क्या है नोरोवायरस? कारण, लक्षण और इलाज | Norovirus News in Hindi

Norovirus in India [Hindi] Treatment, Symptoms, Causes, Infection
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Norovirus in India: कोरोनावायरस की वजह से चीन में फिर से बिगड़ते हालातों को देख भारत भी अलर्ट मोड पर है। लेकिन इसी बीच देश में चिंता की एक और खबर सामने आई है। हाल ही में मिली जानकारी के मुताबिक केरल में नोरोवायरस के दो मामलों की पुष्टि की गई है। इस बारे में राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को जानकारी दी कि एर्नाकुलम जिले में नोरोवायरस के दो मामले पाए गए हैं। इस वायरस के इन मामलों के सामने आने के बाद से ही हड़कंप मचा हुआ है। तो चलिए जानते हैं आखिर क्या है नोरोवायरस, इसके लक्षण, कारण और इससे बचान के तरीके-

Table of Contents

नोरोवायरस क्या है? (What Is Norovirus?)

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, नोरोवायरस एक वायरल बीमारी है जो विश्व स्तर पर तीव्र गैस्ट्रोएंटेराइटिस का सबसे आम कारण है, जिसमें तीव्र शुरुआत दस्त और उल्टी सहित लक्षण हैं. वायरस अत्यधिक संक्रामक है और दूषित पानी, भोजन और सतहों से फैलता है.

नोरोवायरस के लक्षण (Symptoms Of Norovirus)

  • उल्टी
  • दस्त
  • सिरदर्द
  • शरीर में दर्द
  • थकान

नोरोवायरस का कारण (Causes Of Norovirus)

लोग दूषित भोजन या तरल पदार्थ खाने या पीने से, दूषित सतहों या वस्तुओं को छूने और फिर अपनी उंगलियों को अपने मुंह में डालने से, या किसी संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से जैसे कि उनकी देखभाल करना या उनके साथ भोजन शेयर करना या उनके साथ एक बर्तन पर खाने ये इफेक्ट कर सकता है.

क्या है नोरोवायरस? कारण, लक्षण और इलाज 

भारत के दक्षिण में स्थित केरल राज्य में नोरोवायरस संक्रमण के दो मामले सामने आए हैं जो कि दोनों ही बच्चे हैं। दोनों ही स्कूली छात्र फ़िलहाल स्वस्थ है और उनकी सेहत स्थिर बनी हुई है। लेकिन केरल स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक लोगों को अलर्ट रहने की जरूरत है। अब जब से नोरोवायरस सामने आया है तब से यह सवाल खड़े होने लगे हैं कि आखिर यह वायरस है क्या है? आज इस लेख के जरिये हम नोरोवायरस के बारे में विस्तार से जानेंगे कि आखिर नोरोवायरस है  क्या, नोरोवायरस के लक्षण क्या है और नोरोवायरस संक्रमण होने के पीछे क्या कारण है। वहीं, सबसे जरूरी कि नोरोवायरस संक्रमण का इलाज कैसे किया जाता है? 

नोरोवायरस के जोखिम कारक क्या है? What are the risk factors for norovirus?

नोरोवायरस से संक्रमित होने के जोखिम कारकों में निम्नलिखित शामिल हैं :- 

  1. ऐसे स्थान पर भोजन करना जहां नोरोवायरस संक्रमण वाले किसी व्यक्ति द्वारा भोजन किया गया हो या भोजन दूषित पानी या सतहों के संपर्क में रहा हो
  2. पूर्वस्कूली या बाल देखभाल केंद्र में भाग लेना
  3. नजदीकी इलाकों में रहना, जैसे कि नर्सिंग होम में
  4. होटल, रिसॉर्ट, क्रूज जहाजों या अन्य गंतव्यों में कई लोगों के साथ रहना
  5. किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आना जिसे नोरोवायरस संक्रमण है

Norovirus in India: नोरोवायरस का इलाज (Treatment Of Norovirus)

नोरोवायरस बीमारी के इलाज के लिए कोई विशेष दवा नहीं है. डिहाइड्रेशन से बचने के लिए सीडीसी खोए हुए द्रव को बदलने के लिए बहुत सारे तरल पदार्थ पीने की सलाह देता है. अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोना भी जरूरी है क्योंकि ठीक हुए लोगों के मल में वायरस कम से कम दो हफ्ते तक रह सकता है.

