Nancy Pelosi Taiwan Visit: सिंगापुर पहुंची अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी, ताइवान दौरे की संभावना पर चीन-अमेरिका में बढ़ा तनाव,क्या हैं भारत के लिए संकेत?

Taiwan News in Hindi ताइवान दौरे की संभावना से चीन अमेरिका में तनाव
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Taiwan News in Hindi: Indo Pacific Ocean Visit: चीन ने दक्षिण चीन सागर में सैन्य अभ्यास का हवाला देते हुए 2 अगस्त से 6 अगस्त की रात तक नैविगेशन वार्निंग जारी की है. चीन के समुद्री सुरक्षा प्रशासन ने यह वार्निंग जारी की है. अमेरिका और चीन ने ताइवान को लेकर एक दूसरे को चेतावनी दी है. गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से फ़ोन पर दो घंटे बीस मिनट लंबी बातचीत की है.

जिनपिंग ने भी दी धमकी

Taiwan News in Hindi| ग्‍लोबल टाइम्‍स ने एक थिंक टैंक की तहवाले से इस वॉर सिग्‍नल का प्रयोग किया है। इस वॉर सिग्‍नल का प्रयोग चीन ने इससे पहले सन् 1962 में भारत के खिलाफ हुई जंग में किया और फिर इसके बाद चीन-वियतनाम के बीच हुई सन्1979 की जंग में किया गया था। यांग मिनंग्‍जे जो देश के टॉप थिंक टैंक इंस्‍टीट्यूट ऑफ ताइवान स्‍टडीज के मुखिया हैं, वो मानते हैं कि पेलोसी के प्‍लेन को फाइटर जेट्स के जरिए घेरना भी एक योजना का हिस्‍सा था। उन्‍होंने कहा कि अमेरिका को चीन के लोगों के संकल्‍प को कम करके आंकने की भूल नहीं करनी चाहिए।

व्हाइड हाउस की तरफ़ से बताया गया है

बाइडन ओवल हाउस में थे, उसके साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन, प्रमुख डिप्टी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फिनर, विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, इंडो पैसिफिक कोऑर्डिनेटर कर्ट कैंपबैल और सीनियर डायरेक्टर लॉरा रोज़ेनबर्गर थीं.

Taiwan News in Hindi | ताइवान पर तनाव और चेतावनी

दोनों नेताओं के बीच ताइवान के मुद्दे पर भी बात हुई. बाइडन ने कहा कि वो ‘वन चाइना पॉलिसी’ का सम्मान करते हैं. लेकिन दोनों के बीच ताइवान को लेकर जो तनाव है वो बातचीत के दौरान दिखा. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा है कि ताइवान के मुद्दे पर शी जिनपिंग ने बाइडन को चेतावनी दी है.

मीडिया से बात करते हुए झाओ लिजियान ने कहा, “ताइवान के सवाल पर चीनी सरकार और लोगों की राय हमेशा से एक रही है. डेढ़ अरब चीनी नागरिकों का मानना है कि देश की राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखे जाना चाहिए. आम नागरिकों की राय का सम्मान ज़रूरी है. जो लोग आग से खेलते हैं वो एक दिन तबाह हो जाते हैं. हमें उम्मीद है कि अमेरिका को इसकी जानकारी होगी.”

अमेरिका और चीन के बीच किन बातों को लेकर है तनाव?

ट्रेड वॉर– दोनों ने एक-दूसरे के उत्पादों पर आयात कर बढ़ाया है. हाल के सालों में एक-दूसरे पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध भी लगाए हैं.

समंदर में बढ़ता चीन का प्रभाव– दक्षिण चीन सागर में चीन के पैर फैलाने से अमेरिका और पश्चिमी मुल्क नाराज़ हैं. इसे लेकर कई बार दोनों के बीच तनाव चेतावनी तक भी बढ़ा है.

चीन ने दक्षिण चीन सागर में अपना प्रभाव बढ़ाया है जिसे लेकर अमेरिका चिंतित है

चीन की घेराबंदी- अमेरिका पेसिफिक के देशों के साथ संबंध बढ़ाना चाहता है. यहां वो अपने सहयोगी ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर चीन के प्रभाव को रोकने की कोशिश कर रहा है. अमेरिका, यूके और ऑस्ट्रेलिया के बीच हाल में ऑकस सुरक्षा गठबंधन बना है.

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मानवाधिकार उल्लंघन- अमेरिका चीन पर वीगर अल्पसंख्यक मुसलमानों के मानवाधिकारों के उल्लंघन का भी आरोप लगाता है, हालांकि चीन इससे इनकार करता रहा है.

