Operation Sindoor पर लोकसभा में तीखी बहस: Rajnath Singh बोले – “हमने आतंकी पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है”

Avatar photo

Published on:

rajnath-singh-on-operation-sindoor-in-lok-sabha

हाल ही में लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर हुई बहस ने देश भर का ध्यान खींचा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने इस ऑपरेशन को “गैर-विस्तारी” बताते हुए स्पष्ट किया कि इसका एकमात्र उद्देश्य आतंकवाद के गढ़ों को ध्वस्त करना था। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की कार्रवाई केवल आत्मरक्षा में की गई और इसका लक्ष्य किसी भी क्षेत्र पर कब्जा करना नहीं था, बल्कि आतंकवादियों को उनकी अपनी जमीन पर सबक सिखाना था। 

इस बहस ने न केवल भारत की आतंकवाद विरोधी रणनीति को उजागर किया है, बल्कि सीमा पार आतंकवाद पर देश के दृढ़ रुख को भी मजबूत किया है। यह लेख ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर लोकसभा में हुई बहस के महत्वपूर्ण पहलुओं और राजनाथ सिंह के बयानों के गहरे निहितार्थों पर प्रकाश डालता है।

ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद पर भारत का निर्णायक प्रहार

‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की उस प्रतिबद्धता का एक ज्वलंत उदाहरण है कि वह आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाएगा। पहलगाम में हुए नृशंस आतंकी हमले के बाद भारत ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई थी, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। यह हमला अपने आप में अमानवीयता का एक घृणित उदाहरण था, जहाँ आतंकियों ने धर्म पूछकर लोगों को मौत के घाट उतारा।

Also Read: ऑपरेशन महादेव (Operation Mahadev): कैसे भारतीय सेना ने कश्मीर में आतंकियों का सफाया किया!

राजनाथ सिंह ने लोकसभा में बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने पूरी तैयारी और अध्ययन के बाद कार्रवाई की। उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर एक अनुकरणीय प्रदर्शन था जिसमें तीनों सेनाओं के बीच शानदार तालमेल देखने को मिला।” इस ऑपरेशन में 9 आतंकवादी ठिकानों को सटीकता से निशाना बनाया गया, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी, उनके प्रशिक्षक और मददगार मारे गए।

  • गैर-विस्तारी मिशन: राजनाथ सिंह ने साफ किया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उद्देश्य किसी भी भूभाग पर कब्जा करना नहीं था। यह एक गैर-विस्तारी ऑपरेशन था, जिसका लक्ष्य केवल आतंकी ढांचे को नष्ट करना था।
  • सटीक और प्रभावी: भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन में अत्यंत सटीकता का प्रदर्शन किया, जिससे आतंकी शिविरों को अधिकतम नुकसान पहुँचाया गया, जबकि नागरिक आबादी को कोई नुकसान नहीं पहुँचा।
  • पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश: यह ऑपरेशन पाकिस्तान को एक स्पष्ट संदेश था कि भारत अपनी संप्रभुता और अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।

राजनाथ सिंह का लोकसभा में बयान: मुख्य बिंदु

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा शुरू करते हुए कई महत्वपूर्ण बातें कहीं:

  1. राष्ट्रीय हित सर्वोपरि: उन्होंने कहा कि जब भी देश के सामने गंभीर चुनौती आई है, सदन ने राष्ट्रीय मुद्दों पर हमेशा एकजुटता दिखाई है। आतंकवाद एक वैश्विक चुनौती है, और राष्ट्रहित व मानवता के भाव को सर्वोपरि रखते हुए इस पर चर्चा होनी चाहिए।
  2. सेना पर गर्व: सिंह ने भारतीय सेना के अदम्य विश्वास, शौर्य और पराक्रम पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से भारत की सेना द्वारा आतंकवाद के विरुद्ध की गई निर्णायक कार्रवाई को देखा है।
  3. बातचीत और आतंकवाद साथ नहीं: राजनाथ सिंह ने दोहराया कि “बातचीत और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते।” उन्होंने कहा कि आतंकवाद की भाषा नफरत है, संवाद की नहीं। जहाँ खून बहता है, वहाँ शांति की बात दब जाती है।
  4. पाकिस्तान की नीयत और नीति: उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की नीयत और नीति को लेकर अब कोई भ्रम नहीं रहना चाहिए। “पाकिस्तान जैसा देश, जो आकार, सामर्थ्य और ताकत में हमारे आसपास भी नहीं है, उससे कैसा मुकाबला? उससे मुकाबला अपना स्तर कम करने जैसा है।”

उदाहरण के लिए, राजनाथ सिंह ने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ 22 मिनट में पूरा हो गया था, और इस दौरान कोई भी भारतीय सैनिक हताहत नहीं हुआ, जबकि दुश्मन को भारी नुकसान पहुँचाया गया। यह सैन्य कुशलता और सटीक योजना का एक प्रमाण है।

विपक्ष के सवालों का जवाब और भारत का दृढ़ संकल्प

लोकसभा में विपक्ष ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर कई सवाल उठाए, जिस पर राजनाथ सिंह ने दृढ़ता से जवाब दिया। उन्होंने विपक्ष से पूछा कि क्या ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सफल था? जवाब था, “हाँ”। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष को यह पूछना चाहिए कि दुश्मन के कितने विमान गिराए गए, बजाय इसके कि हमारे कितने विमान गिरे। यह भारतीय सेना की ताकत और सरकार के आत्मविश्वास को दर्शाता है।

भारत की आतंकवाद विरोधी नीति ‘जीरो टॉलरेंस’ के सिद्धांत पर आधारित है। जैसा कि राजनाथ सिंह ने पहले भी कहा है, “शांति और समृद्धि आतंकवाद के साथ सह-अस्तित्व में नहीं रह सकती।” भारत का मानना है कि आतंकवाद के अपराधियों, आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाना आवश्यक है।

निष्कर्ष: एक नए भारत का सशक्त संदेश

ऑपरेशन सिंदूर‘ और उस पर लोकसभा में हुई बहस, आतंकवाद के खिलाफ भारत के अडिग संकल्प को दर्शाती है। राजनाथ सिंह के बयान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब केवल प्रतिक्रिया नहीं देगा, बल्कि सक्रिय रूप से उन ताकतों को निशाना बनाएगा जो उसकी संप्रभुता और सुरक्षा को खतरे में डालते हैं। यह एक नए भारत का सशक्त संदेश है – एक ऐसा भारत जो अपनी सुरक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाने को तैयार है, और जो आतंकवाद के आगे कभी नहीं झुकेगा।

क्या आप भी मानते हैं कि आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई ही एकमात्र रास्ता है? नीचे कमेंट बॉक्स में अपनी राय दें!

Join WhatsApp

Join Now

Samachar Khabar

Samachar Khabar - Stay updated on Automobile, Jobs, Education, Health, Politics, and Tech, Sports, Business, World News with the Latest News and Trends

Latest Stories

Leave a Comment