जब भी उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन सार्वजनिक मंच पर आते हैं, वे अपने साथ रहस्य और अटकलों का एक लंबा सिलसिला ले आते हैं। उनकी हर गतिविधि पर दुनिया भर की मीडिया की पैनी नज़र रहती है। हाल ही में, किम जोंग उन की सिग्नेचर हरी ट्रेन और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के बाद उनके सहयोगियों द्वारा कथित तौर पर DNA मिटाने का एक वायरल वीडियो चर्चा का विषय बना हुआ है। ये घटनाएँ न केवल दिलचस्प हैं, बल्कि किम जोंग उन की सुरक्षा प्रोटोकॉल और उत्तर कोरिया के शासन की गोपनीयता को भी उजागर करती हैं। आइए, इन दोनों विषयों पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
किम जोंग उन की सिग्नेचर हरी ट्रेन सिर्फ एक यात्रा का साधन नहीं, बल्कि उनकी शक्ति और गोपनीयता का प्रतीक है। यह कोई साधारण ट्रेन नहीं, बल्कि एक चलता-फिरता किला है, जो अत्याधुनिक सुरक्षा और संचार प्रणालियों से लैस है।
इस हरी ट्रेन का इतिहास किम जोंग उन के दादा, किम इल सुंग, और उनके पिता, किम जोंग इल, से जुड़ा है। किम इल सुंग ने चीन और पूर्वी यूरोप की अपनी ऐतिहासिक यात्राओं के लिए इस ट्रेन का इस्तेमाल किया था। किम जोंग इल, जो हवाई यात्रा से बचते थे, ने अपनी अधिकांश विदेशी यात्राएँ इसी ट्रेन से कीं। किम जोंग उन भी इसी परंपरा को निभाते हुए अपनी अंतरराष्ट्रीय यात्राओं के लिए इसी हरी ट्रेन को प्राथमिकता देते हैं।
यह ट्रेन कई बुलेटप्रूफ कारों से बनी है और इसमें भारी बख़्तरबंद प्लेटें लगी होती हैं, जो इसे बम और गोलियों से बचाती हैं। इसके अलावा, इसमें एक उपग्रह संचार प्रणाली भी है, जो किम जोंग उन को यात्रा के दौरान भी देश से जुड़े रहने में मदद करती है। ट्रेन की अधिकतम गति धीमी होती है, जो लगभग 60 किलोमीटर प्रति घंटा बताई जाती है, ताकि सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित की जा सके। यह भी कहा जाता है कि किम की सुरक्षा के लिए कई अतिरिक्त ट्रेनें आगे-पीछे चलती हैं, जिनमें सुरक्षाकर्मी और रसद मौजूद होती है।
हाल ही में, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ किम जोंग उन की मुलाकात के बाद एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हुआ, जिसमें उत्तर कोरियाई अधिकारियों को कथित तौर पर उस क्षेत्र को पोंछते हुए देखा गया जहाँ किम जोंग उन बैठे थे। इस घटना ने “DNA मिटाने” की अटकलों को जन्म दिया।
वीडियो में उत्तर कोरियाई अधिकारियों को उस कुर्सी और टेबल को सावधानीपूर्वक पोंछते हुए दिखाया गया है जहाँ किम जोंग उन बैठे थे। वे कथित तौर पर हर उस सतह को साफ कर रहे थे जिससे किम का संपर्क हुआ होगा, जैसे कि कप, पेन, और यहाँ तक कि हवा भी। इस क्रिया को किम जोंग उन के DNA या किसी भी जैविक निशान को मिटाने के प्रयास के रूप में देखा गया।
इस तरह की कार्रवाई के पीछे कई संभावित कारण हो सकते हैं, जिनमें से अधिकांश उनकी सुरक्षा और गोपनीयता से जुड़े हैं:
विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना उत्तर कोरिया के शासन की अत्यधिक गोपनीयता और नेता के प्रति उनके जुनूनी सुरक्षा प्रोटोकॉल का एक उदाहरण है। पूर्व CIA अधिकारी ब्रूस क्लिंगनर जैसे विशेषज्ञों ने कहा है कि उत्तर कोरियाई शासन अपने नेता के बारे में किसी भी व्यक्तिगत जानकारी को उजागर होने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास करेगा। (स्रोत: https://www.cfr.org/)
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि DNA मिटाने की यह घटना पहली बार नहीं हुई है। अतीत में भी, किम जोंग इल और किम जोंग उन की यात्राओं के दौरान समान सुरक्षा प्रोटोकॉल देखे गए हैं, जहाँ उनके उपयोग की गई वस्तुओं को सावधानीपूर्वक इकट्ठा किया गया या साफ किया गया।
किम जोंग उन की हरी ट्रेन और DNA मिटाने की घटनाएँ उत्तर कोरिया के शासन के अद्वितीय गोपनीयता और सुरक्षा प्रोटोकॉल का एक छोटा सा हिस्सा हैं।
इन प्रोटोकॉल का उद्देश्य किम जोंग उन को किसी भी बाहरी खतरे से बचाना और उनकी छवि को रहस्यमय और अजेय बनाए रखना है।
किम जोंग उन की सिग्नेचर हरी ट्रेन और पुतिन से मुलाकात के बाद DNA मिटाने वाले वायरल वीडियो की घटनाएँ, उत्तर कोरिया के शासन की असाधारण गोपनीयता और नेता की सुरक्षा के प्रति उनकी जुनूनी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। ये घटनाएँ न केवल दिलचस्प हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों और कूटनीति में उत्तर कोरिया के अद्वितीय दृष्टिकोण को भी उजागर करती हैं। जहाँ तक DNA मिटाने के पीछे के वास्तविक कारणों का सवाल है, वे पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन वे निश्चित रूप से किम जोंग उन के स्वास्थ्य, सुरक्षा और प्रचार-प्रसार के इर्द-गिर्द घूमते हैं।
भविष्य में भी, किम जोंग उन की हर सार्वजनिक उपस्थिति और यात्रा दुनिया भर में सुर्खियाँ बटोरती रहेगी, क्योंकि वे अपने साथ हमेशा रहस्य का एक नया अध्याय लेकर आते हैं।
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