Sushma Swaraj Punyatithi Today [Hindi] : भारत की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वाराज की आज पुण्यतिथि है। 6 अगस्त 2019 को बीजेपी की इस कद्दावर नेता का निधन हुआ था। भारत के मौजूदा विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि दी और साथ में उनके साथ की एक फोटो भी शेयर की है।
सुषमा स्वराज का जीवन
सुषमा ने हरियाणा से राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी और 1977 में पहली बार हरियाणा विधानसभा का चुनाव जीता. 25 साल की उम्र में चौधरी देवी लाल सरकार में में वे राज्य की श्रम मंत्री बनीं. वे हरियाण सरकार की सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री थीं. सुषमा स्वराज देश की राजधानी दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं. दिसंबर 1998 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रही थीं. वे दिल्ली की पांचवीं मुख्यमंत्री थीं.
Sushma Swaraj Punyatithi [Hindi] | जयशंकर को भी नहीं था इस बात का इल्म
भारत के मौजूदा विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वाराज को एक तस्वीर के सहारे श्रद्धांजलि दी है। बताया जा रहा है कि यह तस्वीर उस समय की है जब सुषमा स्वराज विदेश मंत्री के पद पर थीं और एस जयशंकर विदेश सचिव के पद पर थे। वह एक समय था और एक आज का समय है। एस जयशंकर को भी उस वक्त जरा सा भी अंदाजा नहीं रहा होगा कि वह देश के अगले विदेश मंत्री होंगे। आपको बता दें कि 6 अगस्त 2019 में सुषमा स्वराज के निधन के बाद ही उन्हें देश का अगला विदेश मंत्री बनाया गया था।
Sushma Swaraj Punyatithi [Hindi] | सुषमा स्वराज के जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
- दोस्तों, सुषमा स्वराज कभी भी अपने ‘गृहक्षेत्र’ में लोकसभा चुनाव नहीं जीतीं। यूँ तो वो वो अपने ‘घर’ में 3 बार लोकसभा चुनाव लड़ी और तीनों बार ही उन्हें शिकस्त मिली। वो भी एक ही नेता चिरंजी लाल से।
- सुषमा स्वराज का राजनीतिक जीवन 1970 के उत्तरार्ध दशक में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP)के साथ शुरू हुआ था।
- सुषमा स्वराज ने प्रेम विवाह किया था। वह भी उस ज़माने में जब लड़कियों को पर्दे में ही रखा जाता था। खुद सुषमा स्वराज के मां-बाप भी उनकी इस शादी के लिए राजी नहीं थे।
- सुषमा स्वराज के पति का नाम स्वराज कौशल है। इन लोगों का विवाह 13 जुलाई 1975 को हुआ। पति स्वराज कौशल सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने वकील रह चुके हैं।
- सुषमा स्वराज अपने 25 साल की अल्पायु में ही हरियाणा की कैबिनेट मंत्री भी रह चुकी थीं। उनकी एक बेटी है बांसुरी, जो भी पेशे से वकील है।
- सुषमा स्वराज ने 2019 में लोकसभा चुनाव न लड़ने का फैसला लिया था। हालाँकि उनके स्वास्थ्य के चलते ही उन्होंने ये फैसला लिया था, वो कितनी तकलीफ में हैं उन्होंने ये अपने अंतिम समय तक किसी को भी जाहिर होने नहीं दिया।
राजनीतिक जीवन की शुरुआत
सुषमा स्वराज ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के साथ की थी। सुषमा स्वराज 7 बार सांसद, 3 बार विधायक और 15वीं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष रहीं। 25 साल की उम्र में साल 1977 में वह भारत की सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बन गई थीं। चौधरी देवीलाल की कैबिनेट में उन्हें मंत्री बनाया गया था। 27 साल की उम्र में उन्हें हरियाणा राज्य में भारतीय जनता पार्टी का प्रमुख बना दिया गया। वह 1987 से 1990 तक हरियाणा की शिक्षा मंत्री भी रहीं।
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राजनीति में सुषमा स्वराज की एंट्री
सुषमा स्वराज की राष्ट्रीय राजनीति में एंट्री 1990 में हुई जब वह राज्यसभा सांसद चुनी गई थी। उन्होंने अपना 6 साल का कार्यकाल पूरा किया और फिर 1996 में वे 11वीं लोकसभा के लिए चुनी गई। उन्हें अटलबिहारी वाजपेयी की 13 दिन की सरकार में सूचना प्रसारण मंत्री बनाया गया था। इसके बाद 12वीं लोकसभा में वह दक्षिण दिल्ली से चुनी गईं थी। केंद्रीय कैबिनेट में उन्हें सूचना प्रसारण मंत्रालय के अलावा दूरसंचार मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया था।
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हालांकि उन्होंने 1998 में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था और उन्हें दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया गया था। विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद दोबारा वह केंद्रीय राजनीति में लौट गई। कर्नाटक के बेल्लारी से 1999 में उन्होंने सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन वह 7 प्रतिशत वोटों से हार गई। सिर्फ 12 दिन के चुनाव प्रचार में उन्हें 3 लाख 58 हजार वोट मिले थे।
Sushma Swaraj Punyatithi [Hindi] | पद्म विभूषण से किया गया सम्मानित
सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 में अंबाला कैंट में हुआ था। उनके पति का नाम स्वराज कौशल है। उन्होंने सनातन धर्म कालेज , अंबाला कैंट , पंजाब यूनिवर्सिटी से शिक्षा ग्रहण की। उनका निधन 6 अगस्त 2019 को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में हुआ। उन्होंने मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान 2014-2019 तक विदेश मंत्री के रूप में काम किया। उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है।
2008 से ही एमपी में रहने लगी थी सुषमा स्वराज
सुषमा स्वराज को भी मध्य प्रदेश से गहरा लगाव था, यही वजह थी कि 2008 में सुषमा स्वराज ने भोपाल Bhopal को अपना स्थाई ठिकाना बना लिया था और प्रोफेसर कॉलोनी स्थित सरकारी बंगले में रहने लगी थीं. भोपाल में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भी सुषमा स्वराज की ही देन है. 2004 में तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए सुषमा स्वराज ने भोपाल में एम्स की आधारशिला रखी थी.
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