World Sleep Day: वर्ल्ड स्लीप डे पहली बार 2008 में मनाया गया था. इस साल स्लीप डे की थीम है स्लीप इज एसेंशियल फॉर हेल्थ. इस साल वर्ल्ड स्लीप डे (World Sleep Day 2023) 17 मार्च को मनाया जा रहा है, जबकि 2024 में यह 15 मार्च 2024 को पड़ेगा. वर्ल्ड स्लीप सोसाइटी के अनुसार हर साल इसका आयोजन करने का मुख्य कारण नींद का जश्न मनाना और इसके महत्व और नींद से संबंधित मुद्दों के बारे में जागरूकता पैदा करना है, जो इंसानों के स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं.
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बच्चों को कितनी देर सोना चाहिए

उम्र के आधार पर बच्चे के लिए नींद के घंटे अलग होते हैं। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार 1 वर्ष से कम आयु के शिशु 12 से 16 घंटे, 1 से 2 साल के बच्चे 11 से 14 घंटे, 3 से 5 साल के बच्चे 10 से 13 घंटे, 6 से 12 साल के बच्चे 9 से 12 घंटे और 13 से 18 वर्ष के किशोर 8 से 10 घंटे सोने चाहिए।
वर्ल्ड स्लीप डे का पालन
आज नींद को एक अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी व्यवहार नहीं माना जाता है. वर्ल्ड स्लीप डे का पालन लोगों को नींद के महत्व के बारे में शिक्षित करता है और नींद की समस्याओं की बेहतर रोकथाम और मैनेजमेंट के मदद से समाज पर नींद संबंधी बीमारियों के बोझ को कम करता है. वैसे, अगर हम इसके इतिहास के बारे में बात करे तो वर्ल्ड स्लीप डे पहली बार साल 2008 में वर्ल्ड स्लीप सोसाइटी की ओर से मनाया गया था. वर्ल्ड स्लीप सोसाइटी का पुराना नाम वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ़ स्लीप मेडिसिन (WASM) था. ये एक नॉन प्रॉफिटेबल ऑर्गनाइजेशन है. इसमें मेडिकल क्षेत्र वाले लोग काम करते है और नींद से जुड़ी समस्याओं के बारे में स्टडी करते हैं.
DNA | Know all about World Sleep Day
— DNA (@dna) March 17, 2023
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इस साल स्लीप डे की थीम (World Sleep Day Theme in Hindi)
आज के समय में लोगों की जीवनशैली काफी व्यस्त हो गई है. लोग लंबे समय तक काम करते रहते है, आने-जाने में समय लग जाता है. वहीं, कुछ सालों में परफॉरमेंस को अच्छा करने के लिए नींद लेने का महत्व बढ़ गया है. परिणाम ये रहा कि लोग वर्ल्ड स्लीप डे जैसी पहलों के महत्व को बढ़ावा दे रहे है. इस दौरान लोग नींद स्वास्थ्य को बढ़ावा देने का एक अवसर मानते है. अन्य लोगों को भी इसके मदद से वर्ल्ड स्लीप डे पर नींद के स्वास्थ्य के बारे में प्रचार करना चाहिए और नींद से जुड़ी बातों को बढ़ाने में मदद करनी चाहिए. इस साल स्लीप डे की थीम है स्लीप इज एसेंशियल फॉर हेल्थ.
स्लीप डे का इतिहास (History)
सेहतमंद जीवन के अच्छी लिए नींद बेहद जरूरी है. पर्याप्त नींद जहां हमें स्वस्थ रखने में मददगार होती है, वहीं नींद की कमी से व्यक्ति विभिन्न समस्याओं का शिकार भी हो जाता है. नींद से जुड़ी इन्ही समस्याओं से बचाव के लिए वर्ल्ड स्लीप सोसाइटी ने स्लीप-डे की शुरुआत की. साल 2008 में सबसे पहले स्लीप डे इस मनाया गया. वर्तमान में दुनियाभर के 88 से भी ज्यादा देशों में ‘वर्ल्ड स्लीप डे’ मनाया जाता है.
