सूर्य ग्रहण एक ऐसी खगोलीय घटना है जो हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है। यह तब होता है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, जिससे पृथ्वी पर सूर्य का प्रकाश पूरी तरह या आंशिक रूप से रुक जाता है। साल 2025 में भी एक महत्वपूर्ण सूर्य ग्रहण लगने वाला है, जिसके बारे में लोगों के मन में कई सवाल हैं। खासकर, “सूर्य ग्रहण कब है 2025?” यह सवाल अक्सर पूछा जा रहा है। आइए, इस लेख में हम इस खगोलीय घटना से जुड़े सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करें।
सूर्य ग्रहण कब है 2025: 2025 में सूर्य ग्रहण की तारीख और समय
साल 2025 में, मुख्य रूप से एक सूर्य ग्रहण लगने वाला है जो खगोल विज्ञान और ज्योतिष दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। सूर्य ग्रहण 21 सितंबर, 2025 को लगेगा।
यह ग्रहण भारतीय समयानुसार रात 11:00 बजे (21 सितंबर) से शुरू होकर अगले दिन 22 सितंबर की सुबह 3:24 बजे तक रहेगा। इसकी कुल अवधि लगभग 4 घंटे 24 मिनट होगी।
सूर्य ग्रहण कब है 2025: हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह ग्रहण मुख्य रूप से अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फिजी, न्यूजीलैंड और अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा। भारत में दिखाई न देने के कारण, इसका सूतक काल भी भारत में मान्य नहीं होगा।
क्या 2 अगस्त 2025 को सूर्य ग्रहण है?
हाल ही में यह भ्रम फैल रहा था कि 2 अगस्त 2025 को भी सूर्य ग्रहण है, लेकिन खगोलविदों ने इसकी पुष्टि की है कि 2 अगस्त 2025 को कोई सूर्य ग्रहण नहीं होगा। यह तारीख दरअसल 2 अगस्त 2027 के पूर्ण सूर्य ग्रहण से संबंधित है, जो लगभग 6 मिनट और 23 सेकंड तक चलेगा और इसे सदी का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण माना जा रहा है।
सूर्य ग्रहण का वैज्ञानिक महत्व
सूर्य ग्रहण केवल एक ज्योतिषीय घटना नहीं है, बल्कि इसका वैज्ञानिक महत्व भी बहुत गहरा है। वैज्ञानिक इस दौरान सूर्य के बाहरी हिस्से, जिसे “कोरोना” कहते हैं, का अध्ययन करते हैं। आमतौर पर सूर्य की तेज रोशनी के कारण कोरोना दिखाई नहीं देता, लेकिन ग्रहण के समय यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। यह वैज्ञानिकों को सूर्य के व्यवहार और हमारे सौरमंडल पर इसके प्रभावों को समझने में मदद करता है।
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सूर्य ग्रहण कब है 2025: उदाहरण के लिए, 1919 में सर आर्थर एडिंगटन के नेतृत्व में एक ब्रिटिश ग्रहण अभियान ने अल्बर्ट आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत की पुष्टि करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जब उन्होंने ग्रहण के दौरान तारों के प्रकाश के झुकने का अवलोकन किया था।
पौराणिक मान्यताएं और ज्योतिषीय प्रभाव
भारतीय संस्कृति में सूर्य ग्रहण को एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना जाता है, जिसके धार्मिक और ज्योतिषीय निहितार्थ होते हैं। कई पौराणिक कथाओं में ग्रहण को राहु और केतु से जोड़ा जाता है। ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, इसलिए कुछ विशेष सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है।

हालांकि, चूंकि 21 सितंबर 2025 का सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए भारत में इसका सूतक काल और संबंधित धार्मिक अनुष्ठान मान्य नहीं होंगे। फिर भी, ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, यह कुछ राशियों पर अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव डाल सकता है, खासकर उन देशों में जहां यह दिखाई देगा।
सूर्य ग्रहण देखते समय सावधानियां
सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से देखना आपकी आंखों के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। सूर्य से निकलने वाली हानिकारक किरणें रेटिना को स्थायी नुकसान पहुंचा सकती हैं, जिसे “सोलर रेटिनोपैथी” कहते हैं, और यह अंधापन भी पैदा कर सकता है।
सूर्य ग्रहण कब है 2025: सुरक्षित अवलोकन के तरीके
- विशेष ग्रहण चश्मा (Solar Eclipse Glasses): ये विशेष फिल्टर वाले चश्मे होते हैं जो सूर्य की हानिकारक किरणों को रोकते हैं। सुनिश्चित करें कि ये ISO 12312-2 अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानक का पालन करते हों।
- पिनहोल प्रोजेक्टर: यह सूर्य ग्रहण देखने का एक सुरक्षित और आसान तरीका है, जिसमें आप सूर्य को सीधे देखे बिना उसकी छवि देख सकते हैं।
- टेलीस्कोप या दूरबीन पर सोलर फिल्टर: यदि आप टेलीस्कोप या दूरबीन का उपयोग करना चाहते हैं, तो उन पर विशेष सोलर फिल्टर लगाना अनिवार्य है। सामान्य चश्मा या धूप का चश्मा बिल्कुल भी पर्याप्त सुरक्षा प्रदान नहीं करता।
- लाइव स्ट्रीमिंग: कई वैज्ञानिक संस्थान और समाचार चैनल सूर्य ग्रहण का सीधा प्रसारण करते हैं, जो इसे सुरक्षित रूप से देखने का सबसे अच्छा तरीका है।
निष्कर्ष
2025 में सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगेगा, हालांकि यह भारत में दिखाई नहीं देगा। यह खगोलीय घटना विज्ञान और ज्योतिष दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। जबकि वैज्ञानिक इसे ब्रह्मांड के रहस्यों को सुलझाने के अवसर के रूप में देखते हैं, धार्मिक परंपराएं इसके दौरान सावधानी बरतने की सलाह देती हैं। किसी भी स्थिति में, यदि आप भविष्य में कोई सूर्य ग्रहण देखते हैं, तो हमेशा अपनी आँखों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें।