डार्टमाउथ कॉन्फ्रेंस (1956): यह पहली एआई कॉन्फ्रेंस थी, जहां एआई के बारे में चर्चा हुई और इसका नाम दिया गया। इस कॉन्फ्रेंस में जॉन मैकार्थी, मार्विन मिन्स्की, और अन्य प्रमुख वैज्ञानिकों ने भाग लिया था।
एआई की मुख्य घटनाएं:
ट्यूरिंग मशीन (1936): एलन ट्यूरिंग ने एक थियोरेटिकल मॉडल प्रस्तुत किया, जो कंप्यूटर की मूलभूत अवधारणा को समझाता है। ट्यूरिंग मशीन एक सैद्धांतिक मॉडल है जो कंप्यूटर की क्षमताओं को परिभाषित करता है।
डार्टमाउथ कॉन्फ्रेंस (1956): यह पहली एआई कॉन्फ्रेंस थी, जहां एआई के बारे में चर्चा हुई और इसका नाम दिया गया। इस कॉन्फ्रेंस में जॉन मैकार्थी, मार्विन मिन्स्की, और अन्य प्रमुख वैज्ञानिकों ने भाग लिया था।
एक्सपर्ट सिस्टम्स (1970 के दशक): एआई ने एक्सपर्ट सिस्टम्स का विकास किया, जो ज्ञान-आधारित प्रणाली थी। एक्सपर्ट सिस्टम्स ने विशिष्ट क्षेत्रों में मानव विशेषज्ञों की तरह निर्णय लेने की क्षमता प्रदान की।
एआई का विकास
एआई का विकास समय के साथ बढ़ता गया और आज यह हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है। एआई के अनुप्रयोग विभिन्न क्षेत्रों में हैं, जैसे कि:
मेडिकल डायग्नोसिस
एआई का उपयोग मेडिकल डायग्नोसिस में किया जा रहा है, जिससे डॉक्टरों को रोगों का पता लगाने में मदद मिलती है।
वित्तीय विश्लेषण
एआई का उपयोग वित्तीय विश्लेषण में किया जा रहा है, जिससे निवेशकों को बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलती है।
ऑटोमोबाइल
एआई का उपयोग ऑटोमोबाइल उद्योग में किया जा रहा है, जिससे वाहनों को स्वायत्त रूप से चलाने में मदद मिलती है।
एआई का भविष्य
एआई का भविष्य उज्ज्वल है, और इसके अनुप्रयोग विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ते जा रहे हैं। एआई के विकास से हमें नए अवसरों का पता लगाने और समस्याओं का समाधान करने में मदद मिलेगी।