द्वारका एक्सप्रेसवे, NH-48 पर दिल्ली और गुरुग्राम के बीच के भारी यातायात को कम करता है। वहीं, UER 2 दिल्ली की तीसरी रिंग रोड के रूप में काम करेगा, जिससे बाहरी और पश्चिमी दिल्ली के कई इलाकों में भीड़भाड़ कम होगी ।
Image: AI
द्वारका एक्सप्रेसवे इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI Airport) और गुरुग्राम के बीच सीधा और तेज संपर्क प्रदान करता है। UER 2 दिल्ली के कई राष्ट्रीय राजमार्गों (NH-1, NH-2, NH-8 और NH-10) को जोड़ता है, जिससे शहरों के बीच आवागमन आसान होता है।
Image: AI
इन एक्सप्रेसवे के कारण यात्रा का समय काफी कम हो गया है। उदाहरण के लिए, दिल्ली से गुरुग्राम जाने में लगने वाला समय अब काफी कम हो गया है। UER 2 से पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से आने वाले वाहनों को दिल्ली के अंदरूनी हिस्सों से होकर नहीं गुजरना पड़ेगा।
Image: AI
बेहतर कनेक्टिविटी से औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियाँ बढ़ती हैं। इन सड़कों के किनारे कई नए औद्योगिक और आवासीय क्षेत्र विकसित हो रहे हैं, जिससे आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
Image: AI
इन एक्सप्रेसवे के आस-पास के क्षेत्रों में रियल एस्टेट की मांग तेजी से बढ़ी है। कनेक्टिविटी में सुधार के कारण इन क्षेत्रों में आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियों की कीमतें बढ़ रही हैं, जिससे निवेशकों को लाभ हो रहा है।
Image: AI
UER 2 को एक ग्रीन कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसमें वृक्षारोपण, वर्षा जल संचयन (rainwater harvesting) और सौर ऊर्जा का उपयोग जैसी सुविधाएं शामिल हैं। इन एक्सप्रेसवे पर वाहनों का सुचारू आवागमन होने से प्रदूषण में भी कमी आने की उम्मीद है।
Image: AI
इन परियोजनाओं के निर्माण से बड़ी संख्या में इंजीनियर्स और श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। इसके अलावा, इन एक्सप्रेसवे के आसपास विकसित होने वाले नए क्षेत्रों में भी रोजगार के कई अवसर मिलेंगे।
Image: AI
आधुनिक इंजीनियरिंग और डिजाइन के साथ बने ये एक्सप्रेसवे सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करते हैं। इन पर लगे अंडरपास, फ्लाईओवर और उन्नत ट्रैफिक प्रबंधन प्रणालियां दुर्घटनाओं को कम करने में मदद करती हैं।
Image: AI
Image: AI
Image: AI