ब्रह्मांड के रहस्य: शुरुआत, विस्तार और हमारी समझ

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ब्रह्मांड के रहस्य: शुरुआत, विस्तार और हमारी समझ

ब्रह्मांड की उत्पत्ति: ब्रह्मांड ही सब कुछ है। इसमें अंतरिक्ष की हर चीज़, उसमें मौजूद सभी पदार्थ, ऊर्जा और समय शामिल है। इसमें आप, हम और पृथ्वी का हर जीव समाहित है। अक्सर हमारे मन में सवाल उठते हैं कि यह सब कब शुरू हुआ और यह किन चीजों से बना है? आइए, पहले विज्ञान और बाद में अध्यात्म की दृष्टि से इन सवालों के जवाब तलाशते हैं।

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पृथ्वी और हमारा सौर मंडल

पृथ्वी और चंद्रमा ब्रह्मांड का एक छोटा सा हिस्सा हैं। अन्य ग्रहों, दर्जनों चंद्रमाओं, क्षुद्रग्रहों और धूमकेतुओं के साथ हमारा ग्रह सूर्य की परिक्रमा करता है। सूर्य स्वयं हमारी आकाशगंगा (Milky Way) के अरबों तारों में से एक है। वैज्ञानिकों के अनुसार, अधिकांश तारों के अपने ग्रह होते हैं, जिन्हें ‘बाह्यग्रह’ (Exoplanets) कहा जाता है।

दृश्य ब्रह्मांड में अरबों आकाशगंगाएँ हैं और माना जाता है कि लगभग हर आकाशगंगा के केंद्र में एक विशाल ‘ब्लैक होल’ मौजूद है। सरल शब्दों में कहें तो, जो कुछ भी हम देख सकते हैं और जो नहीं देख सकते, वह सब ब्रह्मांड का हिस्सा है।

तारा निर्माण की ‘फैक्ट्रियां’

अंतरिक्ष में ‘नेबुला’ (Nebula) ऐसी जगहें हैं जहाँ नए तारे जन्म लेते हैं। उदाहरण के लिए, W51 हमारी आकाशगंगा की सबसे बड़ी तारा निर्माण फैक्ट्रियों में से एक है। यहाँ गैस और धूल के बादल लाखों वर्षों तक नए तारों को जन्म देते हैं। जब विशाल तारे मरते हैं और ‘सुपरनोवा’ विस्फोट होता है, तो वे अंतरिक्ष में नई धूल और गैस फैला देते हैं, जिससे फिर से नए तारों का चक्र शुरू होता है।

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हम अंतरिक्ष से दूर नहीं हैं

आमतौर पर हम “अंतरिक्ष” की बात ऐसे करते हैं जैसे वह कोई बहुत दूर की जगह हो। लेकिन हकीकत यह है कि आप जहाँ भी हैं, बाहरी अंतरिक्ष वहाँ से केवल 62 मील (100 किलोमीटर) ऊपर है। तकनीकी रूप से पृथ्वी स्वयं अंतरिक्ष में है, इसलिए हम सब इस समय अंतरिक्ष यात्री ही हैं। पृथ्वी ब्रह्मांड का एक बहुत ही छोटा और नाजुक हिस्सा है जहाँ जीवन के अनुकूल वातावरण है, जबकि बाकी ब्रह्मांड काफी कठोर और निर्दयी है।

पृथ्वी की आयु कितनी है?

वैज्ञानिकों ने पृथ्वी और क्षुद्रग्रहों में पाए जाने वाले रेडियोधर्मी तत्वों (isotopes) के क्षय का अध्ययन करके यह पता लगाया है कि हमारी पृथ्वी और सौर मंडल लगभग 4.6 अरब वर्ष पुराने हैं। ब्रह्मांड के इतिहास को देखें तो पृथ्वी काफी नई है। ब्रह्मांड के अस्तित्व में आने के लगभग दो-तिहाई समय बीत जाने के बाद पृथ्वी बनी थी। भविष्य में, अरबों वर्षों बाद सूर्य का आकार बढ़ेगा और वह बुध, शुक्र और संभवतः पृथ्वी को भी निगल सकता है।

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ब्रह्मांड कितना पुराना है और ‘बिग बैंग’ क्या है?

ब्रह्मांड की आयु लगभग 13.8 अरब वर्ष है। वैज्ञानिकों ने सबसे पुराने तारों की उम्र और ब्रह्मांड के विस्तार की दर को मापकर यह अनुमान लगाया है।

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बिग बैंग (Big Bang) वह घटना थी जिससे समय और अंतरिक्ष की शुरुआत हुई। वैज्ञानिकों का कहना है कि अतीत में सब कुछ एक ही बिंदु पर सिमटा हुआ था। बिग बैंग कोई साधारण विस्फोट नहीं था, बल्कि अंतरिक्ष का खुद में विस्तार था। आज भी आकाशगंगाएँ एक-दूसरे से दूर जा रही हैं, और आश्चर्य की बात यह है कि उनकी गति कम होने के बजाय बढ़ती जा रही है।

ब्रह्मांड किन चीजों से बना है?

