मराठी सिनेमा और टेलीविजन की दुनिया ने आज एक महान और प्रतिभावान कलाकार को खो दिया है। लोकप्रिय अभिनेत्री ज्योति चांदेकर का निधन हो गया है, जिससे उनके प्रशंसकों और पूरे कला जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। ‘ठरलं तर मग’ (Tharla Tar Mag) सीरियल में ‘पूर्णा आजी’ के रूप में उनकी दमदार अदाकारी ने लाखों दिलों को जीता था। उनकी मृत्यु की खबर ने सभी को स्तब्ध कर दिया है, क्योंकि वे अपनी जीवंतता और ऊर्जा के लिए जानी जाती थीं।
यह सिर्फ एक अभिनेत्री का जाना नहीं है, बल्कि एक ऐसे कलाकार का जाना है जिन्होंने अपनी कला से कई पीढ़ियों को प्रेरित किया। ज्योति चांदेकर के निधन से मराठी मनोरंजन उद्योग में एक बड़ा शून्य पैदा हो गया है, जिसे भरना मुश्किल होगा। इस लेख में, हम उनके जीवन, करियर और उस विरासत के बारे में विस्तार से जानेंगे जो वे पीछे छोड़ गई हैं।
कौन थीं ज्योति चांदेकर? उनका करियर और योगदान
ज्योती चांदेकर एक अनुभवी मराठी अभिनेत्री थीं, जिन्होंने 50 से अधिक वर्षों तक थिएटर, फिल्मों और टेलीविजन में काम किया। उन्होंने मराठी सिनेमा को कई यादगार किरदार दिए। उनके कुछ प्रमुख कार्यों में ‘मी सिंधुताई सपकाळ’ (Me Sindhutai Sapkal), ‘गुरु’ (Guru) और ‘तिचा उंबरठा’ (Ticha Umbartha) जैसी फिल्में शामिल हैं।
वह अपनी बेटी, लोकप्रिय अभिनेत्री तेजस्विनी पंडित की मां भी थीं। मां-बेटी की यह जोड़ी मराठी कला जगत में काफी मशहूर थी। उन्होंने एक साथ 2015 की फिल्म ‘तिचा उंबरठा’ में काम किया, जिसके लिए उन्हें ‘जी गौरव’ पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार मिला। यह उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसने उनकी प्रतिभा को और भी अधिक उजागर किया।
टेलीविजन पर, उन्होंने ‘तू सौभाग्यवती हो’ और ‘छत्रीवाली’ जैसे धारावाहिकों में भी काम किया। लेकिन हाल के वर्षों में उन्हें ‘ठरलं तर मग’ में ‘पूर्णा आजी’ की भूमिका से घर-घर में पहचान मिली। इस किरदार में उनकी करारी लेकिन दिल को छू लेने वाली अदाकारी ने उन्हें लाखों दर्शकों का पसंदीदा बना दिया।
ज्योति चांदेकर मृत्यु का कारण
खबरों के अनुसार, ज्योति चांदेकर का निधन 68 साल की उम्र में पुणे के दीनानाथ अस्पताल में हुआ। वह कुछ समय से बीमार थीं। हालांकि, उनकी मृत्यु का सटीक कारण अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। उनके निधन की खबर उनके परिवार और करीबी दोस्तों द्वारा साझा की गई, जिससे सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि संदेशों की बाढ़ आ गई।
जब कोई कलाकार इतने लंबे समय तक हमारे जीवन का हिस्सा रहा हो, तो उसका जाना व्यक्तिगत क्षति जैसा महसूस होता है। 2023 में उनकी बेटी तेजस्विनी पंडित ने सोशल मीडिया पर बताया था कि उनकी मां पिछले कुछ समय से आईसीयू में थीं और कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थीं। यह दुखद है कि इतनी महान कलाकार को हमें अलविदा कहना पड़ा।
उनके जीवन की कुछ महत्वपूर्ण बातें
- लंबा करियर: उन्होंने अपने 50 साल से अधिक के करियर में लगभग 200 से अधिक पुरस्कार जीते, जो उनकी कला के प्रति समर्पण और उनकी अद्भुत प्रतिभा का प्रमाण है।
- पुरस्कार: उन्हें ‘जी गौरव’ पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री सहित कई प्रतिष्ठित सम्मान मिले।
- प्रभाव: उन्होंने न केवल अपनी अदाकारी से बल्कि अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से भी युवा कलाकारों को प्रेरित किया। उनके जीवन से यह सीख मिलती है कि जुनून और प्रतिबद्धता से कोई भी व्यक्ति अपने सपने पूरे कर सकता है।
कला जगत की प्रतिक्रियाएँ और श्रद्धांजलि
ज्योती चांदेकर के निधन की खबर सुनते ही पूरे मराठी कला जगत में शोक छा गया। कई कलाकारों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
- तेजस्विनी पंडित: उनकी बेटी और अभिनेत्री तेजस्विनी पंडित ने अपनी मां के लिए एक भावनात्मक पोस्ट लिखी, जिसमें उन्होंने कहा, “मां, तुमने हमेशा मुझे सिखाया कि जीवन में हर भूमिका को पूरी लगन और ईमानदारी से निभाना चाहिए। आज मैं तुम्हारी विरासत को आगे लेकर जाऊंगी।”
- अन्य कलाकार: अभिनेत्री मृणाल कुलकर्णी ने लिखा, “ज्योती ताई का जाना एक व्यक्तिगत क्षति है। उनकी ऊर्जा और कला हमेशा हमें याद रहेगी।”
यह दर्शाता है कि ज्योति चांदेकर ने अपने काम से न केवल दर्शकों के दिलों में जगह बनाई, बल्कि अपने सह-कलाकारों के बीच भी सम्मान और प्यार कमाया।
विरासत जो वे पीछे छोड़ गईं
ज्योती चांदेकर का जीवन और करियर इस बात का उदाहरण है कि कला सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है। उनकी सबसे बड़ी विरासत उनके द्वारा निभाए गए किरदार हैं, जो हमेशा हमारे दिलों में ज़िंदा रहेंगे। ‘पूर्णा आजी’ के रूप में उनका किरदार एक ऐसा सशक्त महिला का था जो अपने परिवार के लिए खड़ी रहती थी। यह किरदार लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा बना।
जब हम उनकी कला की बात करते हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि हम उनके व्यक्तिगत जीवन और संघर्षों को भी याद रखें। उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन कभी हार नहीं मानी। उन्होंने यह साबित किया कि उम्र सिर्फ एक संख्या है और कला को निखारने की कोई सीमा नहीं होती।
- अभिनय की गहराई: उनके किरदारों में एक अनूठी गहराई और वास्तविकता थी। वे सिर्फ एक डायलॉग बोलने वाली अभिनेत्री नहीं थीं, बल्कि वे अपने किरदार को जीती थीं।
- पीढ़ियों का पुल: उन्होंने पुरानी और नई पीढ़ी के कलाकारों के बीच एक पुल का काम किया, अपने अनुभव और ज्ञान को साझा करके।
निष्कर्ष और भविष्य की योजनाएँ
ज्योती चांदेकर का निधन एक दुखद घटना है, लेकिन उनका जीवन हमें प्रेरणा देता रहेगा। उनकी कला और विरासत को याद रखना हमारा कर्तव्य है।