Dharmasthala Case (धर्मस्थल केस): SIT ने कथित दफन स्थलों पर शवों की खुदाई शुरू की

Avatar photo

Published on:

Dharmasthala Case news in hindi

Dharmasthala Case (धर्मस्थल केस): कर्नाटक का धर्मस्थल, जो अपने प्रसिद्ध मंजूनाथ मंदिर के लिए जाना जाता है, इस समय एक चौंकाने वाली खबर की वजह से सुर्खियों में है। एक पूर्व सफाईकर्मी के सनसनीखेज दावों के बाद, कर्नाटक सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया था।

image 220

अब SIT ने उन कथित दफन स्थलों की खुदाई का काम शुरू कर दिया है, जहां सालों से महिलाओं और बच्चों के शवों को दफनाने का आरोप है। यह धर्मस्थल केस की जांच में एक महत्वपूर्ण और निर्णायक कदम है, जिसने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा है।

क्या है धर्मस्थल केस? |  What is Dharmasthala Case?

यह पूरा मामला एक गुमनाम मुखबिर और पूर्व सफाईकर्मी के आरोपों से शुरू हुआ, जिसने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया कि उसे 1998 से 2014 के बीच सैकड़ों महिलाओं और नाबालिगों के शवों को ठिकाने लगाने के लिए मजबूर किया गया था। उसका दावा है कि इन शवों में यौन उत्पीड़न और हिंसा के निशान थे। इस भयानक खुलासे के बाद कर्नाटक सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक उच्च-स्तरीय SIT का गठन किया, जिसका नेतृत्व डीआईजी रैंक के अधिकारी कर रहे हैं।

SIT की कार्रवाई और खुदाई का महत्व

Dharmasthala Case: SIT ने जांच की शुरुआत मुखबिर से गहन पूछताछ के साथ की। मुखबिर ने SIT को उन 15 स्थानों की पहचान करने में मदद की, जहां कथित तौर पर शवों को दफनाया या जलाया गया था। इन स्थानों में नेत्रावती नदी के किनारे और हाईवे के पास के कुछ क्षेत्र शामिल हैं।

  1. कड़ी सुरक्षा: खुदाई स्थलों की संवेदनशीलता को देखते हुए, वहां एंटी-नक्सल फोर्स (ANF) को तैनात किया गया है।
  2. वैज्ञानिक जांच: SIT फोरेंसिक विशेषज्ञों और भूवैज्ञानिकों की मदद ले रही है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सबूतों को सही ढंग से इकट्ठा किया जाए।
  3. DNA परीक्षण: यदि कोई अवशेष मिलते हैं, तो उनका DNA परीक्षण किया जाएगा ताकि लापता लोगों के परिवारों के साथ उनकी पहचान की जा सके। यह उन परिवारों के लिए आशा की किरण है, जिन्होंने वर्षों पहले अपने प्रियजनों को खो दिया था।

एक महिला, जिसकी बेटी 2003 में धर्मस्थल से लापता हो गई थी, ने हाल ही में कहा था, “अगर उन शवों में मेरी बेटी का भी कोई अवशेष मिलता है, तो मैं DNA जांच के लिए तैयार हूं।” यह बयान इस मामले की मानवीय त्रासदी को उजागर करता है।

Also Read: Chanda Kochhar Case in Hindi: ICICI बैंक की पूर्व CEO चंदा कोचर दोषी करार!

कानूनी और सामाजिक प्रभाव

यह धर्मस्थल केस सिर्फ एक आपराधिक जांच नहीं है, बल्कि इसका समाज पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है।

  • न्याय की उम्मीद: यह उन सैकड़ों परिवारों के लिए न्याय की उम्मीद जगाता है, जो लंबे समय से अपने लापता सदस्यों के बारे में सच्चाई जानने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
  • प्रशासन पर सवाल: इस मामले ने स्थानीय पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं, क्योंकि वर्षों से शिकायतें अनसुनी की जा रही थीं।

यह मामला पूरे भारत में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के बारे में एक बड़ी बहस छेड़ रहा है।

निष्कर्ष और आगे की राह

धर्मस्थल केस (Dharmasthala Case) की जांच एक लंबा और जटिल रास्ता है। SIT द्वारा की जा रही खुदाई एक साहसिक और आवश्यक कदम है। हमें उम्मीद है कि इस जांच से सच्चाई सामने आएगी और दोषियों को सजा मिलेगी। यह मामला दिखाता है कि कैसे एक व्यक्ति की हिम्मत पूरे सिस्टम को हिला सकती है।

Join WhatsApp

Join Now

Samachar Khabar

Samachar Khabar - Stay updated on Automobile, Jobs, Education, Health, Politics, and Tech, Sports, Business, World News with the Latest News and Trends

Latest Stories

Leave a Comment