Republic Day 2023 Speech , Essay : 26 जनवरी को पूरा देश पूरे उत्साह के साथ गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। इस बार परेड 10 बजे की बजाय 10.30 बजे शुरू होगी। फ्लाईपास्ट के लिए दृश्यता के मद्देनजर यह निर्णय किया गया है। कोरोना के बीच आयोजित हो रही इस परेड को देखने के लिए आने वाले उन्हीं वयस्कों को अनुमति दी जाएगी, जो टीके की दोनों खुराक ले चुके हों। 15 साल से अधिक उम्र के किशोरों के लिए एक खुराक लिया होना जरूरी है। जबकि, 15 साल से कम उम्र के बच्चों को परेड स्थल पर आने की अनुमति नहीं होगी।
आज भारत अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। 26 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। सबसे पहले मैं आपको बताना चाहता हूं कि गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है। दरअसल इस दिन ही हमारे देश को अपना संविधान मिला था। 26 जनवरी 1950 को सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर भारत का संविधान लागू किया गया था। संविधान लागू होने के बाद हमारा देश भारत एक गणतंत्र देश बन गया। इस के 6 मिनट बाद 10 बजकर 24 मिनट पर राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। इस दिन पहली बार बतौर राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद बग्गी पर बैठकर राष्ट्रपति भवन से निकले थे।
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क्यों मनाते हैं गणतंत्र दिवस?
साल 1950 में भारत का संविधान लागू किया गया था. स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने संविधान अपनाया था. 26 जनवरी 1950 को संविधान को लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया. यानी 2 साल 11 महीने और 18 दिन बाद संविधान लागू हुआ था. इस दिन भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया.
गणतंत्र दिवस का इतिहास (Republic Day History)
26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान (Indian Constitution) लागू हुआ. संविधान सभा, जिसका उद्देश्य भारत के संविधान का मसौदा तैयार करना था, ने अपना पहला सत्र 9 दिसंबर, 1946 को आयोजित किया. अंतिम विधानसभा सत्र 26 नवंबर, 1949 को समाप्त हुआ और फिर एक साल बाद संविधान को अपनाया गया
गणतंत्र दिवस का महत्व (Republic Day 2023 Significance)
गणतंत्र दिवस स्वतंत्र भारत की भावना का प्रतीक है. इसी दिन 1950 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी, जो औपनिवेशिक शासन से भारत की स्वतंत्रता की घोषणा थी. यह दिन भारतीय नागरिकों को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी सरकार चुनने की शक्ति का भी स्मरण कराता है. राष्ट्र इस दिन को भारतीय संविधान की स्थापना के लिए राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाता है.
Republic Day Speech in Hindi
भाषण की शुरुआत में सबसे पहले सभी को नमस्कार, करने के बाद कार्यक्रम में मौजूद सभी अतिथियों का धन्यवाद करें. फिर बोलना शुरू करें. हम सभी आज अपने देश का 74वां गणतंत्र दिवस मनाने के लिए यहां एकत्रित हुए हैं. मैं गणतंत्र दिवस पर भाषण देने के लिए सम्मानित महसूस कर रहा हूं. गणतंत्र दिवस हर साल 26 जनवरी को हमारे देश में बहुत खुशी और गर्व के साथ मनाया जाता है. आज ही के दिन 1950 में भारतीय संविधान लागू हुआ था. हम सभी जानते हैं कि भारत को स्वतंत्रता 15 अगस्त 1947 को मिली थी, लेकिन राष्ट्र का अपना कोई संविधान नहीं था. इसी दिन यानी 26 जनवरी 1950 को हमारे देश का संविधान लागू हुआ था जिसे बाबा साहब डॉक्टर भीम राव अंबेडकर ने बनाया था.
आज इसी संविधान के वजह से हमारा देश पूर्ण गणतंत्र है. इस दिन सबसे पहले भारत के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति पर देश के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं. एक लोकतांत्रिक देश में रहना हम सबके लिए गर्व की बात है. मैं अपना भाषण यह कहकर समाप्त करना चाहूंगा कि एक सच्चे राष्ट्रभक्त की तरह देश को एक बेहतर जगह बनाने में योगदान देते रहना हैं. धन्यवाद! जय हिंद.