ब्रह्मांड में जो कुछ भी हम देख सकते हैं (तारे, ग्रह, इंसान, जानवर), वह कुल ब्रह्मांड का 5 प्रतिशत से भी कम है। बाकी का हिस्सा अदृश्य है:

  •   सामान्य पदार्थ: < 5% (हाइड्रोजन, हीलियम आदि)
  •   डार्क मैटर (Dark Matter): लगभग 27% (इसे देखा नहीं जा सकता, पर इसका गुरुत्वाकर्षण महसूस किया जा सकता है)
  •   डार्क एनर्जी (Dark Energy): लगभग 68% (यही वह अज्ञात बल है जो ब्रह्मांड के विस्तार को तेज कर रहा है)

समय के साथ बदलती हमारी समझ

सदियों पहले मनुष्य ब्रह्मांड को समझने के लिए केवल मिथकों और कहानियों पर निर्भर था। लेकिन पिछले कुछ सौ वर्षों में गणित और विज्ञान की मदद से हमारी समझ क्रांतिकारी तरीके से बदली है:

  •  100 साल पहले: हमें पहली बार पता चला कि हमारी आकाशगंगा के बाहर भी अन्य आकाशगंगाएँ हैं।
  •  50 साल पहले: हमने दूसरे ग्रहों पर अंतरिक्ष यान भेजना शुरू किया।
  •  21वीं सदी: हमने हजारों नए ग्रहों की खोज की, ‘गुरुत्वाकर्षण तरंगों’ का पता लगाया और पहली बार एक ब्लैक होल की असली तस्वीर खींची।

ब्रह्मांड की विशालता के सामने हमारी खोज अभी बस शुरू हुई है। हर नई खोज हमें यह एहसास कराती है कि हम इस अनंत विस्तार में कितने छोटे, फिर भी कितने जिज्ञासु हैं।

क्या कहते हैं संत रामपाल जी महाराज 

संत रामपाल जी महाराज जी ने अपने सत्संग प्रवचनों में सद्ग्रथों व कबीर साहेब जी की वाणियों के अनुसार बताया है कि यह धरती असंख्यों वर्ष पुरानी है। सर्वप्रथम केवल पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब अनामी लोक में रहा करते थे, फिर अगम लोक, अलख लोक और सतलोक की रचना की। उसके बाद उन्होंने जीवात्माओं को उत्पन्न किया। तत्पश्चात हमारी एक बहुत बड़ी गलती के कारण परमेश्वर कबीर साहिब जी ने हम सभी आत्माओं जो इस समय पृथ्वी लोक पर हैं, उन्हें अपने अमरलोक सतलोक से निष्कासित कर दिया। अब हम अपनी बीच घर से 16 शंख किलोमीटर की दूरी पर है। 

सृष्टि की शुरुआत कैसे हुई जानने के लिए देखिए पूरा वीडियो।

FAQs:-

Q1. ब्रह्मांड की उत्पत्ति कैसे हुई?

वैज्ञानिकों के अनुसार ब्रह्मांड की शुरुआत लगभग 13.8 अरब वर्ष पहले बिग बैंग से हुई। यह कोई सामान्य विस्फोट नहीं था, बल्कि अंतरिक्ष और समय का स्वयं में विस्तार था, जो आज भी जारी है।

Q2. पृथ्वी की आयु कितनी मानी जाती है?

वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार पृथ्वी की आयु लगभग 4.6 अरब वर्ष है। यह अनुमान रेडियोधर्मी तत्वों के क्षय (radioactive decay) के आधार पर लगाया गया है।

Q3. क्या पृथ्वी ब्रह्मांड का केंद्र है?

नहीं। पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है, सूर्य हमारी आकाशगंगा (Milky Way) का एक सामान्य तारा है और हमारी आकाशगंगा अरबों आकाशगंगाओं में से केवल एक है।

Q4. डार्क मैटर और डार्क एनर्जी क्या हैं?

डार्क मैटर वह अदृश्य पदार्थ है जो गुरुत्वाकर्षण के जरिए आकाशगंगाओं को बांधे रखता है।

डार्क एनर्जी एक रहस्यमयी शक्ति है जो ब्रह्मांड के विस्तार को तेज कर रही है। दोनों मिलकर ब्रह्मांड का लगभग 95% हिस्सा बनाते हैं।

Q5. क्या ब्रह्मांड लगातार फैल रहा है?

हाँ। वैज्ञानिकों ने पाया है कि आकाशगंगाएँ एक-दूसरे से दूर जा रही हैं और यह विस्तार समय के साथ और तेज़ हो रहा है।

Q6. संत रामपाल जी महाराज सृष्टि की उत्पत्ति को कैसे बताते हैं?

संत रामपाल जी महाराज के अनुसार, सद्ग्रंथों और कबीर साहेब जी की वाणियों में सृष्टि की रचना को आध्यात्मिक दृष्टि से समझाया गया है। उनके अनुसार सृष्टि असंख्यों वर्षों पुरानी है और इसकी रचना पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब द्वारा की गई।

Q7. क्या विज्ञान और अध्यात्म में टकराव है?

विज्ञान ब्रह्मांड को भौतिक प्रमाणों से समझने का प्रयास करता है, जबकि अध्यात्म जीवन और सृष्टि के उद्देश्य को समझाने का मार्ग दिखाता है। दोनों दृष्टिकोण अलग होते हुए भी जिज्ञासा को बढ़ाते हैं।

Q8. क्या मनुष्य कभी ब्रह्मांड के सभी रहस्यों को जान पाएगा?

वर्तमान वैज्ञानिक प्रगति को देखते हुए कहा जा सकता है कि खोज जारी है, लेकिन ब्रह्मांड की विशालता को देखते हुए अभी हमारी समझ अधूरी है।

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