Mahatma Gandhi Death Anniversary [Hindi]: जहां सत्य है, वहां आज भी बापू जिंदा हैं, आज के दिन ही लगी थी गांधी जी को गोली

Mahatma Gandhi Death Anniversary [Hindi] Gandhi Ji Quotes In Hindi
Spread the love

Mahatma Gandhi Death Anniversary: आज  पूरा देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की 74वीं पुण्यतिथि मना रहा है. आज का दिन इतिहास में देश को सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलते हुए आजादी दिलाने वाले प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी मोहनदास करमचंद गांधी की पुण्यतिथि के तौर पर हमेशा के लिए दर्ज है.  साल 1948 में आज के दिन ही यानी 30 जनवरी के दिन ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. 

Table of Contents

महात्मा गांधी का बचपन

गांधी जी बचपन में पढ़ाई में अधिक होनहार नहीं थे। गणित में मध्यम दर्जे के विद्यार्थी थे तो वहीं भूगोल में बहुत कमजोर थे। उनकी लिखावट भी सुंदर नहीं थी, जिसकी वजह से अक्सर उन्हें डांट पड़ती थी लेकिन वह अंग्रेजी में निपुण थे। अंग्रेजी विषय में उन्हें कई पुरस्कार और छात्रवृत्तियां मिला करती थीं।

Mahatma Gandhi Death Anniversary: गांधी जी का परिवार 

जब वह मात्र 13 साल के थे तो उनकी शादी पोरबंदर के एक व्यापारी की बेटी कस्तूरबा से हो गई, जो उनसे 6 माह बड़ी थीं। वहीं 15 साल की उम्र में गांधी जी एक बेटे के पिता भी बन गए थे। हालांकि उनका वह पुत्र जीवित न रहा। इसके बाद गांधी जी और कस्तूरबा गांधी के चार बेटे हुए, जिनके नाम हरिलाल, मनिलाल, रामलाल, देवदास है।

यह 23 मार्च को मनाए जाने वाले ‘शहीद दिवस’ से कैसे है अलग

लोग पूछते हैं कि  23 मार्च को भी तो शहीद दिवस मनाया जाता है पर ये 30 जनवरी से अलग कैसे हैं तो जान लें कि 30 जनवरी को महात्मा गांधी की हत्या हुई थी उधर 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी, इसलिए इन अमर शहीदों की याद में 23 मार्च को भी ‘शहीद दिवस’ मनाया जाता है।

Mahatma Gandhi Death Anniversary पर राहुल गांधी ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजल

बापू की पुण्यतिथि पर आज देश के तमाम नेता उन्हें याद कर रहे हैं. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भी एक ट्वीट के जरिए राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा, ‘एक हिंदुत्ववादी ने गांधी जी को गोली मारी थी. सब हिंदुत्ववादियों को लगता है कि गाँधी जी नहीं रहे. जहां सत्य है, वहां आज भी बापू ज़िंदा हैं!

गांधी जी द्वारा किए गए आंदोलन

गांधीजी के हर कदम पर कस्तूरबा गांधी ने उनका साथ दिया। वह एक आदर्श पत्नी कही जाती हैं जो गांधी जी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलीं। गांधी जी को लोग प्यार से बापू कहते हैं तो कस्तूरबा गांधी को बा कहते थे। गांधीजी ने वकालत की शिक्षा हासिल की और 1919 में अंग्रेजों के राॅलेट एक्ट कानून के खिलाफ विरोध शुरु किया। इस एक्ट के तहत बिना मुकदमा चलाए किसी व्यक्ति को जेल में भेजने का प्रावधान था। फिर गांधी जी ने सत्याग्रह की घोषणा की। ‘असहयोग आंदोलन’, ‘नागरिक अवज्ञा आंदोलन’, ‘दांडी यात्रा’ और ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ किए।

सुभाष चंद्र बोस ने कहा था पहली बार बापू जी को राष्ट्रपिता

नेताजी सुभाष चंद्र बोस और महात्मा गांधी के बीच के मतभेदों की बात कही जाती है लेकिन सबसे पहली बार नेताजी ने ही 6 जुलाई 1944 को रंगून रेडियो स्टेशन से दिए गए अपने भाषण में गांधीजी को राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया था। नेताजी ने आजाद हिंद फौज की स्थापना करते हुए महात्मा गांधी से आशिर्वाद मांगा था। अपने भाषण के अंत में सुभाष चंद्र बोस ने कहा था कि ‘हमारे राष्ट्रपिता, भारत की आजादी की पवित्र लड़ाई में मैं आपके आशीर्वाद और शुभकामनाओं की कामना कर रहा हूं।’

