
Spread the love

विश्व भर में 21 फरवरी को “अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस” मनाया जाता है. अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (International Mother Language Day 2024) मनाने के पीछे का मकसद है कि दुनियाभर की भाषाओं और सांस्कृतिक का सम्मान हो.

दूसरी लोकप्रिय भाषा के रूप में है हिंदी

दुनिया में अगले 40 साल में चार हजार से अधिक भाषाओं के खत्म होने का खतरा मंडरा रहा है. भारत विविध संस्कृति और भाषा का देश रहा है. 1961 की जनगणना के मुताबिक, भारत में 1652 भाषाएं बोली जाती हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में फिलहाल 1365 मातृभाषाएं हैं, जिनका क्षेत्रीय आधार अलग-अलग है. अन्य मातृभाषी लोगों के बीच भी हिंदी दूसरी भाषा के रूप में लोकप्रिय है.

छोटे भाषा समूह जब एक स्थान से दूसरे स्थान पर बसते हैं तो वे एक से अधिक भाषा बोलने-समझने में सक्षम हो जाते हैं. 43 करोड़ लोग देश में हिंदी बोलते हैं, इसमें 12 फीसद द्विभाषी है. 82 फीसद कोंकणी भाषी और 79 फीसद सिंधी भाषी अन्य भाषा भी जानते हैं. हिंदी मॉरीशस, त्रिनिदाद-टोबैगो, गुयाना और सूरीनाम की प्रमुख भाषा है. फिजी की सरकारी भाषा है.

International Mother Language Day History [Hindi]

वर्ष 1952 में ढाका यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा अपनी मातृभाषा का अस्तित्व बनाए रखने के लिए 21 फरवरी को एक आंदोलन किया गया था. इसमें शहीद हुए युवाओं की स्मृति में ही यूनेस्को ने पहली बार वर्ष 1999 में 21 फरवरी को मातृभाषा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी. इस दिवस को पहली बार वर्ष 2000 में “अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस” के रूप में मनाया गया था.

विश्व भर में बोली जाती हैं इतनी भाषाएं, भारत में हैं 1652 भाषाएं

विश्व में जो भाषाएं सबसे ज्यादा बोली जाती हैं. उनमें अंग्रेजी, जैपनीज़, स्पैनिश,  हिंदी, बांग्ला, रूसी, पंजाबी, पुर्तगाली, अरबी भाषा शामिल हैं. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार लगभग 6900 भाषाएं हैं जो विश्व भर में बोली जाती हैं. इनमें से 90 प्रतिशत भाषाएं बोलने वाले लोग एक लाख से भी कम हैं. भारत की बात करें तो 1961 की जनगणना के अनुसार, भारत में 1652 भाषाएं बोली जाती हैं.

International Mother Language Day 2024 [Hindi]: शिक्षा के क्षेत्र की चुनौतियां

भारत जैसे देश में करोड़ों विद्यार्थियों की मातृभाषा और पढाई की भाषा समान नहीं होने के कारण शिक्षा अक्सर चुनौतीपूर्ण बन जाती है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति और सतत विकास लक्ष्य, दोनों का उद्देश्य सबके लिए उत्तम शिक्षा और आजीवन सीखने की सुविधा देना है। मातृभाषा आधारित बहुभाषी शिक्षा से ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं एसडीजी को प्राप्त प्राप्त किया जा सकता है।  इसके लिए आवश्यक है कि बच्चे की प्रारंभिक शिक्षा मातृभाषा में दी जाए।

■ Also Read: हिंदी दिवस (Hindi Diwas): जानिए क्या है हिन्दी दिवस का इतिहास और महत्व

राष्ट्रीय शिक्षा नीति में यह प्रावधान किया गया है। प्राथमिक शिक्षा के साथ, अदालत की कार्यवाही और उनसे जुड़े फैसलों में स्थानीय भाषाओं के उपयोग की भी आवश्यकता है। उच्च और तकनीकी शिक्षा में स्वदेशी भाषाओं के उपयोग में धीरे-धीरे बढ़ोतरी भी इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। मध्य प्रदेश सरकार ने जनवरी 2024 में राज्य में मेडिकल, इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी माध्यम से करवाने का भी फैसला लिया है। 

भारत में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा मनाने का उद्येश्य

इस दिवस को मनाने का उद्येश्य विश्व में भाषायी और सांस्कृतिक विविधता और बहुभाषिता को बढ़ावा देना है। इस संदर्भ में भारत की भूमिका और भी अधिक मायने रखती है, क्योंकि भारत एक बहुभाषी राष्ट्र है , इसके नाते भारत का उत्तरदायित्व मातृभाषाओं के प्रति कहीं अधिक मायने रखता है। भारत में द्विभाषिकता एवं बहुभाषिकता का प्रचलन है।

