Monkeypox Virus in Hindi: पूरी दुनिया अब भी कोरोना वायरस से लड़ रही है. यह वायरस चीन में फिर से तबाही मचा रहा है. इसका खतरा अभी टला नहीं है कि एक और नए वायरस ने दस्तक दे दी है. रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन में मंकीपॉक्स वायरस का एक मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि यह वायरस चूहे जैसे संक्रमित जीवों से मनुष्य में फैलता है. जिस शख्स में इस वायरस की पुष्टि हुई है वह हाल ही में नाइजीरिया से आया था. ऐसे में माना जा रहा है कि यह वायरस भी वहीं से आया है.
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क्या है मंकीपॉक्स वायरस
एक्सपर्ट की मानें तो मंकीपॉक्स एक रेयर वायरस है. इससे पीड़ित व्यक्ति में फ्लू के लक्षण दिखे हैं. अगर किसी की हालत ज्यादा बिगड़ जाए तो उसे निमोनिया की भी शिकायत हो सकती है. पूरे शरीर और चेहरे पर दाने आने लगते हैं.
Monkeypox Virus [Hindi] | अलर्ट पर ब्रिटेन का स्वास्थ्य विभाग
ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी इस केस के मिलने के बाद अलर्ट पर है. एजेंसी का कहना है कि मंकीपॉक्स एक दुर्लभ वायरस है और यह आसानी से नहीं फैलता है. एजेंसी का कहना है कि इस वायरस पर स्टडी की गई है. इसके लक्षण मामूली हैं. सबसे राहत की बात ये है कि इसके पीड़ित कुछ हफ्ते में ही ठीक हो सकते हैं. हालांकि इम्यून सिस्टम कमजोर होने पर यह खतरनाक हो सकता है. पिछले साल जुलाई में अमेरिका के टेक्सास में एक व्यक्ति इस वायरस की पुष्टि हुई थी.
लोगों को किया जा रहा जागरूक
ब्रिटेन के हेल्थ अधिकारियों ने बताया कि, मंकीपॉक्स के पहला केस मिलने के बाद से अतिरिक्त सावधानी बरती जा रहा है. इसका इलाज फिलहाल अस्पताल में चल रहा है और इसकी हालत ठीक है. इसके संपर्क में आए लोगों की तलाश की जा रही है. कुछ लोग मिले हैं, उन्हें इस बीमारी और इससे बचने के उपाय संबंधी जरूरी सलाह दी जा रही है.
मंकीपॉक्स के लक्षण क्या हैं (Symptoms of Monkeypox Virus)?
जिन लोगों को मंकीपॉक्स हुआ है उन लोगों में अब तक फ्लू के लक्षण, चेचक की समस्या होने पर दिखने वाले लक्षण, निमोनिया के लक्षण आदि दिखाई दे रहे हैं, इसके अलावा पूरे शरीर पर लाल रंग के दाने, रैशेज आदि भी दिखाई दे रहे हैं. विस्तार में जानते हैं लक्षणों के बारे में-
- सिर दर्द की समस्या हो जाना
- शरीर पर गहरे लाल रंग के दाने नजर आना
- व्यक्ति को फ्लू के लक्षण नजर
- निमोनिया के लक्षण नजर आना
- तेज बुखार होना
- मांसपेशियों में दर्द होना
- व्यक्ति को तेज ठंड लगना
- व्यक्ति को अत्यधिक थकान महसूस करना
- व्यक्ति के लिए लिम्फ नोड्स में सूजन हो जाना
मंकीपॉक्स वायरस का इलाज
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, इस बीमारी का कोई सटीक इलाज मौजूद नहीं है. हालांकि संक्रमित व्यक्ति के लक्षणों को कम करने के लिए उसे दवाईयां या इंजेक्शन दिए जाते हैं. ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी के क्लीनिकल एंड अमेजिंग इनफेक्शंस के निदेशक डॉक्टर कॉलोनी ब्राउन के अनुसार, यह समस्या इंसानों में आसानी से नहीं फैल सकती.
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यही कारण है कि इंसानों में इसके मामले कम देखे गए हैं. जिस व्यक्ति को यह समस्या होती है तो उसे आइसोलेशन में रखने से दूसरे लोगों में इसके फैलने का खतरा कम हो जाता है. इससे अलग यदि कोी व्यक्ति मरीज के संपर्क में आया है तो उसकी जांच की जानी चाहिए. अपने आसपास साफ-सफाई रखने से, मास्क पहनने से मंकीपॉक्स के संक्रमण से बचा जा सकता है.
मंकीपॉक्स का मनुष्य में पहला केस
1970 में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में दर्ज किया गया था। 2003 में आयातित अफ्रीकी कृन्तकों से पालतू प्रैरी कुत्तों में वायरस फैलने के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका ने मनुष्यों के बीच एक बड़ा प्रकोप देखा। हालांकि, डलास काउंटी के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, टेक्सास निवासी में यह पहला मंकीपॉक्स वायरस संक्रमण माना जाता है।
क्या मंकीपॉक्स घातक है?
मंकीपॉक्स के इस प्रकार के संक्रमण 100 में से लगभग 1 व्यक्ति में घातक होता हैं, लेकिन जिनकी इम्युनिटी कमजोर होती है ऐसे लोगों में मृत्यु दर अधिक हो सकती है।
इंसानों में कैसे फैलता है मंकीपॉक्स वायरस? (Monkeypox Virus Causes in Hindi)
मंकीपॉक्स एक दुर्लभ बीमारी है जो दुनिया के कुछ देशों में पायी गयी है। यह बीमारी ज्यादातर मामलों में चूहों और बंदरों से ही इंसानों में होती है। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद यह बीमारी आंख, नाक या मुंह के जरिए इंसान के शरीर में फैल सकती है। मंकीपॉक्स से संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। यह वायरस चिकन पॉक्स की फैमिली से जुड़ा हुआ है और इससे संक्रमित होने पर मरीज में दिखाई देने वाले लक्षण हल्के या गंभीर हो सकते हैं। मंकीपॉक्स की बीमारी को लेकर दुनिया भर में आज भी रिसर्च जारी है।
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वायरस के फैलने का कारण?
अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं आप इस वायरस का शिकार हो सकते हैं। ये वायरस आपकी स्किन में दरार, श्वास मार्ग, आंख, नाक और मुंह के माध्यम से प्रवेश करता है। एनएचएस का कहना है कि ये संक्रमण पश्चिम, मध्य अफ्रीका के कुछ हिस्सों में संक्रमित जंगली जानवरों से फैलता है और चूहे मुख्य रूप से इसका वाहक हो सकते हैं।
ब्रिटेन की हेल्थ एजेंसी का कहना है कि बिना लक्षण वाले लोग संक्रामक नहीं माने जा रहे हैं लेकिन एहतियात के रूप में सावधानी बरतने की जरूरत है और संक्रमित व्यक्ति से दूर रहना चाहिए। बीमार व्यक्ति को जल्द से जल्द इलाज कराने की जरूरत है।
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