इस साल कौन सा गणतंत्र दिवस है?
इस साल 26 जनवरी को हम अपना 74वां गणतंत्र दिवस मनाएंगे. गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम 23 जनवरी यानी सुभाष चंद्र बोस जयंती से शुरू होगा, जबकि पिछले साल तक यह 24 जनवरी से शुरू होता था. वहीं, इस बार इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति नहीं जली होगी, क्योंकि इसका विलय राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (नेशनल वॉर मेमोरियल) में कर दिया गया है.
Republic Day 2023: पूर्ण स्वराज की घोषणा
भारत में लाहौर अधिवेशन में इस प्रस्ताव की घोषणा की गयी की यदि अंग्रेज सरकार द्वारा 26 जनवरी 1930 तक भारत को डोमीनियम का दर्जा नहीं दिया गया तो भारत को पूर्ण रूप से स्वतंत्र घोषित कर दिया जाएगा। इस बात पर जब ब्रिटिश सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया। तब भारतीय कांग्रेस द्वारा 26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वराज घोषित कर दिया गया। यह अधिवेशन पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में दिसम्बर 1929 में हुआ था।
Republic Day 2023 कार्यक्रम
गणतंत्र दिवस को पुरे भारत में राष्ट्रीय पर्व के रूप मनाया जाता है। 26 जनवरी के दिन भारत के राष्ट्रपति द्वारा समारोह में ध्वजारोहण किया जाता है और तोपों की सलामी के साथ ही गणतंत्र दिवस समारोह में मौजूद सभी नागरिकों द्वारा सामूहिक रूप से खड़े हो कर राष्ट्रगान गाया जाता है। Republic Day के दिन अलग-अलग रेजिमेंट, भारतीय तीनों सेनाएं ( जल, थल, नभ) गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेते है और राष्ट्रीय ध्वज तथा राष्ट्रपति को सलामी देते हैं.
Republic Day 2023: 26 जनवरी की परेड
गणतंत्र दिवस के मोके पर हर साल राष्ट्रीय राजधानी, नई दिल्ली में इंडिया गेट पर खास परेड का आयोजन होता है, इस कार्यक्रम में आम नागरिक भी शामिल हो सकते हैं, गणतंत्र दिवस के इस खास मौक़े पर हजारों की संख्या में लोग राजपथ पर होने वाली इस परेड और कार्यक्रम को देखने के लिए आते हैं। 26 जनवरी की परेड में तीनों सेनाएँ विजय चौक से परेड शुरू कर राष्ट्रपति और राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देते हुए राजपथ से होकर निकलती है। यह परेड आर्मी बैंड की मधुर धुनों पर कदम ताल करते हुए लोगों को सम्मोहित कर देते हैं। इसके बाद अनेक राज्यों की एवं सरकारी विभागों की झांकियां निकाली जाती हैं।
गणतंत्र दिवस (Republic Day 2023) सम्बन्धित प्रश्न उत्तर
भारत 2023 में गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पांच मध्य एशियाई देश कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उजबेकिस्तान के राष्ट्रपतियों को आमंत्रित करने की योजना बना रहा है गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में विद्यालयों में कौन-कौन से कार्यक्रम करवाए जाते हैं।
26 जनवरी के दिन स्कूलों में भाषण प्रतियोगिता, कला प्रतियोगिता जिसमे स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरें बनाई जाती हैं, निबंध, चित्रलेखा, नाटक, रंगोली आदि प्रतियोगिताएं होती हैं जिनमे बहुत से छात्र भाग लेते हैं।
Republic Day क्यों मनाया जाता है ?
क्योकि 26 जनवरी 1950 के दिन भारतीय संविधान को बना कर लागू कर दिया गया था।
भारतीय संविधान को बनाने में कितना समय लगा ?
भारतीय संविधान को बनाने में 2 वर्ष 11 माह व 18 दिन का समय लगा।
भारतीय संविधान किसके द्वारा लिखा गया है ?
