क्या आपने सुना? क्रिकेट की दुनिया में एक बड़ा भूचाल आ गया है! सुरेश रैना, जिन्हें “मिस्टर आईपीएल” के नाम से भी जाना जाता है, ने वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स (WCL) में पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले मैच का बहिष्कार कर दिया है। यह सिर्फ सुरेश रैना का ही फैसला नहीं था, बल्कि शिखर धवन, हरभजन सिंह, इरफान पठान और युसूफ पठान जैसे कई अन्य भारतीय दिग्गजों ने भी इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप यह बहुप्रतीक्षित मुकाबला रद्द कर दिया गया। लेकिन, इस बड़े फैसले के पीछे क्या कारण थे? आइए विस्तार से जानते हैं।
सुरेश रैना और अन्य खिलाड़ियों का बड़ा कदम
क्रिकेट प्रशंसक भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी मुकाबले का बेसब्री से इंतजार करते हैं, भले ही वह लीग स्तर का हो या दिग्गजों का मैच हो। WCL में यह मुकाबला 20 जुलाई, 2025 को बर्मिंघम के एजबेस्टन स्टेडियम में खेला जाना था, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों के सामूहिक बहिष्कार ने इसे रोक दिया। यह कोई सामान्य बहिष्कार नहीं था; यह एक ऐसा निर्णय था जो देश की भावनाओं और हालिया भू-राजनीतिक परिदृश्य से गहराई से जुड़ा हुआ था।
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WCL के आयोजकों ने बयान जारी कर माफी मांगी और कहा कि उनका उद्देश्य “खुशहाल यादें” बनाना था, लेकिन उन्हें एहसास हुआ कि वे “कई लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकते हैं।” यह दर्शाता है कि खिलाड़ियों का यह फैसला कितना महत्वपूर्ण और प्रभावी था।
बहिष्कार के पीछे के प्रमुख कारण
सुरेश रैना और अन्य भारतीय खिलाड़ियों के इस फैसले के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण थे:
- भू-राजनीतिक तनाव: भारत और पाकिस्तान के बीच हमेशा से भू-राजनीतिक तनाव रहा है। हाल ही में अप्रैल 2025 में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद यह तनाव और बढ़ गया है, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी। शिखर धवन ने भी अपने बयान में स्पष्ट किया कि उन्होंने यह कदम “वर्तमान भू-राजनीतिक स्थिति और भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनाव” को ध्यान में रखते हुए उठाया है।
- राष्ट्रीय भावनाएं: खिलाड़ियों ने महसूस किया कि ऐसे समय में जब देश में आतंकवादी हमले का दुःख था, पाकिस्तान के खिलाफ क्रिकेट खेलना देश की भावनाओं के खिलाफ होगा। यह निर्णय राष्ट्रीय गौरव और एकजुटता का प्रतीक था।
- प्रायोजकों का समर्थन: WCL के प्रमुख प्रायोजकों में से एक, EaseMyTrip ने भी स्पष्ट किया कि वे पाकिस्तान से जुड़े किसी भी मैच का समर्थन नहीं करेंगे। यह प्रायोजकों की “भारत पहले” की नीति का हिस्सा था और इसने खिलाड़ियों के रुख को और मजबूत किया।
भारतीय खिलाड़ियों का मजबूत संदेश
यह पहली बार नहीं है जब भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों पर भू-राजनीतिक स्थिति का असर पड़ा हो। पिछले एक दशक से अधिक समय से दोनों देशों के बीच कोई द्विपक्षीय श्रृंखला नहीं खेली गई है। यह बहिष्कार एक बार फिर यह साबित करता है कि खेल और राजनीति को अलग रखना हमेशा संभव नहीं होता, खासकर जब राष्ट्रीय सुरक्षा और भावनाएं दांव पर हों।
शिखर धवन का बयान: शिखर धवन ने 11 मई, 2025 को ही WCL आयोजकों को इस बारे में सूचित कर दिया था। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “जो कदम 11 मई को लिया, उसपे आज भी वैसे ही खड़ा हूं। मेरा देश मेरे लिए सब कुछ है, और देश से बढ़कर कुछ नहीं होता।” यह बयान दिखाता है कि खिलाड़ियों ने यह फैसला कितनी गंभीरता से लिया था।
सुरेश रैना का योगदान: सुरेश रैना, जो भारतीय क्रिकेट के एक महान खिलाड़ी रहे हैं और IPL में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए अपने बेहतरीन प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं (उन्होंने 205 IPL मैचों में 5528 रन बनाए हैं), का यह फैसला युवा खिलाड़ियों और प्रशंसकों के लिए एक मिसाल कायम करता है। उनका यह कदम राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देने की भावना को दर्शाता है।
आगे क्या?
इस घटना के बाद WCL ने भारत-पाकिस्तान मैच रद्द कर दिया है और अपने बयान में सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी है। यह दिखाता है कि खिलाड़ियों के इस सामूहिक और मजबूत रुख का कितना गहरा प्रभाव पड़ा है। भविष्य में भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों पर इस घटना का निश्चित रूप से असर पड़ेगा।
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि खेल सिर्फ खेल नहीं होता, बल्कि यह राष्ट्रीय पहचान और भावनाओं से भी जुड़ा होता है। जब देश के सम्मान और सुरक्षा की बात आती है, तो खिलाड़ी भी अपने देश के साथ खड़े होने से पीछे नहीं हटते।