Ads

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: दिल्ली/एनसीआर में आवारा कुत्तों को वैक्सीन लगाकर वापस गली में छोड़ा जाएगा हटाने का आदेश

Avatar photo

Published on:

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला दिल्लीएनसीआर में आवारा कुत्तों को हटाने का आदेश

Last Updated on 22 August 2025, 5:22 PM IST | Supreme Court on Stray Dogs News Delhi-NCR: दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में रहने वालों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण और कड़ा आदेश जारी किया है, जिसमें दिल्ली/एनसीआर के सभी क्षेत्रों से आवारा कुत्तों को हटाने का निर्देश दिया गया था अब न्यू फैसले में दिल्ली/एनसीआर में आवारा कुत्तों को वैक्सीन लगाकर वापस गली में छोड़ा जाएगा हटाने का आदेश। यह फैसला खासकर बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं जैसे कमजोर वर्गों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की बाधा डालने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

यह आदेश उन लाखों लोगों के लिए राहत लेकर आया है जो आए दिन आवारा कुत्तों के हमलों और उनके आतंक से परेशान रहते हैं। हाल के दिनों में कुत्तों के काटने की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस गंभीर समस्या पर स्वतः संज्ञान लेते हुए यह निर्णायक कदम उठाया है।

आखिर क्यों आया यह आदेश?

दिल्ली/एनसीआर में आवारा कुत्तों की समस्या कोई नई नहीं है, लेकिन पिछले कुछ समय से यह एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा का मुद्दा बन गई है। मीडिया रिपोर्ट्स और आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, हर साल लाखों लोग कुत्तों के काटने का शिकार होते हैं। एक चौंकाने वाले आंकड़े के मुताबिक, वर्ष 2024 में अकेले भारत में कुत्तों के काटने के लगभग 37 लाख मामले सामने आए और रेबीज के कारण 54 संदिग्ध मौतें दर्ज की गईं। यह आंकड़ा इस समस्या की गंभीरता को दर्शाता है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस समस्या को कई दृष्टिकोणों से देखा है:

  1. सार्वजनिक सुरक्षा: आवारा कुत्तों का झुंड अक्सर सड़कों, पार्कों और सार्वजनिक स्थानों पर घूमता रहता है, जिससे राहगीरों के लिए खतरा पैदा होता है।
  2. बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा: बच्चों और बुजुर्गों पर हमले की घटनाएं सबसे ज्यादा होती हैं, क्योंकि वे शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं और खुद का बचाव करने में कम सक्षम होते हैं।
  3. रेबीज का खतरा: आवारा कुत्तों से रेबीज जैसी जानलेवा बीमारी फैलने का खतरा हमेशा बना रहता है। रेबीज का कोई इलाज नहीं है और इसके लक्षण दिखने पर मृत्यु दर लगभग 100% होती है।
  4. नागरिकों का अधिकार: हर नागरिक को बिना डर के अपने शहर में घूमने का अधिकार है। आवारा कुत्तों के कारण इस अधिकार का हनन हो रहा था।

सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए यह सुनिश्चित करने का फैसला किया है कि दिल्ली/एनसीआर के लोग बिना किसी डर के अपने जीवन का सामान्य रूप से आनंद ले सकें।

सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख निर्देश क्या हैं?

सुप्रीम कोर्ट ने इस समस्या के समाधान के लिए कई विस्तृत और स्पष्ट निर्देश दिए हैं:

  • व्यापक अभियान: एमसीडी और अन्य संबंधित नागरिक निकायों को एक व्यापक और तत्काल अभियान चलाने का आदेश दिया गया है, ताकि सभी प्रमुख इलाकों से आवारा कुत्तों को पकड़ा जा सके।
  • शेल्टर होम में शिफ्टिंग: पकड़े गए सभी कुत्तों को 8 हफ्तों के भीतर डॉग शेल्टर होम में स्थानांतरित किया जाएगा।
  • पुन: सड़कों पर छोड़ना मना: कोर्ट ने साफ कहा है कि एक बार शेल्टर होम में रखे जाने के बाद कुत्तों को वापस सड़कों पर नहीं छोड़ा जाएगा।
  • सख्त कार्रवाई: इस अभियान में किसी भी व्यक्ति या संगठन द्वारा बाधा डालने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
  • हेल्पलाइन नंबर: आम नागरिकों की शिकायतों के लिए एक विशेष हेल्पलाइन नंबर स्थापित करने का निर्देश दिया गया है, जहां वे कुत्तों के काटने या खतरे की सूचना दे सकें।
  • टीकाकरण और नसबंदी: पकड़े गए सभी कुत्तों का उचित टीकाकरण और नसबंदी (Sterilization) की जाएगी ताकि उनकी आबादी को नियंत्रित किया जा सके और रेबीज का खतरा कम हो।

यह आदेश सिर्फ एक समस्या का तात्कालिक समाधान नहीं है, बल्कि एक दीर्घकालिक योजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य दिल्ली/एनसीआर को आवारा कुत्तों से पूरी तरह मुक्त करना है।

यह आदेश क्यों है खास?