चीन ने अमेरिका को दी चुनौती

Taiwan News in Hindi | चीन की चेतावनी का मतलब है कि शी जिनपिंग ने अपनी लक्ष्मण रेखा खींच दी है और साथ ही अमेरिका को सीधी चुनौती भी दे डाली है. साफ है कि यह टकराव का नया मोर्चा है क्योंकि चीन यह पहले ही साफ कर चुका है कि अमेरिका की स्पीकर अगर ताइवान जाती हैं तो यह आग से खेलने जैसा होगा. चीन की इस धमकी को लेकर अमेरिका में भी नाराजगी है. अमेरिका के पूर्व स्पीकर न्यूट गिंगरिच ने अपनी ही सरकार को ललकारते हुए कहा कि चीन की धमकी के आगे झुकने का मतलब होगा कि अमेरिका अपनी कमजोरी दिखा रहा है. इससे बहुत गलत संदेश जाएगा.

Taiwan News in Hindi | भारत पर क्या हो सकता है असर?

  • चीन भारत का पड़ोसी है, दोनों करीब 3488 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं. लेकिन बीते कुछ सालों से भारत और चीन सीमा विवाद में उलझे हैं.
  • जून 2020 में गलवान घाटी में दोनों मुल्कों के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद दोनों के रिश्तों में तनाव बढ़ा है. भारत ने दर्जनों चीनी मोबाइल ऐप्स प्रतिबंधित किए हैं और कुछ चीनी उत्पादों पर एंटी डंपिंग कर भी लगाया है.
  • वहीं, भारत के अमेरिका के साथ मज़बूत रिश्ते रहे हैं. चीन का मुक़ाबला करने के लिए एशिया में भारत अमेरिका का अहम सहयोगी है.
  • इस साल मई में आसियान का विशेष सम्मेलन अमेरिका के वॉशिंगटन में हुआ, वो एशिया पैसिफिक क्वाड अलांयस को भी फिर से जिंदा करना चाहता है. अमेरिका ने खुलकर भारत के साथ रिश्ते मज़बूत करने के संकेत भी दिए हैं.
  • ऐसे में अगर चीन और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ता है तो उसका असर भारत पर पड़ने की आशंका भी ज़ाहिर की जाती रही है.

क्या अमेरिका और चीन के नेताओं के बीच हुई बातचीत का भारत पर भी कोई असर पड़ सकता है. इस सवाल पर अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार प्रोफ़ेसर दिब्येश आनंद कहते हैं,

“भारत के लिए अहम ये नहीं है कि चीन और अमेरिका बात कर रहे हैं. भारत के लिए अहम ये है कि चीन ने जिस तरह से अमेरिका को स्पष्ट कहा है कि ताइवान के मामले में वो किसी को दख़ल नहीं देने देगा. इससे भारत के लिए संकेत ये है कि चीन अपने और भारत के तनाव में भी किसी को दख़ल नहीं देने देगा.”

जहाजों को इलाके में जाने से बचने की चेतावनी दी है

इस तरह के युद्धाभ्यास में आमतौर पर तोपों का इस्तेमाल होता है। हालांकि, चीन ने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या शनिवार के अभ्यास में मिसाइलों, लड़ाकू विमानों और अन्य हथियारों का इस्तेमाल हो सकता है। चीनी अधिकारी ने बताया कि समुद्री सुरक्षा प्रशासन ने जहाजों को इलाके में जाने से बचने की चेतावनी दी है। पेलोसी अगर ताइवान की यात्रा करती हैं तो यह 1997 के बाद किसी शीर्ष अमेरिकी निर्वाचित प्रतिनिधि की इस द्वीपीय देश की पहली यात्रा होगी।

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ताइवान भी तैयार

Taiwan News in Hindi | रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बाद से इस बात की आशंका और तेज हो गई है कि चीन ताइवान पर कभी भी हमला कर सकता है। चीनी सेना ने भी बीते साल से ताइवान के खिलाफ अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। जिसके बाद से दोनों देशों के रिश्ते और बिगड़ रहे हैं। वक्त-वक्त पर अमेरिकी अधिकारियों के ताइवान दौरे पर भी चीन अपनी नाराजगी जाहिर करता रहा है। ऐसी भी रिपोर्ट्स आईं, जिनमें चीन ने कहा कि वह सैन्य बल के जरिए भी ताइवान को मुख्य चीनी भूमि में मिला लेगा। यही वजह है कि ताइवान ने अपनी रक्षा करने के लिए अभी से तैयारी करना शुरू कर दिया है। इसके लिए बकायदा लोगों को ट्रेनिंग दी जा रही है।

Taiwan News in Hindi | यात्रा के मद्देनजर अमेरिकी सेना भी तैयार!

उन्होंने यह भी कहा कि हमारी ‘एक चीन नीति’ के बारे में कुछ भी नहीं बदला है जो ताइवान संबंधी अधिनियम द्वारा निर्देशित है। हम ताइवान की स्वतंत्रता का समर्थन नहीं करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले दिनों में चीन भड़काऊ बयानबाजी और दुष्प्रचार का इस्तेमाल करेगा। उधर यूएस ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिले ने मीडिया से कहा था कि अगर पेलोसी ताइवान जाती हैं और वहां पर उनको किसी भी प्रकार की सैन्य सहायता की जरूरत पड़ती है तो हम वो करेंगे।


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