Amazon Great Freedom Festival Sale 2025
amazon freedom sale 2025

Parsi New Year 2025 | पारसी न्यू ईयर 2025: नवरोज का महत्व और उत्सव

Avatar photo

Published on:

Parsi New Year 2025

Parsi New Year 2025 in Hindi: क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा समुदाय है जो साल में दो बार नया साल मनाता है? जी हाँ, हम बात कर रहे हैं पारसी समुदाय की, जो अपने नव वर्ष, जिसे ‘नवरोज’ भी कहा जाता है, को बड़े उत्साह के साथ मनाता है। पारसी न्यू ईयर 2025 भी नई उम्मीदों और खुशियों के साथ आने वाला है।

यह केवल एक कैलेंडर का बदलाव नहीं, बल्कि प्रकृति, सद्भावना और पुनर्जन्म का उत्सव है। आइए इस विशेष पर्व के इतिहास, महत्व और इसकी अनूठी परंपराओं के बारे में विस्तार से जानें।

पारसी न्यू ईयर 2025 कब है? | Parsi New Year 2025 Date & Time

पारसी न्यू ईयर, जिसे जमशेद-ए-नवरोज के नाम से भी जाना जाता है, हर साल अलग-अलग तारीखों पर मनाया जाता है क्योंकि यह शहेनशाही कैलेंडर का अनुसरण करता है, जिसमें लीप वर्ष नहीं होता। यही कारण है कि यह ईरानी नव वर्ष (जो मार्च में आता है) से अलग है। भारत में पारसी न्यू ईयर 2025, 15 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन पूरे देश में, विशेषकर मुंबई, गुजरात और अन्य पारसी बहुल क्षेत्रों में उत्सव का माहौल रहता है।

नवरोज का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व | History of  Parsi New Year

नवरोज शब्द दो फारसी शब्दों ‘नव’ (नया) और ‘रोज’ (दिन) से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है ‘नया दिन’। इसका इतिहास लगभग 3,000 साल पुराना है और यह फारसी राजा जमशेद से जुड़ा है, जिन्होंने इस कैलेंडर की शुरुआत की थी। यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत, अंधकार पर प्रकाश की विजय और नई शुरुआत का प्रतीक है।

  • फारस से भारत तक की यात्रा: 7वीं शताब्दी में ईरान पर इस्लामी आक्रमण के बाद, पारसी समुदाय के लोग धार्मिक उत्पीड़न से बचने के लिए भारत आ गए। वे अपनी संस्कृति और परंपराओं को अपने साथ लाए, जिनमें नवरोज का उत्सव भी शामिल था। आज, भारत में पारसी समुदाय की आबादी लगभग 57,264 (2011 की जनगणना के अनुसार) है, और वे इस अनूठी विरासत को गर्व से बनाए रखे हुए हैं। (स्रोत: PIB)
  • प्रकृति का सम्मान: पारसी धर्म में प्रकृति को बहुत महत्व दिया जाता है। नवरोज का उत्सव प्रकृति के प्रति सम्मान और उसके नवीकरण का प्रतीक है।

Also Read: Sawan End Date 2025 | सावन कब खत्म होगा? जानें सावन 2025 की अंतिम तिथि और महत्व

पारसी न्यू ईयर 2025 का उत्सव कैसे मनाएं?

Parsi New Year 2025 in Hindi: नवरोज का उत्सव कई पारंपरिक रीति-रिवाजों और खुशियों से भरा होता है। आइए जानते हैं कि इस दिन क्या-क्या खास होता है:

  1. घर की सफाई और सजावट: नवरोज से पहले लोग अपने घरों की पूरी सफाई करते हैं, जिसे ‘खुश हाली’ कहा जाता है। इसे नकारात्मकता को दूर करने और नई ऊर्जा का स्वागत करने का प्रतीक माना जाता है।
  2. पारंपरिक भोजन: यह दिन स्वादिष्ट पकवानों के बिना अधूरा है। पारसी घरों में इस दिन ‘रवो’ (सूजी की खीर), ‘फ्रेंच टोस्ट’, ‘अकूरी’, ‘धनसक’ और ‘पतरा नी मच्छी’ जैसे व्यंजन बनाए जाते हैं।
  3. अग्नि मंदिर में प्रार्थना: पारसी लोग अग्नि को पवित्र मानते हैं और इसलिए वे इस दिन अग्नि मंदिर (अगीआरी) में जाकर विशेष प्रार्थना करते हैं। वे अग्नि को चंदन अर्पित करते हैं और अपने परिवार के लिए सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।

“सद्भावना, सद्विचार और सत्कर्म, ये पारसी धर्म के तीन मूलभूत सिद्धांत हैं, और नवरोज इन सिद्धांतों को जीवन में उतारने का अवसर देता है।”

Also Read: All About Parsi New Year (Navroz)

निष्कर्ष (Conclusion)

Parsi New Year 2025 in Hindi:  पारसी न्यू ईयर 2025, एक बार फिर हमें एक नई शुरुआत करने का मौका देगा। यह पर्व हमें अपनी जड़ों से जुड़ने, प्रकृति का सम्मान करने और सामाजिक सद्भाव बनाए रखने का संदेश देता है। यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता का एक खूबसूरत उदाहरण है। इस नवरोज पर, आप भी अपने पारसी दोस्तों को शुभकामनाएं देकर इस खुशी में शामिल हो सकते हैं।

Join WhatsApp

Join Now

Samachar Khabar

समाचार ख़बर एक हिंदी न्यूज़ वेबसाइट है जहाँ आपको ट्रेंडिंग टॉपिक्स पर हर रोज ताज़ा ख़बरें मिलती हैं। हमारे साथ जुड़े रहें और पाएं पूरी दुनिया की खबरे Samachar Khabar पर। ________________________________________________________________________________Stay updated on Education, Health, Politics, and Tech with the latest news and trends. Follow us for breaking updates and expert insights. Your one-stop destination for all the latest developments!

Latest Stories

Leave a Comment