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PM Modi ने Yashobhoomi, Delhi में किया Semicon India 2025 का उद्घाटन

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PM Modi ने Yashobhoomi, Delhi में किया Semicon India 2025 का उद्घाटन

आज भारत के तकनीकी इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के यशोभूमि में ‘Semicon India 2025’ का भव्य उद्घाटन किया। यह सिर्फ एक सम्मेलन नहीं, बल्कि “आत्मनिर्भर भारत” के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सेमीकंडक्टर, जिसे अक्सर “21वीं सदी के हीरे” कहा जाता है, हमारी डिजिटल दुनिया की रीढ़ है। मोबाइल फोन से लेकर कारों, सुपरकंप्यूटर से लेकर मेडिकल उपकरणों तक, हर जगह इनकी आवश्यकता होती है। PM Modi का यह उद्घाटन भारत को इस महत्वपूर्ण उद्योग में एक वैश्विक शक्ति बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

इस तीन दिवसीय सम्मेलन में दुनिया भर के 48 देशों से 20,000 से अधिक प्रतिनिधि, 50 से अधिक वैश्विक नेता और 350 से अधिक कंपनियां भाग ले रही हैं। यह संख्या ही इस बात का प्रमाण है कि दुनिया भारत के सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र में एक बड़ी संभावना देख रही है। PM Modi ने अपने संबोधन में कहा, “तेल काला सोना था, लेकिन चिप्स सेमीकंडक्टर हीरे हैं।” यह बयान सेमीकंडक्टर के महत्व और भारत के लिए इसकी रणनीतिक अनिवार्यता को रेखांकित करता है।

सेमीकॉन इंडिया 2025: भारत के लिए क्यों है इतना महत्वपूर्ण?

Semicon India 2025 का आयोजन भारत में सेमीकंडक्टर के डिजाइन, निर्माण और अनुसंधान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है। यह सम्मेलन वैश्विक निवेशकों, उद्योग जगत के दिग्गजों और नीति निर्माताओं को एक मंच पर लाता है। यहां भारत सरकार की ‘भारत सेमीकंडक्टर मिशन’ पहल को विस्तार से प्रस्तुत किया गया, जिसके तहत 76,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

1. स्वदेशी निर्माण पर जोर

भारत दशकों से सेमीकंडक्टर चिप्स के आयात पर निर्भर रहा है, जिससे हमारी अर्थव्यवस्था और रणनीतिक सुरक्षा दोनों पर असर पड़ता है। PM Modi के नेतृत्व में, भारत अब आयात पर निर्भरता कम करके स्वदेशी उत्पादन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। सम्मेलन में भारत की पहली स्वदेशी 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर ‘विक्रम’ को पीएम को भेंट किया गया, जिसे इसरो की सेमीकंडक्टर लैब ने विकसित किया है। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है और दिखाता है कि भारत किस तेजी से इस क्षेत्र में प्रगति कर रहा है।

2. निवेश और रोजगार के नए अवसर

Semicon India 2025 ने भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की घोषणा की है। इस निवेश से पूरे देश में 10 से अधिक नई फैब्रिकेशन और पैकेजिंग इकाइयां स्थापित होंगी। यह न केवल देश की तकनीकी क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि लाखों कुशल और अर्ध-कुशल श्रमिकों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा। भारत के सेमीकंडक्टर बाजार का मूल्य 2024-25 में 45-50 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, और 2030 तक यह 100 अरब डॉलर के पार जा सकता है।

3. वैश्विक साझेदारी और विश्वास

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा, “आज दुनिया भारत पर भरोसा करती है।” यह भरोसा भारत की स्थिर नीतियों, मजबूत आर्थिक विकास और विशाल प्रतिभा पूल का परिणाम है। Semicon India 2025 जैसे मंच वैश्विक कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए प्रेरित करते हैं। सम्मेलन में मौजूद 48 देशों के प्रतिनिधि इस बात का प्रमाण हैं कि भारत अब सिर्फ एक उपभोक्ता बाजार नहीं, बल्कि एक विश्वसनीय वैश्विक भागीदार के रूप में देखा जा रहा है।

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भारत सेमीकंडक्टर मिशन: सफलता की कहानी

2021 में शुरू किए गए भारत सेमीकंडक्टर मिशन ने कम समय में ही उल्लेखनीय सफलता हासिल की है।

  • 2021: भारत सेमीकंडक्टर मिशन की शुरुआत।
  • 2023: भारत के पहले सेमीकंडक्टर प्लांट को मंजूरी दी गई।
  • 2024: अतिरिक्त प्लांट्स को मंजूरी मिली।
  • 2025: पांच और नई परियोजनाओं को मंजूरी।

यह लगातार और तेज प्रगति दिखाती है कि सरकार इस मिशन को कितनी गंभीरता से ले रही है।

चुनौतियां और आगे की राह

हालांकि भारत सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है, फिर भी कुछ चुनौतियां मौजूद हैं:

  • कुशल कार्यबल की कमी: सेमीकंडक्टर उद्योग को उच्च-कुशल इंजीनियरों और तकनीशियनों की आवश्यकता होती है। भारत को इस कमी को दूर करने के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण पर अधिक निवेश करना होगा। (यह भी 
  • उच्च लागत और लंबी प्रक्रिया: एक फैब्रिकेशन प्लांट (फैब) स्थापित करने में अरबों डॉलर का निवेश और कई साल का समय लगता है। भारत सरकार को निवेश प्रोत्साहन और नियामक प्रक्रियाओं को और आसान बनाना होगा।
  • पानी और बिजली की उपलब्धता: फैब इकाइयों को बड़ी मात्रा में स्वच्छ पानी और निर्बाध बिजली की आवश्यकता होती है। इन संसाधनों की सुनिश्चित उपलब्धता एक बड़ी चुनौती है।

इन चुनौतियों के बावजूद, भारत के पास एक बड़ा घरेलू बाजार, मजबूत प्रतिभा पूल (दुनिया के 20% सेमीकंडक्टर डिजाइन इंजीनियर भारत से हैं) और एक समर्थक सरकारी नीति है, जो इसे इस क्षेत्र में सफल होने के लिए एक मजबूत स्थिति प्रदान करती है।

निष्कर्ष: भारत का उज्ज्वल भविष्य

PM Modi द्वारा Semicon India 2025 का उद्घाटन भारत के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा। यह न केवल आर्थिक विकास को गति देगा, बल्कि भारत को भू-राजनीतिक रूप से भी मजबूत बनाएगा। चिप निर्माण में आत्मनिर्भरता हमें बाहरी दबावों से मुक्त करेगी और हमारी डिजिटल संप्रभुता को सुनिश्चित करेगी।

हम एक ऐसे युग में प्रवेश कर रहे हैं जहां डेटा और टेक्नोलॉजी ही शक्ति हैं। सेमीकंडक्टर उद्योग में सफलता भारत को इस नए विश्व में एक नेतृत्वकर्ता बनाएगी। यह समय है कि हम सब मिलकर इस यात्रा का हिस्सा बनें।

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