Mahatma Gandhi Quotes In Hindi: राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के अनमोल विचार

  • मृत, अनाथ, और बेघर को इससे क्या फर्क पड़ता है कि यह तबाही सर्वाधिकार या फिर स्वतंत्रता या लोकतंत्र के पवित्र नाम पर लायी जाती है?: महात्मा गाँधी
  • हजारों लोगों द्वारा कुछ सैकड़ों की हत्या करना बहादुरी नहीं है, ये कायरता से भी बदतर है, ये किसी भी राष्ट्रवाद और धर्म के विरुद्ध है: महात्मा गांधी
  • सत्य कभी ऐसे कारण को क्षति नहीं पहुंचाता जो उचित हो: महात्मा गाँधी
  • क्रूरता का जवाब क्रूरता से देने का अर्थ अपने नैतिक और बौद्धिक पतन को स्वीकार करना है: महात्मा गांधी
  • ऐसे जियो जैसे कि तुम कल मरने वाले हो। ऐसे सीखो की तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो: महात्मा गाँधी
  • विश्वास करना एक गुण है, अविश्वास दुर्बलता कि जननी है: महात्मा गाँधी
  • मैं सभी की समानता में विश्वास रखता हूँ, सिवाय पत्रकारों और फोटोग्राफरों के: महात्मा गाँधी
  • मैं मरने के लिए तैयार हूँ, पर ऐसी कोई वज़ह नहीं है जिसके लिए मैं मारने को तैयार हूँ: महात्मा गाँधी
  • आँख के बदले में आँख पूरे विश्व को अँधा बना देगी: महात्मा गाँधी
  • शांति का कोई रास्ता नहीं है, केवल शांति है: महात्मा गाँधी

Mahatma Gandhi Death Anniversary: नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत हैं बापू

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी ने कहा, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी को पुण्यतिथि पर सादर नमन. त्याग व तपस्या के प्रेरणास्रोत संसार को सत्य, अहिंसा और स्वच्छता हेतु प्रेरित करके विश्व को शान्ति का मार्ग दिखाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि.

Read in English: 30 January Martyrdom Day Of Gandhi Ji Observed As Martyrs’ Day / Shaheed Diwas

#MahatmaGandhi. पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर कहा है राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर बापू को श्रद्धांजलि. सत्य और अहिंसा का उनका सिद्धांत आज भी उतने ही प्रासंगिक है. नई पीढ़ी को उन्हें आत्मसात करनी चाहिए. आइए हम सब मिलकर प्रत्येक आंखों से आंसू पोंछने के लिए खुद को समर्पित कर दे. बापू की पुण्यतिथि पर आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी श्रद्धांजलि दी है.

Mahatma Gandhi Death Anniversary पर राष्ट्रपति ने किया बापू को याद

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उनको याद किया। राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, ‘मैं कृतज्ञ राष्ट्र की तरफ से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। हमें शांति, अहिंसा, सादगी, साधनों की पवित्रता और विनम्रता के उनके आदर्शों का पालन करना चाहिए। आइए हम उनके सत्य और प्रेम के मार्ग पर चलने का संकल्प लें।’

दांडी मार्च के दौरान लुधियाना आए थे महात्मा गांधी

महात्मा गांधी दांडी मार्च के दौरान लुधियाना पहुंचे थे और उन्होंने शहर के प्रसिद्ध बाजार चौड़ा बाजार में भी मार्च निकाला था। उस दौरान उनके दांडी मार्च में बड़ी गिनती में शहरवासी जुड़े थे। महात्मा गांधी ने दांडी मार्च के दौरान लुधियाना में लोगों को विदेशी सामान का बहिष्कार करने के लिए प्रेरित किया था।

