Mother Teresa Jayanti in Hindi:क्या आपने कभी सोचा है कि एक व्यक्ति का जीवन दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत कैसे बन सकता है? मदर टेरेसा (Mother Teresa) एक ऐसा ही नाम है, जिन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों, बीमारों और असहायों की सेवा में समर्पित कर दिया।
उनकी जयंती, हर साल 26 अगस्त को मनाई जाती है, जो हमें उनके असाधारण प्रेम और करुणा की याद दिलाती है। यह ब्लॉग पोस्ट आपको मदर टेरेसा के जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं और उनके महान कार्यों के बारे में बताएगा।
कौन थीं मदर टेरेसा? | Who was Mother Teresa in Hindi?
मदर टेरेसा, जिनका असली नाम एग्नेस गोंझा बोयाजिजू (Anjezë Gonxhe Bojaxhiu) था, का जन्म 26 अगस्त 1910 को स्कॉप्जे (जो अब उत्तरी मैसेडोनिया में है) में हुआ था। छोटी उम्र से ही उनके मन में गरीबों की सेवा करने की तीव्र इच्छा थी। 18 साल की उम्र में उन्होंने अपना घर छोड़ दिया और नन बनकर भारत आ गईं।

उन्होंने कोलकाता (तब कलकत्ता) को अपनी कर्मभूमि बनाया और यहां के सबसे गरीब लोगों के बीच रहकर काम करना शुरू किया।
मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना और उनका अतुलनीय योगदान
Mother Teresa Jayanti in Hindi: 1950 में, मदर टेरेसा ने “मिशनरीज ऑफ चैरिटी” (Missionaries of Charity) की स्थापना की। इसका मुख्य उद्देश्य “भूखों, बेघर, विकलांगों और ऐसे लोगों की सेवा करना था, जिन्हें समाज ने ठुकरा दिया था।” शुरुआती दिनों में सिर्फ 13 सिस्टर्स के साथ शुरू हुआ यह संगठन उनकी मृत्यु तक 123 देशों में 610 से अधिक मिशनों तक फैल गया था।
मदर टेरेसा के काम का एक बड़ा हिस्सा उन लोगों को सम्मानजनक मृत्यु प्रदान करना था, जिन्हें सड़कों पर मरने के लिए छोड़ दिया जाता था। उन्होंने “निर्मल हृदय” (Nirmal Hriday) नामक केंद्र की स्थापना की, जहां वे मरने वाले लोगों को अपने अंतिम क्षणों में शांति और प्यार का अनुभव कराती थीं।
मदर टेरेसा जयंती (Mother Teresa Jayanti in Hindi): उनके संदेश का स्मरण
मदर टेरेसा की जयंती सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि उनके जीवन मूल्यों और शिक्षाओं को याद करने का अवसर है। उनके कुछ प्रमुख विचार आज भी प्रासंगिक हैं:
- “शांति की शुरुआत मुस्कुराहट से होती है।”
- “सबसे बड़ी बीमारी कुष्ठ रोग या तपेदिक नहीं, बल्कि अवांछित होना है।”
- “हम सभी महान काम नहीं कर सकते, लेकिन हम छोटे-छोटे काम को बहुत प्यार से कर सकते हैं।”
इन विचारों से पता चलता है कि वे बाहरी भव्यता की जगह, आंतरिक प्रेम और दया को अधिक महत्व देती थीं।
मदर टेरेसा से जुड़ी एक रोचक जानकारी: उन्हें 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। पुरस्कार राशि मिलने पर उन्होंने उसे गरीबों की सेवा में दान कर दिया और कहा, “पुरस्कार की राशि का एक हिस्सा भी मेरे लिए नहीं है, यह उन गरीबों के लिए है, जिनकी मैं सेवा करती हूँ।”
Mother Teresa Jayanti Quotes in Hindi
- ये महत्वपूर्ण नहीं कि आपने कितना दिया, बल्कि ये जरूरी है कि देते समय आपने कितने प्रेम से दिया।
- सभी कामों में हमें अनुशासन की जरूरत होती है और ये हमारे लक्ष्यों और परिणामों के बीच का पुल होता है।
- अगर आप 100 लोगों को नहीं खिला सकते, तो एक को ही खिलाइए।
- कभी ये जानने की कोशिश नहीं करें कि लोग कैसे हैं, क्योंकि अगर आपने ऐसा किया तो आपके पास लोगों को प्रेम करने का समय नहीं होगा।
- आपको अगर किसी से प्यार के कुछ शब्द सुनने हैं, तो आपको पहले उससे कुछ प्यार के शब्द कहने भी पड़ेंगे। ठीक वैसे, जैसे किसी दिए को जलाए रखने के लिए उसमें तेल भी डालना पड़ता है।
Mother Teresa Jayanti in Hindi: मदर टेरेसा का प्रभाव आज भी जीवित है
मदर टेरेसा की मृत्यु 5 सितंबर 1997 को हुई थी, लेकिन उनका प्रभाव आज भी दुनिया भर में महसूस किया जाता है। उनके द्वारा स्थापित मिशनरीज ऑफ चैरिटी आज भी लाखों लोगों की सेवा कर रहा है। उन्होंने हमें सिखाया कि सच्ची दौलत धन में नहीं, बल्कि दूसरों के प्रति दिखाए गए प्रेम और करुणा में है।
आप भी उनकी शिक्षाओं से प्रेरणा ले सकते हैं। अपने आस-पास के किसी जरूरतमंद व्यक्ति की मदद करके, या किसी चैरिटी में समय देकर।
निष्कर्ष: आपके लिए एक संदेश
मदर टेरेसा जयंती हमें याद दिलाती है कि एक व्यक्ति का प्रेम और समर्पण दुनिया को बदल सकता है। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि भले ही हम बड़े काम न कर पाएं, लेकिन छोटे-छोटे कामों को प्यार से करके हम एक बेहतर दुनिया बना सकते हैं। आइए, उनकी जयंती पर हम सब मिलकर एक संकल्प लें कि हम अपने जीवन में दया और सेवा के मूल्यों को अपनाएंगे।