CRPF Raising Day 2025: भारत की आंतरिक सुरक्षा का एक मजबूत स्तंभ, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) हर साल 27 जुलाई को अपना स्थापना दिवस (Raising Day CRPF in Hindi) मनाता है। यह दिन उन वीर जवानों को समर्पित है, जिन्होंने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी और आज भी विषम परिस्थितियों में अडिग खड़े हैं। यह सिर्फ एक दिन नहीं, बल्कि शौर्य, बलिदान और राष्ट्र के प्रति अटूट निष्ठा की गौरवगाथा है।
सीआरपीएफ का इतिहास (History of CRPF Raising Day): एक क्राउन से राष्ट्र तक का सफर
सीआरपीएफ का इतिहास 27 जुलाई 1939 से शुरू होता है, जब इसे ब्रिटिश शासनकाल में ‘क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस’ के नाम से स्थापित किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य रियासतों में कानून-व्यवस्था बनाए रखना और विद्रोहों को दबाना था। आजादी के बाद, 28 दिसंबर 1949 को संसद के एक अधिनियम के तहत इसका नाम बदलकर ‘केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल’ कर दिया गया।
तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने नव स्वतंत्र राष्ट्र की बदलती जरूरतों के अनुसार इस बल के लिए एक बहुआयामी भूमिका की कल्पना की थी।
क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल तक
- 27 जुलाई 1939: ‘क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस’ के रूप में गठन।
- 28 दिसंबर 1949: संसद के अधिनियम द्वारा ‘केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल’ नाम दिया गया।
- 25 मार्च 1955: सीआरपीएफ अधिनियम लाया गया, जिसमें बल के संचालन के नियम-परिनियम तय किए गए।
यह बल भारत के सबसे पुराने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में से एक है और इसने दशकों से देश की आंतरिक सुरक्षा को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
सीआरपीएफ की भूमिका और महत्व
सीआरपीएफ का आदर्श वाक्य “सेवा और निष्ठा” है, जो कर्तव्य के प्रति बल की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह बल केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन काम करता है और राज्यों की सहायता के लिए विभिन्न महत्वपूर्ण कार्य करता है।

- कानून और व्यवस्था बनाए रखना: राज्यों में शांति और व्यवस्था सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका।
- उग्रवाद विरोधी अभियान: पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद से निपटना।
- नक्सल विरोधी अभियान: देश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कानून व्यवस्था स्थापित करना।
- आतंकवाद का मुकाबला: आतंकी हमलों को विफल करना और आतंकवादियों से लोहा लेना।
- चुनाव ड्यूटी: शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने में अहम योगदान।
- आपदा प्रबंधन: प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत और बचाव कार्यों में सहायता।
CRPF Raising Day 2025: सीआरपीएफ के जवान न केवल देश की सीमाओं पर तैनात होते हैं, बल्कि आंतरिक सुरक्षा की हर चुनौती का सामना करते हैं। 21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में चीनी सैनिकों के साथ हुए संघर्ष में सीआरपीएफ के जवानों ने शहादत दी थी, जिसकी याद में हर साल ‘पुलिस स्मृति दिवस’ मनाया जाता है।
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CRPF Raising Day 2025: शौर्य और बलिदान के उदाहरण
सीआरपीएफ के जवानों ने अपनी वीरता और साहस से कई बार देश का मान बढ़ाया है।
- संसद भवन हमला (2001): सीआरपीएफ के जवानों ने संसद भवन पर हुए आतंकी हमले को सफलतापूर्वक विफल किया था, जिसमें कई जवानों ने अपनी जान न्यौछावर की थी।
- हॉट स्प्रिंग्स संघर्ष (1959): इस संघर्ष में सीआरपीएफ के जवानों ने चीनी सेना का बहादुरी से सामना किया और कई बलिदान दिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीआरपीएफ के स्थापना दिवस पर बल के कर्मियों को बधाई देते हुए कहा था,
“सीआरपीएफ की पहचान उसकी बहादुरी और पेशेवर अंदाज के लिए है। भारत के सुरक्षा ढांचे में इसकी एक अहम भूमिका है। राष्ट्रीय एकता को बनाए रखने में उसकी भूमिका सराहनीय है।” यह कथन बल के असाधारण योगदान को दर्शाता है।
सीआरपीएफ स्थापना दिवस का समारोह

हर साल 27 जुलाई को सीआरपीएफ के विभिन्न बटालियनों और प्रशिक्षण केंद्रों में स्थापना दिवस समारोह आयोजित किए जाते हैं। इन समारोहों में परेड, सांस्कृतिक कार्यक्रम, और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने जैसे कार्यक्रम शामिल होते हैं। यह दिन न केवल बल के जवानों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, बल्कि आम नागरिकों को भी उनके बलिदान और सेवा के प्रति सम्मान व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है।
कैसे मनाएं सीआरपीएफ स्थापना दिवस?
आप भी इस विशेष दिन को देश के वीर जवानों के प्रति सम्मान व्यक्त करके मना सकते हैं:
- बलों का समर्थन करें: सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा बलों के कल्याण के लिए चलाए जा रहे अभियानों में योगदान दें।
- जागरूकता फैलाएं: सीआरपीएफ के महत्व और उनके कार्यों के बारे में दूसरों को बताएं।
- श्रद्धांजलि अर्पित करें: उन शहीदों को याद करें जिन्होंने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।
निष्कर्ष: राष्ट्र सेवा के प्रति अटूट समर्पण
सीआरपीएफ स्थापना दिवस (Raising Day CRPF) हमें याद दिलाता है कि हमारे देश की आंतरिक सुरक्षा कितने मजबूत हाथों में है। सीआरपीएफ के जवान, चाहे वह जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से लड़ रहे हों, या छत्तीसगढ़ के जंगलों में नक्सलियों का सामना कर रहे हों, या फिर चुनाव ड्यूटी में तैनात हों, हर पल राष्ट्र सेवा में लीन रहते हैं।
उनका बलिदान और समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। आइए, इस दिन हम सभी उन वीर जवानों को सलाम करें और उनके राष्ट्र के प्रति अटूट समर्पण को नमन करें।
आपका क्या विचार है? सीआरपीएफ के जवानों के लिए आपके मन में क्या भावनाएं हैं? नीचे टिप्पणी करके बताएं!