Last Updated on 16 August 2025, 9:15PM IST | भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसने पूरे देश का ध्यान खींचा। उन्होंने कहा कि दिवाली से पहले सरकार “Next-gen GST reforms” लाने जा रही है, जिसका सीधा फायदा आम नागरिकों को होगा। पीएम मोदी के मुताबिक, इन सुधारों से रोज़मर्रा के इस्तेमाल की कई चीज़ों पर टैक्स कम हो जाएगा और लोगों को महंगाई से राहत मिलेगी। यह खबर ऐसे समय में आई है जब महंगाई एक बड़ा मुद्दा बनी हुई है। आइए विस्तार से जानते हैं कि ये सुधार क्या हैं, इनका उद्देश्य क्या है और ये आपकी जेब पर कैसे असर डालेंगे।
Next-gen GST Reforms क्या हैं?
“Next-gen GST reforms” का सीधा मतलब है, GST व्यवस्था में अगली पीढ़ी के सुधार। जीएसटी को लागू हुए 8 साल से ज़्यादा का समय हो चुका है। इन सालों में इसकी कार्यप्रणाली में कई बदलाव किए गए हैं, लेकिन अब सरकार एक बड़े और व्यापक सुधार की तैयारी में है। पीएम मोदी ने कहा कि इन सुधारों का मुख्य उद्देश्य कर प्रणाली को और अधिक सरल बनाना, छोटे व्यवसायों को राहत देना और सबसे महत्वपूर्ण, आम आदमी की जेब पर पड़ने वाले बोझ को कम करना है।
इन सुधारों में मुख्य रूप से निम्नलिखित बदलाव शामिल हो सकते हैं:
- टैक्स स्लैब का सरलीकरण: वर्तमान में जीएसटी के 4 मुख्य स्लैब हैं: 5%, 12%, 18% और 28%। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार 12% और 18% के स्लैब को मिलाकर एक नया स्लैब बना सकती है। इससे कर प्रणाली को समझना और लागू करना आसान हो जाएगा।
- रोज़मर्रा की चीज़ों पर टैक्स कटौती: पीएम मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि इन सुधारों के तहत, आम आदमी के दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर लगने वाले जीएसटी को कम किया जाएगा।
- प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण और सरलीकरण: छोटे और मध्यम उद्योगों (MSMEs) के लिए जीएसटी रिटर्न फाइलिंग और अनुपालन प्रक्रियाओं को और भी आसान बनाने पर जोर दिया जाएगा, जिससे व्यापार करना आसान (Ease of Doing Business) हो।
किन चीज़ों पर कम हो सकता है टैक्स?
पीएम मोदी के इस ऐलान के बाद सबसे बड़ा सवाल यही है कि किन-किन वस्तुओं के दाम घटेंगे? हालांकि अभी तक सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक सूची जारी नहीं की गई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि जिन वस्तुओं पर 12% जीएसटी लगता है, उन्हें 5% के स्लैब में लाया जा सकता है।
संभावित रूप से इन वस्तुओं पर जीएसटी कम हो सकता है:
- डेयरी उत्पाद: पनीर, मक्खन और अन्य प्रोसेस्ड डेयरी प्रोडक्ट्स।
- कपड़े और जूते: ₹1000 से कम कीमत के कपड़े और फुटवियर।
- घरेलू सामान: साबुन, टूथपेस्ट, डिटर्जेंट और कुछ सौंदर्य प्रसाधन।
- खाद्य पदार्थ: पास्ता, जैम, सॉस और मिठाई जैसे डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ।
अगर ये बदलाव होते हैं, तो दिवाली के त्यौहार पर खरीदारी करने वाले परिवारों के लिए यह एक बड़ा तोहफा साबित होगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक, जीएसटी लागू होने के बाद से सरकार ने कई वस्तुओं पर टैक्स कम किया है, जिससे करीब 400 से ज़्यादा वस्तुओं के दाम घटे हैं। यह नया सुधार भी उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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इन सुधारों का अर्थव्यवस्था पर क्या असर होगा?
Next-gen GST reforms से सिर्फ आम आदमी को ही नहीं, बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था को भी फायदा होने की उम्मीद है।
- मांग में वृद्धि: जब रोज़मर्रा की चीज़ें सस्ती होंगी, तो लोगों की खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी, जिससे बाज़ार में मांग में वृद्धि होगी। बढ़ी हुई मांग से उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा और उत्पादन में भी इज़ाफ़ा होगा।
- व्यापार में सुगमता: छोटे कारोबारियों के लिए प्रक्रियाओं को आसान बनाने से वे अनुपालन पर कम समय और संसाधन खर्च कर पाएंगे, जिससे उनका ध्यान व्यापार बढ़ाने पर केंद्रित होगा। इससे देश में रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो सकते हैं।
- राजस्व में वृद्धि: एक सरल और पारदर्शी कर प्रणाली से कर चोरी में कमी आ सकती है, जिससे सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी। भले ही कुछ वस्तुओं पर टैक्स कम हो, लेकिन बढ़ी हुई मांग और बेहतर अनुपालन से कुल राजस्व में संतुलन बना रहेगा।
GST Reforms की यात्रा: एक सिंहावलोकन
जीएसटी, जिसे “एक राष्ट्र, एक कर” के सिद्धांत पर 2017 में लागू किया गया था, भारत की कर व्यवस्था में एक क्रांतिकारी कदम था। शुरुआती चुनौतियों के बावजूद, इसने भारत को एक एकीकृत बाज़ार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जीएसटी परिषद, जिसमें केंद्र और राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं, ने समय-समय पर दरों में बदलाव कर और नियमों को सरल बनाकर इसे और अधिक प्रभावी बनाया है। पीएम मोदी की “Next-gen GST reforms” की घोषणा इसी निरंतर सुधार की प्रक्रिया का हिस्सा है।
निष्कर्ष: दिवाली पर मिलेगी डबल खुशी
पीएम मोदी का यह ऐलान कि दिवाली पर Next-gen GST reforms से रोज़मर्रा की चीज़ें सस्ती होंगी, आम जनता के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। यह न केवल त्योहारों के मौसम में लोगों की खरीदारी को आसान बनाएगा, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी गति देगा। सरकार का यह कदम करदाताओं के बोझ को कम करने और एक सरल, प्रभावी और जनता-हितैषी कर व्यवस्था बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि जीएसटी परिषद की अगली बैठक में किन सुधारों को अंतिम रूप दिया जाता है।