देश की राजधानी दिल्ली में गुरुवार को अटल कैंटीन योजना की शुरुआत की गई। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती के अवसर पर 45 स्थानों पर अटल कैंटीनों का शुभारंभ हुआ। योजना के तहत गरीबों, मजदूरों और जरूरतमंदों को केवल ₹5 में पौष्टिक थाली उपलब्ध कराई जा रही है।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि शेष 55 कैंटीन अगले 15–20 दिनों में शुरू होंगी। यह पहल खाद्य सुरक्षा को सम्मान के साथ सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।
अटल कैंटीन योजना: मुख्य बिंदु
- 45 अटल कैंटीन शुरू, कुल 100 खोलने की योजना
- ₹5 में 600 ग्राम का पूरा भोजन
- थाली में रोटी, दाल, सब्जी, चावल और अचार
- दोपहर व रात—दोनों समय भोजन उपलब्ध
- टोकन आधारित व्यवस्था
- शहरी गरीबों, मजदूरों, रिक्शा चालकों और जरूरतमंदों पर फोकस
101वीं जयंती पर योजना का शुभारंभ
दिल्ली सरकार ने गुरुवार को अटल कैंटीन योजना की शुरुआत की। यह कदम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती के अवसर पर उठाया गया। राजधानी के 45 स्थानों पर एक साथ कैंटीनें शुरू की गईं। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्वयं एक अटल कैंटीन पहुंचकर भोजन किया और व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने स्टाफ से योजना की कार्यप्रणाली और उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी भी ली।
अटल कैंटीन: लक्ष्य और उद्देश्य
मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह योजना शहर के गरीबों और कामकाजी लोगों के लिए एक बड़ी राहत है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे और सभी को सम्मानजनक ढंग से भोजन मिले। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि यह पहल लाखों लोगों को लाभ पहुंचाएगी और अटल बिहारी वाजपेयी के उस दृष्टिकोण को साकार करेगी, जिसमें कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए।
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कहां-कहां शुरू हुईं कैंटीनें
अटल कैंटीनें दिल्ली के कई इलाकों में शुरू की गई हैं, जिनमें नरेला, बवाना, आदर्श नगर, शालीमार बाग, वजीरपुर, तिमारपुर, शकूरबस्ती, मंगोलपुरी, राजौरी गार्डन, मादीपुर, शकूरपुर, मोती नगर, राजिंदर नगर, विकासपुरी, मटियाला, द्वारका, नजफगढ़, पालम, महरौली, आरके पुरम और छतरपुर (शांति कैंप, भाटी माइंस) शामिल हैं।
अटल कैंटीन: भोजन का विवरण और मात्रा
अटल कैंटीन में केवल ₹5 में 600 ग्राम भोजन दिया जा रहा है। थाली में शामिल हैं:
- 4 रोटियां
- दाल
- एक सब्जी
- चावल
- अचार
सरकार के अनुसार, एक समय में एक कैंटीन लगभग 500 लोगों को भोजन कराने में सक्षम है।
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अटल कैंटीन: भोजन का समय
कैंटीनों में भोजन के लिए समय निर्धारित किया गया है:
- दोपहर का भोजन: 12 बजे से 3 बजे तक
- रात का भोजन: शाम 6 बजे से रात 9 बजे तक
कुछ कैंटीनों में दोपहर 11 बजे से 4 बजे तक और शाम 6:30 बजे से रात 9:30 बजे तक भी भोजन उपलब्ध है।
टोकन आधारित व्यवस्था
अटल कैंटीन में टोकन प्रणाली लागू की गई है। टोकन लेने से पहले लाभार्थी की फोटो खींची जाती है और नाम दर्ज किया जाता है। एक व्यक्ति को एक समय में केवल एक टोकन दिया जाता है। दूसरा टोकन तीन घंटे बाद ही मिल सकता है।
प्रबंधन और वित्तीय ढांचा
यह योजना दिल्ली अर्बन शेल्टर इम्प्रूवमेंट बोर्ड के माध्यम से लागू की जा रही है। कैंटीनें प्रतिदिन दो समय—लंच और डिनर—पर भोजन परोसेंगी। प्रत्येक कैंटीन से प्रतिदिन लगभग 1,000 भोजन परोसने की क्षमता बताई गई है। योजना के संचालन और प्रबंधन के लिए सरकार ने ₹104.24 करोड़ का बजट आवंटित किया है। प्रति प्लेट वास्तविक लागत ₹30 है, जिसमें ₹5 लाभार्थी देता है और शेष ₹25 दिल्ली सरकार वहन करती है। यह शुल्क प्रतीकात्मक रखा गया है ताकि आत्मसम्मान बना रहे और भोजन की बर्बादी रोकी जा सके।
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रोजगार और निगरानी
