क्या आपने हाल ही में कर्नाटक के एक विधायक के घर पर पड़ी ED की छापेमारी के बारे में सुना है? यह खबर देश भर में सुर्खियों में है। हम बात कर रहे हैं कांग्रेस विधायक केसी वीरेंद्र की, जिन्हें ‘पप्पी’ के नाम से भी जाना जाता है। हाल ही में उन पर अवैध सट्टेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। इस लेख में, हम जानेंगे कि कौन हैं केसी वीरेंद्र, उनके राजनीतिक करियर, उन पर लगे आरोप और उनकी कुल संपत्ति के बारे में विस्तार से।
केसी वीरेंद्र कौन हैं?
केसी वीरेंद्र कर्नाटक के चित्रदुर्ग विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक हैं। उनका जन्म 30 जून 1975 को हुआ था। वे पेशे से एक व्यवसायी हैं और उनका व्यापारिक पृष्ठभूमि काफी मजबूत है। राजनीति में आने से पहले वे विभिन्न व्यवसायों से जुड़े थे। 2023 के विधानसभा चुनावों में, उन्होंने चित्रदुर्ग सीट से जीत हासिल की, जहाँ उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार जी.एच. थिप्पारैड्डी को 53,300 वोटों के बड़े अंतर से हराया। यह उनकी पहली विधानसभा जीत थी।
ED की छापेमारी और गिरफ्तारी
22 और 23 अगस्त, 2025 को ED ने केसी वीरेंद्र और उनके सहयोगियों के कई ठिकानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी अवैध ऑनलाइन और ऑफलाइन सट्टेबाजी रैकेट के सिलसिले में की गई थी।
इस छापेमारी में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए:
- 12 करोड़ रुपये नकद: जांच एजेंसी ने उनके ठिकानों से लगभग 12 करोड़ रुपये नकद बरामद किए। इसमें 1 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा भी शामिल थी।
- 6 करोड़ रुपये के गहने: छापेमारी के दौरान लगभग 6 करोड़ रुपये के सोने के गहने जब्त किए गए।
- अन्य संपत्तियां: इसके अलावा, लगभग 10 किलोग्राम चांदी और चार लग्जरी गाड़ियाँ भी जब्त की गईं।
ED के अनुसार, यह पैसा किंग 567 जैसे ऑनलाइन सट्टेबाजी साइटों के माध्यम से अर्जित किया गया था। जांच में यह भी सामने आया है कि उनके भाई, केसी थिप्पेस्वामी, दुबई से तीन व्यावसायिक संस्थाएं (डायमंड सॉफ्टेक, टीआरएस टेक्नोलॉजीज, प्राइम9 टेक्नोलॉजीज) संचालित करते थे, जिनका संबंध वीरेंद्र के कॉल सेंटर और गेमिंग व्यवसाय से था। छापेमारी के बाद, ईडी ने उन्हें सिक्किम से गिरफ्तार कर लिया।

राजनीतिक करियर: JDS से कांग्रेस तक
केसी वीरेंद्र ने अपना राजनीतिक सफर जनता दल (सेक्युलर) से शुरू किया था। वे 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए। कांग्रेस के टिकट पर, उन्होंने चित्रदुर्ग सीट से चुनाव लड़ा और जीता। उनकी जीत ने उन्हें एक प्रभावशाली राजनेता के रूप में स्थापित किया। हालाँकि, उन पर लगे हालिया आरोपों ने उनके राजनीतिक करियर पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
उनकी राजनीतिक यात्रा को इन बिंदुओं से समझा जा सकता है:
- व्यवसायी से नेता: राजनीति में आने से पहले, वे एक सफल व्यवसायी थे।
- JD(S) के साथ शुरुआत: उन्होंने पहले JD(S) पार्टी में काम किया।
- कांग्रेस में प्रवेश: 2023 के चुनावों से पहले वे कांग्रेस में आए।
- पहली जीत: 2023 के विधानसभा चुनावों में चित्रदुर्ग से पहली बार विधायक बने।
कुल संपत्ति और वित्तीय विवरण

MyNeta की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 के चुनावी हलफनामे में केसी वीरेंद्र ने अपनी कुल संपत्ति का विवरण दिया था। उनके पास 55 करोड़ रुपये से अधिक की चल संपत्ति थी, जबकि उनकी पत्नी के पास भी लाखों की संपत्ति थी। उनकी संपत्ति में बैंक जमा, बॉन्ड, शेयर और अन्य निवेश शामिल थे। इस इंफोग्राफिक में आप उनके हलफनामे से मिली प्रमुख वित्तीय जानकारियों को देख सकते हैं, जिसमें उनकी और उनके परिवार की चल और अचल संपत्ति का विवरण शामिल है।
2018 के हलफनामे में भी उनकी संपत्ति का विवरण दिया गया था, जिसमें कुछ कंपनियों में उनकी हिस्सेदारी का उल्लेख था, जैसे Analog Gaming India Private Limited और Rathna Gold Private Limited Company.
यह ध्यान देने योग्य है कि उनके पास करोड़ों रुपये की चल और अचल संपत्ति है, जो उनके व्यापारिक साम्राज्य और राजनीतिक प्रभाव को दर्शाती है।
निष्कर्ष: आगे क्या?
केसी वीरेंद्र की गिरफ्तारी और उन पर लगे आरोपों ने कर्नाटक की राजनीति में हलचल मचा दी है। यह मामला दिखाता है कि कैसे अवैध गतिविधियाँ राजनीति में प्रवेश कर सकती हैं। ईडी की जांच जारी है और आने वाले दिनों में और भी खुलासे होने की उम्मीद है। इस मामले का नतीजा केसी वीरेंद्र के राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन पर गहरा प्रभाव डालेगा।
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