भारत में प्रत्येक वर्ष 21 अप्रैल को ‘राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस (National Civil Service Day)’ मनाया जाता है। यह लोक प्रशासन में कार्यरत अधिकारियों द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों की सराहना करने का दिन है। यह दिन विभिन्न विभागों में कार्यरत सिविल सेवकों को स्मरण करने के उपलक्ष्य में है, जो देश के नागरिकों को सेवा प्रदान कर रहे हैं। IAS, IPS और IFS के रूप में नियुक्त अधिकारी नागरिकों के सामने आने वाले विभिन्न सामाजिक मुद्दों को हल करने के लिए ज़मीनी स्तर पर कार्य करते हैं।
राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस का इतिहास (History Of The National Civil Service Day)
21 अप्रैल को राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस के रूप में चुना गया है। आज के ही दिन स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री, सरदार वल्लभभाई पटेल ने सन् 1947 में मेटकाफ हाउस, नई दिल्ली में प्रशासनिक सेवा अधिकारियों के परिवीक्षाधीनों (Probationers of Administrative Services Officers) को संबोधित किया था। सरदार पटेल ने अपने अभिभाषण में सिविल सेवकों को ‘भारत का स्टील फ्रेम (Steel frame of India)’ कहा था। पहला राष्ट्रीय सेवा दिवस समारोह 21 अप्रैल, 2006 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित किया गया था।
राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस का महत्व (Significance Of National Civil Service Day)
हमारे देश में सिविल सेवा में भारतीय प्रशासनिक सेवा (Indian Administrative Service – IAS), भारतीय पुलिस सेवा (Indian Police Service – IPS), भारतीय विदेश सेवा (Indian Foreign Service – IFS) और अखिल भारतीय सेवाओं और केंद्रीय सेवा ग्रुप A और ग्रुप B (All India Services and Central Services Group A and Group B) की व्यापक सूची शामिल है।
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यह दिन उन सभी को समर्पित है जो अपनी अनुकरणीय सेवाओं को मनाने (स्मरण करने) के लिए सिविल सेवा में शामिल हुए हैं। इस दिन वे आने वाले वर्षों की योजना भी बनाते हैं। इस दिन का उत्सव सिविल सेवा के अधिकारियों को जनता के लिए और अधिक कुशलता से काम करने के लिए प्रेरित करता है। केंद्र सरकार राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस पर विभिन्न विभागों के कार्यों का मूल्यांकन करती है।
21 अप्रैल का दिन ही क्यों चुना गया
21 अप्रैल का दिन ही इस रूप में मनाने के लिए इसलिए चुना गया क्योंकि 21 अप्रैल 1947 को भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने नव नियुक्त और गठित प्रशासनिक सेवा अधिकारियों को संबोधित किया था. सरदार पटेल का ऐतिहासिक भाषण नई दिल्ली में मेटकाफ हाउस में आयोजित हुआ था, इस दौरान उन्होंने सिविल सेवकों को “भारत के स्टील फ्रेम” के रूप में संदर्भित किया था.
पहला राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस कब मनाया गया?
भारत में पहला राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस 21 अप्रैल 1947 को मनाया गया था। इस दिन का उद्घाटन सरदार वल्लभ भाई पटेल ने किया था। उस समय सरदार पटेल संसद के गृह सदस्य थे। उन्होंने अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा प्रशिक्षण स्कूल में एक प्रेरक भाषण दिया और अपने संबोधन में उन्होंने सिविल सेवकों को भारत की रीढ़ के रूप में संदर्भित किया।
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इससे पहले ब्रिटिश शासन के दौरान, सिविल सेवाओं का नाम भारतीय सिविल सेवा था, जिसे बाद में अखिल भारतीय सेवाओं में बदल दिया गया था और यह पूरी तरह से भारत द्वारा नियंत्रित किया गया था।
National Civil Service Day 2023: इस दिन किस प्रकार के पुरस्कार दिए जाते हैं?
लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए सिविल सेवा के अधिकारियों को प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। यह पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिया जाता है। पहली श्रेणी के पुरस्कार में आठ पूर्वोत्तर राज्य और तीन पहाड़ी राज्य उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू और कश्मीर शामिल होते हैं। दूसरी श्रेणी में सात केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं। और तीसरी श्रेणी में भारत के अन्य राज्य शामिल हैं। प्रधानमंत्री पुरस्कार में सिविल सेवा अधिकारी को एक पदक, स्क्रॉल और एक लाख रुपए की राशि प्रदान की जाती है।
राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस मनाने का उद्देश्य क्या है?
- सिविल सेवा अधिकारियों के कार्य और प्रयासों को प्रेरित करना और उनकी सराहना करना.
- केंद्र सरकार इस अवसर का उपयोग सिविल सेवाओं के तहत विभिन्न विभागों के काम का मूल्यांकन करने के लिए करती है.
- केंद्र सरकार सबसे अच्छा काम करने वाले व्यक्तियों और समूहों को पुरस्कार देती है.
- इस दिन ज्यादातर केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारियों को भारत के प्रधानमंत्री द्वारा लोक प्रशासन के क्षेत्र में उनकी असाधारण सेवाओं के लिए सम्मानित किया जाता है. क्या आप जानते हैं कि यह समारोह Department of the Administrative Reforms and Public grievances (DARPG) and Ministry of Personnel, Public Grievances and Pensions द्वारा आयोजित किया जाता है?
देश में सिविल सेवाओं के सुधार और आधुनिकीकरण में उनके योगदान के लिए चार्ल्स कार्नवालिस को भारतीय सिविल सेवा के पिता के रूप में जाना जाता है. भारत में सिविल सेवाओं की नींव वारेन हेस्टिंग्स ने रखी थी, लेकिन सुधार लाने की जिम्मेदारी कार्नवालिस ने ली थी. उन्होंने भारतीय सिविल सेवा के दो प्रभागों को भी पेश किया था.
इसलिए चुना गया है ये दिन
इस दिन को सिविल सर्विसेज डे के तौर पर इसलिए चुना गया क्योंकि आजादी के बाद भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने साल 1947 के 21 अप्रैल को ही दिल्ली के मेटकाफ हाउस (Metcalf House) में प्रशासनिक सेवा अधिकारियों के परिवीक्षाधीनों को संबोधित किया था। पहला नेशनल सिविल सर्विस डे साल 2006 में नई दिल्ली के विज्ञान भवन में मनाया गया था। भारत सरकार ने प्रशासनिक सेवा में जुटे अधिकारियों के कामों का आकलन किया था और उन्हें सम्मानित किया था।
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