  • केरल में पहला मामला पिछले साल जून में अलप्पुझा जिले में दर्ज किया गया था. 2021 में नोरोवायरस से जुड़े लगभग 950 मामले उसी इलाके और आस-पास के इलाकों से सामने आए थे. प्रकोप डेढ़ महीने तक चला था.
  • अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

नोरोवायरस से कैसे करें बचाव? – Norovirus Prevention in Hindi

नोरोवायरस से बचाव के लिए आपको साफ-सफाई का ध्यान रखना होगा। इसके लिए आपको निम्न बातों का ध्यान रखने की जरूरत है, जैसे-

  • समय-समय पर अपने हाथों को साबुन और साफ पानी से धोएं। 
  • सब्जियों और फलों को अच्छी तरह से धोकर खाएं। 
  • नॉनवेज जैसे- चिकन, मछली खा रहे हैं, तो इसे अच्छे से पकाकर खाएं। 
  • अगर किसी व्यक्ति को उल्टी या फिर पेट में दर्द हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 
  • संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखें। 
  • दूषित सतह पर हाथ न लगाएं। 
  • दूषित पानी का किसी भी कार्य के लिए इस्तेमाल न करें, इत्यादि। 

नोरोवायरस से संक्रमित व्यक्तियों को अपना खास ध्यान रखने की जरूरत है। अगर आपको अपने शरीर में किसी तरह का लक्षण नजर आ रहा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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नोरोवायरस आमतौर पर कितने समय तक रहता है? How long does norovirus usually last? 

अधिकांश लोग 1 या 2 दिनों में ठीक हो जाते हैं और उनका कोई दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभाव नहीं होता है। निर्जलीकरण बहुत युवा, बुजुर्गों या कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में एक चिंता का विषय हो सकता है। कभी-कभी संक्रमित लोग एक सप्ताह या उससे अधिक समय तक हल्के लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं।

क्या ये भी कोरोना की तरह ही जानलेवा साबित होगा?

महामारी विशेषज्ञ डॉ अनुराग कुमार बताते हैं कि नोरोवायरस भी कोविड की तरह ही एक संक्रामक वायरस है, हालांकि ये कोई नया वायरस नहीं है. केरल में 2021 और 2022 में भी इस वायरस के केस रिपोर्ट किए जा चुके हैं. इस वायरस से बच्चे ही अधिक संक्रमित होते हैं. इससे उल्टी-दस्त की शिकायत होती है, लेकिन ये वायरस कोविड की तरह जानलेवा नहीं है. नोरोवायरस से मृत्युदर भी काफी कम है और इसके कोई गंभीर लक्षण भी नहीं आते हैं. नोरोवायरस से पेट में खराबी आती है, लेकिन अगर समय पर इलाज हो जाए तो जान जाने का जोखिम नहीं होता है.

Norovirus in India: विंटर वोमिटिंग बग

इस वायरस के केस सर्दियों में ज्यादा आते हैं. इसी वजह से नोरोवायरस को विंटर वोमिटिंग बग भी कहा जाता है. दुनियाभर में हर साल नोरोवायरस के कई लाख केस आते हैं और इससे बड़ी संख्या में बच्चे संक्रमित भी होते हैं, हालांकि भारत में कभी भी इस वायरस का प्रसार ज्यादा नहीं हुआ है. ऐसे में चिंता की कोई बात नहीं है. केरल में नोरोवायरस के केस आते रहते हैं. वहां इस वायरस की रोकथाम के लिए पर्याप्त इंतजाम भी हैं. ऐसे में पैनिक होने की जरूरत नहीं है.

क्या नोरोवायरस घातक है? Is norovirus fatal? 

