अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day 2023) की शुरुआत एक आंदोलन के रूप में हुई थी. आज से करीब 113 साल पहले साल 1908 में इसकी शुरुआत हुई थी, जब अमेरिका के शहर न्यूयॉर्क में करीब 15 हजार महिलाओं ने मार्च निकालकर नौकरी में कम घंटों, बेहतर सैलरी और वोटिंग के अधिकार की मांग की थी.
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इस साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम (Theme for International Women’s Day 2023)
2021 के लिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम “डिजिटऑल: लैंगिक समानता के लिए प्रौद्योगिकी और नवाचार” (“Women in leadership: an equal future in a COVID-19 world”) रखी गई है. ऐसा कोरोना काल में सेवाएं देने वाली महिलाओं और लड़कियों के योगदान को रेखांकित करने के लिए किया गया है. बीते साल 2020 में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम #EachForEqual थी.
समाज में महिलाओं का खास स्थान
हमारे जीवन में वैसे तो हर व्यक्ति का अपना-अपना खास स्थान है, लेकिन महिलाएं हमारे जीवन में कई अहम रोल निभाती हैं. कभी मां के रूप में, कभी बहन के रूप में, तो कभी एक पत्नी के रूप में. इस दिन दुनिया भर में महिलाओं के जीवन में सुधार लाने, उनकी जागरुकता बढ़ाने जैसे कई विषयों पर जोर दिया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर साल 8 मार्च को ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाया जाता है? आखिर इसके पीछे ऐसी क्या वजह है, तो चलिए इस बारे में जानते हैं.
History of International Women’s Day in Hindi
1908 में हुई थी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत- इस दिन की शुरुआत एक आंदोलन के रूप में हुई थी. आज से करीब 113 साल पहले साल 1908 में इसकी शुरुआत हुई थी, जब अमेरिका के शहर न्यूयॉर्क में करीब 15 हजार महिलाओं ने मार्च निकालकर नौकरी में कम घंटों, बेहतर सैलरी और वोटिंग के अधिकार की मांग की थी.
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सबसे पहले अमेरिका में सोशलिस्ट पार्टी के आह्वान पर इस दिवस को 28 फरवरी 1909 में मनाया गया है. बाद में 1910 में सोशलिस्ट इंटरनेशनल के कोपेनहेगन सम्मेलन में इसे अन्तर्राष्ट्रीय दर्जा दिया गया. महिलाओं के इस आंदोलन को सफलता मिली, और एक साल बाद ही सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने इस दिन को राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित कर दिया, जिसके बाद इसकी शुरुआत हो गई. बदलते वक्त से साथ इसको मनाने का तरीका भी बदल गया. इस दिन को मनाने का उद्देश्य महिलाओं के प्रति सम्मान और उनको समाज में बराबरी का दर्जा दिलाने से होता है.
क्या है महत्व (Importance of International Women’s Day) ?
महिलाओ को लेकर समाज के लोगों को जागरूक करने, महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने जैसी चीजों के प्रति उन्हें जागरूक करने के लिए हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. महिलाओं के हौसलों को बुलंद करने और समाज में फैले असमानता को दूर करने के लिए ही हर वर्ष महिला दिवस मनाया जाता है.
बेटी-बहु कभी माँ बनकर
सबके ही सुख-दुख को सहकर
अपने सब फर्ज़ निभाती है
तभी तो नारी कहलाती है
महिला दिवस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाए जाने की शुरुआत कैसे हुई?
महिला दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाए जाने के बारे में क्लारा जेटकिन ने सबसे पहले सोचा था। क्लारा जेटकिन ने 1910 में कोपेनहेगन में कामकाजी महिलाओं की एक इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का पहली बार सुझाव दिया था। उस वक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में दुनियाभर के 17 देशों की 100 महिलाएं शामिल थीं। सभी ने इस सुझाव का समर्थन किया और 1910 में ही सोशलिस्ट इंटरनेशनल के कोपेनहेगन सम्मेलन में महिला दिवस को अंतरराष्ट्रीय दर्जा दिया गया।
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उस समय इसका प्रमुख उद्देश्य महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिलवाना था, क्योंकि उस समय अधिकतर देशों में महिला को वोट देने का अधिकार नहीं था।

कैसे मनाते हैं इंटरनेशनल वुमन्स डे
इंटरनेशनल वुमन्स डे के दिन महिलाओं को मुख्य रूप से तरजीह दी जाती है। घर हो या ऑफिस, सभी महिलाओं को स्पेशल ट्रीटमेंट दिया जाता है। उनके प्रति सम्मान दिखाने के लिए उन्हें उपहार और विशेष भेजी जाती हैं। व्हाट्स ऐप मैसेज और मेल के अलावा कुछ ऑफिसों में वुमन्स डे के दिन महिलाओं को छुट्टी दी जाती है या फिर उन्हें विशेष रूप से सम्मानित किया जाता है।
प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय महिला सम्मेलन कहां हुआ था?
अमेरिका में पहली बार 1909 में सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका के द्वारा पूरे देश में एक साथ 28 फरवरी के दिन महिला दिवस मनाया गया। इसके बाद 1910 में, सोशलिस्ट इंटरनेशनल द्वारा कोपनहेगन में 28 फरवरी को महिला दिवस के रूप में मनाने को आधिकारिक मंजूरी मिली। 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विटजरलैंड में लाखों महिलाओं ने इस दिन रैलियां निकालकर इस बाबत जागरूकता फैलाई।
International Women’s Day Quotes in Hindi
- किसी भी समाज की उन्नति उस समाज की औरतों की उन्नति से मापी जा सकती हैं।
- आप एक आदमी को शिक्षित करते हैं तब, आप एक आदमी को शिक्षित करते हैं; आप एक औरत को शिक्षित करते हैं तब, आप एक पीढ़ी को शिक्षित करते हैं।
- हर दुःख दर्द सह कर वो मुस्कुराती है, पत्थरों के दीवारों को औरत ही घर बनाती है।
- मुस्कुराकर, दर्द भूलकर रिश्तों में बंद थी दुनिया सारी, हर पग को रोशन करने वाली वो शक्ति है एक नारी
- नारी ही शक्ति है नर की नारी ही है शोभा घर की, जो उसे उचित सम्मान मिले घर में खुशियों के फूल खिले।
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