Read in English: International Mother Language Day: True Spiritual Knowledge Is The Ultimate Language Of Unity

भारत में भाषाओं को लेकर बात विवाद होते चले आये हैं और चलते भी रहते हैं। खासतौर पर भाषायी द्वंद राजभाषा हिंदी और देश की अन्य शेष भाषाओं के बीच बना ही रहता है। गैर हिंदी भाषीयों का हमेशा इल्जाम रहता है कि उन पर हिंदी थोपी जाती है। वहीं हिंदी भाषी कभी भी देश की अन्य भाषाओं को सीखने के प्रति उत्सुक रहते हैं, न ही कोई संवेदनशीलता रखते हैं कि भारतीय भाषाओं के बीच लोगों द्वारा स्थापित कर दिया गया वैम्नस्य समाप्त हो सके।

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 2024 की थीम क्या है? | International Mother Language Day 2024 Theme

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 2024 की थीम हिंदी पारंपरिक ज्ञान और कृत्रिम बुद्दिमत्ता

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा मनाने का महत्व (International Mother Language Day Importance)

मातृभाषा वह भाषा है जो मनुष्य बचपन से मृत्यु तक बोलता है घर परिवार में बोली जाने वाली भाषा ही हमारी मातृभाषा है । भाषा संप्रेषण का एक माध्यम होती है जिसके द्वारा हम अपने विचारों का आदान प्रदान करते है और अपनी मन की बात किस के समक्ष रखते है । जो शब्द रूप में सिर्फ अभिव्यक्त ही नहीं बल्कि भाव भी स्पष्ट करती है।

Also Read: Dr. Michiaki Takashashi: डॉ मिचियाकी ताकाहाशी की 94 वीं जयंती पर Google ने बनाया डूडल

एक नन्हा सा बालक अपनी मुख से वही भाषा बोलता है जो उसके घर परिवार में बड़े लोग बोलते है । इस भाषा का प्रयोग करके वह अपने विचारों को अपने माता पिता को अपनी मुख से उच्चारण करे बताता है । उसका भाषा ज्ञान सीमित होता जाता है । भाषा ज्ञान की प्राप्ति का वह मार्ग है जिसके जरिये व्यक्ति दैनिक जीवन मे प्रयोग करके सफलता प्राप्त करता है । भाषा के बिना मनुष्य जानवर के समान है जो देख तो सकता है पर अपने अन्दर छुपी भावनाओं को कह नही सकता ।

मिलकर काम कर रहे कई बड़े देश 

भाषा की विविधता को विस्तार से जानने के लिए कई देशों ने इस इस विषय पर मिलकर काम करने का भी फैसला लिया है. इसके तहत अब एक क्षेत्र का व्यक्ति, दूसरे क्षेत्र के व्यक्ति की मातृ भाषा को ना सिर्फ जान पाएगा बल्कि सीख भी सकेगा. बता दें कि भारत सहित कई बड़े देशों में भाषा को सरल और सुगम बनाने के लिए कई तरह की योजनाएं भी तैयार की जा रही है. वहीं, विश्वविद्यालयों में भी भाषा को लेकर नए कोर्सेज तैयार किए जा रहे हैं, ताकि छात्रों को विभिन्न भाषाओं की जानकारी मिल सके.

Credit: Drishti IAS : English

विश्व भर में बोली जाती हैं इतनी भाषाएं

दुनिया में करीब 7 हजार भाषाएं बोली जाती हैं। इनमें अंग्रेजी, जैपनीज़, स्पैनिश,  हिंदी, बांग्ला, रूसी, पंजाबी, पुर्तगाली, अरबी भाषा शामिल हैं।  संयुक्त राष्ट्र के अनुसार लगभग 6900 प्रमुख भाषाएं हैं जो विश्व भर में बोली जाती हैं। इनमें से 90 प्रतिशत भाषाएं बोलने वाले लोग एक लाख से भी कम हैं। भारत की बात करें तो 1961 की जनगणना के अनुसार, भारत में 1652 भाषाएं बोली जाती हैं।

विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाएं

आज विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में अंग्रेजी, जापानी, स्पैनिश, हिंदी, बांग्ला, रूसी, पंजाबी, पुर्तगाली, अरबी इत्यादि शामिल हैं।


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published.