गंभीर निर्जलीकरण से कोई भी मर सकता है, लेकिन नोरोवायरस वास्तव में केवल कुछ कमजोर रोगियों के बीच ही घातक है जिसमें शिशु और कमजोर बुजुर्ग विशेष रूप से शामिल है।

Norovirus in India: कैसे फैलता है ये वायरस

Norovirus in India: वरिष्ठ फिजिशियन डॉ अजय कुमार बताते हैं कि ये वायरस खराब पानी और खाने से फैलता है. एक व्यक्ति के इससे संक्रमित होने पर दूसरे में भी इसका वायरस फैल सकता है. नोरोवायरस से संक्रमित होने पर पहले हल्का बुखार आता है. इसके बाद सिरदर्द और उल्टी- दस्त की शिकायत भी होती है. ये वायरस पेट में गैस्ट्रोएंटेराइटिस की समस्या भी कर सकता है. संक्रमित होने के एक से दो दिन बाद इसके लक्षण शरीर में दिखने लगते हैं. कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को ये वायरस नुकसान पहुंचा सकता है.

Norovirus in India: रोकथाम के तरीके क्या हैं

डॉ कुमार ने बताया कि इस वायरस से बचाव के लिए जरूरी है कि उल्टी-दस्त और बुखार वाले मरीज से सावधानी बरते. साफ पानी पीएं और दूषित भोजन न करें. अगर नोरोवायरस के लक्षण दिख रहे हैं तो तुरंत डॉक्टरों से सलाह लें. इसमें कोई लापरवाही न करें.

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नोरोवायरस का इलाज

नोरोवायरस को लेकर कोई विशेष ट्रीटमेंट नहीं है। इस संक्रमण में डॉक्टर रोगी को अधिक से अधिक लिक्विड लेने की सलाह देते हैं। इस बीमारी में शरीर में पानी की कमी होने से रोकने पर जोर होता है। इसके अलावा आराम करने की सलाह दी जाती है। साथ ही ऐसा भोजन खाने की सलाह दी जाती है जो आसानी से पच सके।

Norovirus in India: किसे है सबसे अधिक खतरा

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर साल नोरोवायरस के दुनियाभर में 68 करोड़ मामले सामने आते हैं। खास बात है कि इसमें से 20 करोड़ संक्रमित 5 साल से कम उम्र के बच्चे होते हैं। इस बीमारी से दुनियाभर में हर साल करीब दो लाख लोगों की मौत होती है। मरने वालों में बच्चों की संख्या लगभग 50 हजार होती है। एक्सपर्ट का कहना है कि नोरोवायरस से सबसे अधिक खतरा कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को होता है। ऐसे में बच्चे और बुजुर्गों में इसके संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है। कम आय वाले देशों में इस संक्रमण से मरने वालों की संख्या सबसे अधिक होती है।

60 डिग्री तापमान पर भी जिंदा रह सकता है नोरोवायरस

Norovirus in India: ये वायरस बार-बार व्यक्ति को अपना शिकार बना सकता है क्योंकि इसके बहुत सारे वेरिएंट होते हैं. इस वायरस पर कीटाणुनाशक भी काम नहीं करते और ये 60 डिग्री के तापमान पर भी जिंदा रह सकता है. मतलब ये कि पानी को उबालने या क्लोरीन डालने से इस वायरस को नहीं मारा जा सकता है. ये वायरस हैंड सैनिटाइजर के इस्तेमाल के बावजूद जिंदा रह सकता है.

संक्रमण के डर से स्कूल बंद रखने का फैसला

संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्राइवेट स्कूल को अगले दो-तीन दिन बंद रखने का फैसला किया गया है। खास बात है कि बच्चों के अलावा कुछ पैरंट्स में भी इस बीमारी के लक्षण देखने को मिले हैं। जानते हैं आखिर यह नोरोवायरस है क्या। इस संक्रमण के लक्षण क्या है। क्या इसका इलाज संभव है।

Norovirus in India: संक्रमित होने पर कैसे किया जाए बचाव?

संक्रमित लोगों को डॉक्टर के निर्देशानुसार घर पर ही आराम करने की सलाह दी जाती है. उन्हें भरपूर मात्रा में उबला हुआ पानी और ओरल रिहाइड्रेशन साल्ट (ओआरएस) का सेवन करना होगा. जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सेवा लेनी होगी. संक्रमित व्यक्ति को ठीक होने के दो दिन बाद ही बाहर जाना चाहिए, क्योंकि उस दौरान वायरस फैल सकता है.


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