भारतीय वित्तीय जगत के एक चमकते सितारे और IDBI बैंक के पूर्व चेयरमैन, टी एन मनोहरन (T N Manoharan) का 30 जुलाई 2025 को निधन हो गया। उन्हें पद्म श्री जैसे प्रतिष्ठित सम्मान से भी नवाजा गया था। उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है, खासकर वित्तीय और चार्टर्ड अकाउंटेंसी (CA) बिरादरी में। मनोहरन जी एक दूरदर्शी नेता थे जिन्होंने भारतीय बैंकिंग और कॉर्पोरेट प्रशासन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस लेख में, हम उनके प्रेरणादायक जीवन और उल्लेखनीय उपलब्धियों पर प्रकाश डालेंगे।
टी एन मनोहरन कौन थे?
टी एन मनोहरन भारतीय वित्तीय परिदृश्य में एक जाना-माना नाम थे। वह एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) थे, जिन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। उन्हें विशेष रूप से सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज (Satyam Computer Services) के पुनरुद्धार में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए याद किया जाता है। उनकी विशेषज्ञता, दूरदर्शिता और नैतिक मूल्यों ने उन्हें भारतीय व्यापार जगत में एक अद्वितीय स्थान दिलाया।
एक असाधारण करियर और प्रमुख उपलब्धियां
मनोहरन जी का करियर उपलब्धियों से भरा रहा। उन्होंने कई प्रमुख संस्थानों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया और भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधारों के लिए अथक प्रयास किए।
- ICAI के पूर्व अध्यक्ष: 2006-2007 के दौरान ICAI के अध्यक्ष के रूप में, उन्होंने लेखांकन सुधारों के लिए एक रोडमैप तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- सत्यम घोटाले का समाधान: 2009 में, सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज में हुए बड़े घोटाले के बाद, भारत सरकार ने उन्हें कंपनी के बोर्ड में नियुक्त किया। उन्होंने कंपनी को संकट से उबारने और उसे महिंद्रा सत्यम (Mahindra Satyam) के रूप में पुनर्जीवित करने में अहम भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में सत्यम का सफल पुनरुत्थान कॉर्पोरेट प्रशासन में उनके अटूट विश्वास और दृढ़ संकल्प का एक प्रमाण है।
- केनरा बैंक के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष: उन्होंने पांच साल (2015 से 2020 तक) के लिए केनरा बैंक के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं।
- IDBI बैंक में योगदान: IDBI बैंक के अंशकालिक अध्यक्ष और स्वतंत्र निदेशक के रूप में, उन्होंने बैंक के विकास और स्थिरता में महत्वपूर्ण योगदान दिया। IDBI बैंक ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उनके विजन और अनुभव से बैंक को बहुत लाभ हुआ।
- पद्म श्री सम्मान: 2010 में, उन्हें भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म श्री से सम्मानित किया गया, जो वित्तीय क्षेत्र में उनके असाधारण योगदान का प्रमाण है।
टी एन मनोहरन ने अपने पूरे करियर में निष्ठा, पारदर्शिता और कड़ी मेहनत के मूल्यों को बनाए रखा। उन्होंने कई युवा पेशेवरों के लिए एक प्रेरणा के रूप में काम किया। दिनेश वगेरा, जो ICAI के एक सदस्य हैं, ने उनके निधन पर X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “CA बिरादरी को बहुत बड़ा नुकसान। हमारे प्यारे पूर्व ICAI अध्यक्ष, पद्म श्री CA टी एन मनोहरन के आज मुंबई में दिल का दौरा पड़ने से अचानक और असामयिक निधन की खबर सुनकर दुख हुआ।”
मनोहरन जी की विरासत
मनोहरन जी की विरासत केवल उनके पदों और पुरस्कारों तक सीमित नहीं है। उनकी असली विरासत उनके द्वारा स्थापित किए गए उच्च नैतिक मानक और वित्तीय प्रणाली में उनके द्वारा लाए गए सुधार हैं। उन्होंने हमेशा कॉर्पोरेट प्रशासन और पारदर्शिता पर जोर दिया। उनके निधन से भारतीय वित्तीय जगत ने एक सच्चा मार्गदर्शक खो दिया है।
निष्कर्ष
टी एन मनोहरन का निधन भारतीय वित्तीय जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। उनका जीवन ईमानदारी, समर्पण और राष्ट्र सेवा का एक शानदार उदाहरण था। उन्होंने अपने असाधारण करियर के माध्यम से न केवल वित्तीय संस्थानों को मजबूत किया, बल्कि हजारों युवाओं को प्रेरित भी किया। उनकी कमी हमेशा महसूस की जाएगी, लेकिन उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।