अनिद्रा- एक गंभीर समस्या
लोगों को लगता है नींद न आना एक सामान्य समस्या है लेकिन दिन-ब-दिन यह एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। कई सारे लोग इस समस्या से परेशान हैं। पहले ये समस्या बुजुर्गों में ही देखी जाती थी लेकिन आजकल युवा भी इससे परेशान है। बदलती दिनचर्या और मोबाइल अनिद्रा की समस्या के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार हैं।

World Sleep Day 2023 [Hindi]: अच्छी नींद के लिए करें ये उपाय
अगर आप चाहते हैं कि रात की नींद आपकी बहुत अच्छी और पक्की हो तो मोबाइल फोन को एक घंटा पहले बंद कर दें। बहुत अधिक मसालेदार खाने का सेवन रात में न करें। सोने से पहले किसी से बहस या नकारात्मक बात न करें। सोने का बिस्तर और तकिया आरामदायक हो, यह सुनिश्चित करें। सोते वक्त आंख मूंदकर किसी अच्छी याद या दृश्य की कल्पना करें। विज्ञापन

हम बहुत अधिक खुश होते हैं तो हमारी नींद उड़ जाती है – फोटो : social media
World Sleep Day 2023 [Hindi]: नींद से जुड़े रोचक तथ्य (Facts)
- 15 प्रतिशत लोगों को नींद में चलने और 5 प्रतिशत लोगों को नींद में बोलने की बीमारी होती है।
- जब हम बहुत अधिक खुश होते हैं तो हमारी नींद उड़ जाती है। ऐसे समय में कम नींद भी पर्याप्त होती है।
- 1964 में 17 साल के रैंडी गार्डनर ने 264 घंटे 12 मिनट तक जगे रहने का कीर्तिमान बनाया था जो 54 साल बीतने के बावजूद नहीं टूटा है।
स्लीप डे का महत्व (Importance)
मौजूदा समय में लोग लगातार खराब जीवनशैली अपनाते जा रहे हैं। ऐसे में खराब दिनचर्या, गलत खानपान, तनाव, वर्क प्रेशर आदि के चलते नींद की कमी होने लगी है। नींद की कमी के चलते लोग कई बीमारियों का शिकार भी होते जा रहे हैं। ऐसे में इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को नींद और सेहत के बीच संबंध को लेकर जागरूक करना है। साथ ही इस दिन का मकसद लोगों को यह समझाना है कि काम के साथ अच्छी नींद भी व्यक्ति के लिए बहुत जरूरी है। इस दिन वर्ल्ड स्लीप सोसाइटी द्वारा कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
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कैफीन का सेवन करना
जरूरत से ज्यादा कैफीन का सेवन करने से नींद बुरी तरह से प्रभावित हो सकती है। अगर हम जरूरत से ज्यादा कैफीन का सेवन कर लेते हैं तो लगभग 9 से 10 घंटे तक की नींद प्रभावित हो सकती है। इसीलिए चाय और कॉफी का सेवन अधिक चाहिए। क्योकि इनमें कैफीन होता है।
World Sleep Day 2023 [Hindi]: व्यायाम और नींद
खराब नींद के सबसे अहम करणों में एक है खराब लाइफस्टाइल। नियमित व्यायाम दिल की गति एयर शरीर के तापमान को बढ़ाने में मदद करता है। इसके साथ ही एंडोर्फिन और अन्य न्यूरोट्रांसमीटर जैसे सेरोटोनिन के बढ़ाने में मदद करता है। इससे तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है। इतना ही नहीं नियमित रूप से व्यायाम करने से नींद से जुड़ी समस्या खत्म हो सकती है। लेकिन ज्यादा व्यायाम करने या देर शाम को व्यायाम करने से नींद पर नकारात्मक असर भी पड़ सकता है।
खराब खानपान की आदतें
जरूरत से ज्यादा ऑयली, ज्यादा शुगर और ट्रांसफैट का सेवन करने खराब डाइट की आदतों में शामिल है। यह आदत शरीर में सूजन और वजन बढ़ने का कारण बन सकती है। यह कई तरह की समस्याओं को भी जन्म दे सकती हैं और नींद को बुरी तरह प्रभावित कर सकती हैं। हालांकि लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियां भी खराब खानपान की आदतों का परिणाम हो सकता है।
किस दिशा में सोना उत्तम होता है
हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक कभी भी दरवाजे की ओर पैर करके सोना अशुभ माना जाता है. वास्तु शास्त्र में भी इसे अशुभ माना गया है. इसके अलावा वैज्ञानिक नजरिए से भी इंसान को कभी भी उत्तर दिशा की ओर सिर करके नहीं सोना चाहिए क्योंकि इससे शरीर में मौजूद लौह तत्व में चुंबकीय गुण आने लगते हैं, जो सेहत के लिए नुकसानदायक भी हो सकते हैं.