Mahatma Gandhi Death Anniversary: हत्या के मामले में 8 लोगों पर चला था मुकदमा

गांधी की हत्या के मामले में 8 लोगों पर मुकदमा चला। इनमें नाथूराम गोडसे, नारायण आप्टे, विष्णु करकरे, गोपाल गोडसे, मदनलाल, वीर सावरकर, दत्तात्रेय परचुरे, दिगंबर बड़गे और उसका नौकर शंकर किस्तैया शामिल थे। इनमें बड़गे सरकारी गवाह बन गए।

Credit: BBC Hindi

गोडसे और आप्टे को गांधी की हत्या के आरोप में दोषी ठहराते हुए 15 नवंबर 1949 को फांसी दे दी गई। ये आजाद भारत की पहली फांसी की सजा थी। करकरे, मदनलाल, गोपाल गोडसे, डॉ. परचुरे और शंकर को आजीवन कारावास की सजा दी गई। वीर सावरकर के खिलाफ किसी तरह के सबूत नहीं मिलने की वजह से उन्हें बरी कर दिया गया।

‘गांधी के विचार सदैव राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित करेंगे’

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि महात्मा गांधी के विचार सदैव राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित करते रहेंगे। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “महात्मा गांधी जी ने हर भारतीय के हृदय में स्वदेशी, स्वभाषा और स्वराज की अलख जगाई। उनके विचार और आदर्श सदैव हर भारतवासी को राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित करते रहेंगे। आज पूज्य बापू की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन कर श्रद्धांजलि देता हूं।”

30 जनवरी को ‘2 मिनट’ के लिए ‘थम’ सा गया पूरा देश

केंद्र सरकार ने शहीदों के सम्मान में एक और फैसला लिया है महात्मा गांधी के निधन की तिथि को हर साल 30 जनवरी को शहीद दिवस के तौर पर मनाया जाता है। केंद्र सरकार के इस आदेश में शहीद दिवस पर देश की आजादी में बलिदान देने वालों की याद में दो मिनट का मौन रखने को कहा गया है। आदेश में देश की आजादी में बलिदान देने वालों की याद में 11 बजे से दो मिनट का मौन रखने को कहा गया है। 30 जनवरी को सुबह 11 बजे से दो मिनट का मौन रखा जाएगा।

भारत और दुनिया में 30 जनवरी की महत्वपूर्ण घटनाएं

  • 1997: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के निधन के 49 साल बाद उनकी अस्थियों का विसर्जन संगम के तट पर किया गया।
  • 1971: इंडियन एयरलाइंस का फोकर फ्रेंडशिप विमान हाईजैक कर लिया गया।
  • 1957: UNO ने साउथ अफ्रीका को नस्लभेद नीति पर फिर से विचार करने के निर्देश दिए।
  • 1951: भारतीय राजनीतिज्ञ और अभी देश के कैबिनेट मिनिस्टर प्रकाश जावड़ेकर का जन्म हुआ।
  • 1933: दुनिया के सबसे चर्चित तानाशाह हिटलर ने ऑफिशियल रूप से जर्मनी के चांसलर की कमान संभाली।
  • 1913: भारत की पहली महिला चित्रकार अमृता शेरगिल का जन्म हुआ।
  • 1911: कैनेडियन नेवल सर्विस का नाम बदला गया। इसकी जगह रॉयल कैनेडियन नेवी नाम रखा गया।
  • 1890: हिन्दी साहित्यकार और कामायनी जैसे काव्य संग्रह के रचयिता जयशंकर प्रसाद का जन्म।
  • 1649: इंग्लैंड के सम्राट चार्ल्स प्रथम को फांसी दी गई।

महात्मा गांधी ‘हे राम’ कहकर दुनिया से हुए गए थे विदा

अहिंसा को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाकर अंग्रेजों को देश से बाहर का रास्ता दिखाने वाले महात्मा गांधी खुद हिंसा का शिकार हुए थे. वो उस दिन भी रोज की तरह शाम की प्रार्थना के लिए जा रहे थे. उसी समय नाथूराम गोडसे ने उन्हें बहुत करीब से गोली मारी और साबरमती का संत ‘हे राम’ कहकर दुनिया से विदा हो गया. अपने जीवनकाल में अपने विचारों और सिद्धांतों के कारण चर्चित रहे मोहन दास करमचंद गांधी का नाम दुनियाभर में सम्मान से लिया जाता है.


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published.