यह फैसला कई मायनों में ऐतिहासिक है। यह पहली बार नहीं है जब आवारा कुत्तों की समस्या पर चर्चा हुई है, लेकिन यह पहली बार है जब सुप्रीम कोर्ट ने इतने कड़े और समयबद्ध निर्देश जारी किए हैं।

Also Read: दिल्ली कोर्ट का बड़ा फैसला: सत्येंद्र जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस बंद, CBI को नहीं मिले सबूत

अक्सर, पशु अधिकार कार्यकर्ता और आम नागरिक इस मुद्दे पर आमने-सामने आ जाते हैं। जहां कुछ लोग आवारा कुत्तों के साथ मानवीय व्यवहार की वकालत करते हैं, वहीं दूसरे लोग अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देने की मांग करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस संवेदनशील मुद्दे पर एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाया है। यह फैसला पशुओं के कल्याण के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह सार्वजनिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। 

कुत्तों को नुकसान पहुँचाने के बजाय, उन्हें सुरक्षित स्थानों (शेल्टर होम) पर ले जाने और उनकी देखभाल करने का आदेश दिया गया है। यह मानव और पशु दोनों के अधिकारों के बीच एक महत्वपूर्ण संतुलन स्थापित करता है।

आपके लिए इसका क्या मतलब है?

अगर आप दिल्ली/एनसीआर में रहते हैं, तो यह आदेश आपके लिए बहुत मायने रखता है।

  • सुरक्षा की भावना: आप और आपका परिवार अब बिना किसी डर के पार्कों में जा सकते हैं और सड़कों पर चल सकते हैं।
  • शिकायत दर्ज करें: यदि आप किसी क्षेत्र में आवारा कुत्तों का झुंड देखते हैं या किसी हमले की घटना होती है, तो आप जल्द ही जारी होने वाली हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
  • जिम्मेदार नागरिक बनें: इस अभियान का समर्थन करें और अधिकारियों के काम में बाधा न डालें। यदि आप अपने पालतू कुत्तों को पालते हैं, तो उनकी जिम्मेदारी लें और उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर नियंत्रण में रखें।

इस आदेश से एक नई बहस भी शुरू हो गई है कि क्या यह मॉडल भारत के अन्य शहरों में भी लागू किया जाना चाहिए, जहां आवारा कुत्तों की समस्या विकराल रूप ले चुकी है।

निष्कर्ष

सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश दिल्ली/एनसीआर के निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि एक जिम्मेदार और व्यवस्थित समाज की दिशा में भी एक कदम है। यह आदेश हमें याद दिलाता है कि सार्वजनिक व्यवस्था और व्यक्तिगत सुरक्षा सर्वोपरि है।

हमें इस आदेश का समर्थन करना चाहिए और अपने समुदायों को सुरक्षित बनाने में सहयोग देना चाहिए। यदि आपके क्षेत्र में आवारा कुत्तों की समस्या है, तो अधिकारियों के साथ सहयोग करें।

क्या आप अपने शहर को आवारा कुत्तों से सुरक्षित बनाने के लिए ऐसे ही सख्त कदम उठाने की वकालत करते हैं? नीचे टिप्पणी में अपने विचार साझा करें!

Join WhatsApp

Join Now

Samachar Khabar

समाचार ख़बर एक हिंदी न्यूज़ वेबसाइट है जहाँ आपको ट्रेंडिंग टॉपिक्स पर हर रोज ताज़ा ख़बरें मिलती हैं। हमारे साथ जुड़े रहें और पाएं पूरी दुनिया की खबरे Samachar Khabar पर। _________________________________________________________________________________Samachar Khabar - Stay updated on Education, Sarkari Naukri, Automobile, Health, Politics, and Tech, Sports, Business with the latest news and trends

Latest Stories

Leave a Comment

गुरुग्राम की बारिश से ठप ज़िंदगी: ट्रैफिक जाम का कहर पंजाब में बाढ़: तबाही, त्रासदी और उम्मीद की दास्तान भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था: GDP 7.8% दीन दयाल लाडो लक्ष्मी योजना: हरियाणा की बेटियों के लिए नया सवेरा दिल्ली में शुरू हुई यू-स्पेशल बस: दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रों के लिए सुविधा
गुरुग्राम की बारिश से ठप ज़िंदगी: ट्रैफिक जाम का कहर पंजाब में बाढ़: तबाही, त्रासदी और उम्मीद की दास्तान भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था: GDP 7.8% दीन दयाल लाडो लक्ष्मी योजना: हरियाणा की बेटियों के लिए नया सवेरा दिल्ली में शुरू हुई यू-स्पेशल बस: दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रों के लिए सुविधा