सोने और जागने का समय तय करें
सबसे पहले आप हर दिन एक ही समय पर सोने और जागने का एक नियमित समय तय करें, इससे आपकी बॉडी को अच्छी और बेहतर नींद मिलेगी. सोने के लिए ऐसा समय तय करें जब आपको थकान महसूस हो रही हो और आपको आसानी से नींद आ जाये.
World Sleep Day 2023 [Hindi]: शांत रखें घर का माहौल
आपके आराम करने वाले कमरे का आपके लिये खुशनुमा होना चाहिये. आपके कमरे का तापमान, रोशनी और शोर सभी पूरी तरह नियंत्रित होनी चाहिए. इससे आपके सोने के कमरे का वातावरण आपकी अच्छी नींद लेने मे मददगार होगा.
World Sleep Day 2023 [Hindi]: उम्र के हिसाब से कितनी होनी चाहिए नींद
- 65 और इससे अधिक उम्र के लोग : 7-8 घंटे
- 26-64 तक की उम्र के लोग : 7-9 घंटे
- 18-25 साल तक के लोग : 7-9 घंटे
- 14-17 साल तक के लोग: 8-10 घंटे
- 6-13 साल तक के बच्चे : 9-11 घंटे
- 3-5 साल तक के बच्चे: 10-13 घंटे
- 1-2 साल तक के बच्चे : 11-14 घंटे
- 4-7 महीने के बच्चे : 12-15 घंटे
- 0-3 महीने तक के नवजात : 14-17 घंटे
वर्ल्ड स्लीप डे (world sleep day)
वर्ल्ड स्लीप डे को पहली बार 2008 में होस्ट किया गया था। इसे हर साल नॉर्दर्न हेमिस्फीयर स्प्रिंग इक्विनॉक्स के जस्ट पहले वाले फ्राइडे को सेलिब्रेट करते हैं। इस साल इसे शुक्रवार यानी कि 17 मार्च को सेलिब्रेट किया जा रहा है। इसका मुख्य मकसद लोगों तक नींद के महत्व को पहुंचाना है साथ ही नींद की वजह से होने वाली बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति की मदद करना है।
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जिसके लिए स्कूल, हॉस्पिटल एवं अन्य संस्थाओं में अलग-अलग प्रकार के प्रोग्राम चलाए जाते हैं। इतना ही नहीं इसका मकसद नींद की कमी से होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूकता फैलाना और स्लीप प्रॉब्लम के बारे में लोगों से खुलकर बातचीत करना है।
कैसे जानें कि आप नींद कम ले रहे हैं?
सबसे बड़ा सवाल यह है कि किसी को कैसे पता चलेगा कि वे नींद कम ले रहे हैं? जब आप पूरी नींद नहीं लेते हैं तो छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करना, लगातार थकान महसूस करना या ध्यान केंद्रित न कर पाना नींद की कमी के लक्षण हो सकते हैं. नींद की कमी के कुछ अधिक सामान्य कारणों में सोने से पहले स्क्रीन टाइम, कहीं भी, कभी भी झपकी लेना शामिल है.
छोटी झपकी को इग्नोर करने से लेकर छुट्टियों के दौरान नींद की अधिक भरपाई करने तक इनमें से कुछ आदतें आपके लिए हानिकारक हो सकती हैं. खराब नींद व्यक्ति के स्वास्थ्य पर गलत प्रभाव डाल सकता है. कभी-कभार नींद न आने वालों में लगभग 54% ने डिजिटल और सोशल मीडिया की आदतों को ना सोने का कारण बताया जिसकी वजह से नींद की दिनचर्या खराब हो गई.
सेहत के लिए कितनी नींद है जरूरी
घर के बड़े बुजुर्ग से लेकर डॉक्टर तक कम से कम 7 से 8 घंटे की उचित नींद प्राप्त करने की सलाह देते हैं। परंतु शायद ही कोई होगा, जो इस बात पर अमल करता हो। हालांकि, नींद की कमी का असर आपके शरीर पर तुरंत दिखाई देने लगता है। परंतु फिर भी लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। जो भविष्य में गंभीर समस्या में तब्दील हो सकता है।
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