सरकार के अनुसार, इस योजना से लगभग 700 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। विभिन्न कैबिनेट मंत्रियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में कैंटीनों का उद्घाटन किया और गुणवत्ता, पोषण तथा निरंतर निगरानी पर जोर दिया। सभी कैंटीनों के लिए एक मानकीकृत मेन्यू तय किया गया है ताकि गुणवत्ता समान रहे।
अन्य पहलें भी रहीं शामिल
वाजपेयी की जयंती के अवसर पर सरकार ने डिजिटल सशक्तिकरण और विरासत संरक्षण से जुड़ी पहलें भी कीं। शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने सरकारी स्कूलों के 240 मेधावी छात्रों को शैक्षिक टैबलेट वितरित किए। उन्होंने बताया कि वायु प्रदूषण के कारण ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान लागू होने से ऑनलाइन कक्षाओं के दौर में यह कदम छात्रों के डिजिटल लर्निंग को मजबूत करेगा।
पार्क का नामकरण
उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित 11 एकड़ के पार्क का नाम ‘अटल बिहारी वाजपेयी सद्भावना उद्यान’ रखा। यह पार्क महात्मा गांधी मार्ग पर स्थित है और भविष्य में यहां वाजपेयी की प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी।
अटल कैंटीन योजना का व्यापक महत्व
अटल कैंटीन योजना का उद्देश्य शहरी गरीबों, मजदूरों, रिक्शा चालकों और जरूरतमंद लोगों को सस्ता, स्वच्छ और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है। सरकार का कहना है कि यह पहल खाद्य सुरक्षा को सम्मान के साथ जोड़ती है और सामाजिक समानता की दिशा में एक ठोस कदम है। योजना के पूरी तरह लागू होने पर प्रतिदिन एक लाख से अधिक लोगों को भोजन मिलने की उम्मीद है।
करुणा, सेवा और सामाजिक उत्तरदायित्व का व्यापक दृष्टिकोण
अटल कैंटीन योजना के माध्यम से सरकार ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि भूख के खिलाफ लड़ाई केवल नीति नहीं, बल्कि मानवीय जिम्मेदारी भी है। ₹5 में पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना उन लोगों के लिए राहत है, जिनकी दैनिक आय सीमित है और जिन्हें दो वक्त का भोजन जुटाने में कठिनाई होती है। शहरी गरीब, मजदूर, रिक्शा चालक और जरूरतमंद वर्ग इस पहल से सीधे लाभान्वित हो रहे हैं। यह प्रयास यह भी दर्शाता है कि सरकारी योजनाएं सम्मान के साथ सहायता पहुंचाने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं।
हालांकि, सामाजिक वास्तविकता यह भी है कि देश में ऐसे अनेक परिवार और समुदाय हैं, जिन तक न तो योजनाओं की जानकारी समय पर पहुंच पाती है और न ही सरकारी तंत्र पूरी तरह पहुंच पाता है। दूरदराज़ क्षेत्रों में रहने वाले, अत्यधिक गरीबी, गंभीर बीमारियों, अशिक्षा और जर्जर आवास की समस्या से जूझ रहे परिवार अक्सर इन योजनाओं से बाहर रह जाते हैं। ऐसे हालात में समाज में सेवा के वैकल्पिक और पूरक प्रयासों की भूमिका स्वतः सामने आती है।
इसी संदर्भ में जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में संचालित अन्नपूर्णा मुहिम का वर्णन करना अति आवश्यक हो जाता है। यह मुहिम केवल भोजन वितरण तक सीमित नहीं है, बल्कि जरूरतमंद परिवारों की स्थिति का प्रत्यक्ष आकलन कर रोटी, कपड़ा, शिक्षा, चिकित्सा और आवास जैसी मूल आवश्यकताओं तक सहायता पहुंचाने का प्रयास करती है। उनके अनुयायी स्वयं घर-घर जाकर हालात का निरीक्षण करते हैं, बच्चों की शिक्षा से जुड़ी जरूरतें पूरी कराते हैं और गंभीर रूप से बीमार लोगों के उपचार में सहयोग करते हैं। जर्जर मकानों की मरम्मत या निर्माण जैसे कार्य भी इसी सेवा भावना का हिस्सा हैं।
FAQs on Atal Canteen Scheme
Q1. अटल कैंटीन योजना कब शुरू हुई?
यह योजना गुरुवार को अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती पर शुरू हुई।
Q2. एक थाली की कीमत कितनी है?
अटल कैंटीन में एक थाली ₹5 में उपलब्ध है।
Q3. थाली में क्या-क्या मिलता है?
थाली में रोटी, दाल, सब्जी, चावल और अचार शामिल हैं।
Q4. कुल कितनी कैंटीनें खोली जाएंगी?
दिल्ली में कुल 100 अटल कैंटीन खोलने की योजना है।
Q5. योजना का संचालन कौन कर रहा है?
यह योजना दिल्ली अर्बन शेल्टर इम्प्रूवमेंट बोर्ड के माध्यम से संचालित हो रही है।
