भारत के संविधान संविधान प्रारूप समिति द्वारा लिखा गया है।
सविधान सभा बैठक के मुख्य सदस्य कौन-कौन थे ?
डॉ भीमराव अंबेडकर, पंडित जवहरलाल नेहरू, डॉ राजेंद्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद आदि मुख्य सदस्य थे।
गणतंत्र दिवस की परेड में कौन-कौन सी सेनाएं भाग लेती हैं
परेड में तीनों सेनाएं ( जल, थल, नभ ) भाग लेती हैं।
2023 में भारत का कौन सा गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा ?
इस वर्ष 26 जनवरी 2023 को भारत का 74वां गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा।
Gantantra Diwas Speech, Bhashan, essay
3. 26 जनवरी का दिन हमारे देश के बहुत खास है। क्योंकि, इस दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था। गणतन्त्र का अर्थ है, जनता के द्वारा जनता के लिए शासन। इसी दिन भारत एक गणतंत्र देश बन गया था। भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियों ने कड़ी मेहनत और संघर्ष करके भारत को पूर्ण स्वराज दिलाया। उन्होंने हमारे लिए बहुत कुछ किया है, उसका नतीजा है कि आज हम अपने देश आराम से रह रहें हैं। हमारे प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने कहा था, ‘ हमने एक ही संविधान और संघ में हमारे पूर्ण महान और विशाल देश के अधिकार को पाया है। जो देश में रह रहे सभी पुरुषों और महिलाओं के कल्याण की जिम्मेदारी लेता है’। हालांकि, यह बहुत ही शर्म की बात है कि आजादी के इतने वर्षों के बाद भी हम आज अपराध, भ्रष्टाचार और हिंसा जैसी समस्याओं से लगातार जूझ और लड़ रहे हैं।
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अब समय आ गया है कि हमें दोबारा एक साथ मिलकर अपने देश से इन बुराइयों को बाहर निकाल फेंकना है। जैसे कि स्वतंत्रता सेनानी नेताओं ने अंग्रेजों को हमारे देश से निकाल दिया था।हमें अपने भारत देश को एक सफल, विकसित और स्वच्छ देश बनाना होगा। हमें अपने भारत देश की गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, ग्लोबल वार्मिंग, असमानता, आदि जैसे चीजों को अच्छी तरह समझना होगा और इनका हल निकालना होगा।
आओ करे प्रतिज्ञा हम सब इस पावन गणतन्त्र दिवस पर,
हम सब बापू के आदर्शों को अपनाएगें, नया समाज बनाएंगे,
भारत मां के वीर सपूतों के बलिदानों को हम व्यर्थ न जानें देंगे,
जाति ,धर्म के भेदभाव से ऊपर उठकर नया समाज बनाएंगे।
जय हिन्द, वन्दे मातरम।।
दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान
भारत को आज़ादी मिलने के बाद संविधान सभा का गठन हुआ था। संविधान सभा ने अपना काम 9 दिसंबर 1946 से शुरू किया। दुनिया के इस सबसे बड़े लिखित संविधान को तैयार करने में 2 साल, 11 माह, 18 दिन लग गए थे। संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान सौंपा गया, इसलिए 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में हर साल मनाया जाता है।
Republic Day 2023: कुछ और महत्वपूर्ण तथ्य
- 26 जनवरी1950 में इस दिन ही भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था।
- 26 जनवरी 1950 को सुबह 10.18 बजे भारत एक गणतंत्र बना। इस के छह मिनट बाद 10.24 बजे डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।
- इस दिन पहली बार बतौर राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद बग्गी पर बैठकर राष्ट्रपति भवन से निकले। इस दिन पहली बार उन्होंने भारतीय सैन्य बल की सलामी ली। पहली बार उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
कौन फहराता है झंडा
राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेते हैं और राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। इसके साथ राज्यों की राजधानी में गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज संबंधित राज्यों के राज्यपाल राज्य की राजधानियों में गणतंत्र दिवस समारोह के मौके पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। स्वतंत्रता दिवस समारोह के मौके पर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रीय झंडा फहराते हैं और राज्य की राजधानियों में मुख्यमंत्री।
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