क्या आप साल 2025 के सूर्य ग्रहण के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं? यह खगोलीय घटना हमेशा लोगों के बीच कौतूहल और धार्मिक महत्व का विषय रही है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2025) की तारीख, समय, भारत में इसकी दृश्यता और इससे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
सूर्य ग्रहण 2025: तारीख और समय (Date & Time)
2025 में दो सूर्य ग्रहण लगेंगे, लेकिन भारत में केवल एक ही दिखाई देगा।
- पहला सूर्य ग्रहण: 29 मार्च, 2025 को आंशिक सूर्य ग्रहण था। यह भारत में दिखाई नहीं दिया था, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं था।
- दूसरा सूर्य ग्रहण: साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण 21 सितंबर, 2025 को लगने वाला है। यह भी एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा।
समय: भारतीय समयानुसार यह ग्रहण 21 सितंबर की रात 11:00 बजे से शुरू होगा और 22 सितंबर की सुबह 3:24 बजे तक चलेगा।
क्या भारत में दिखेगा सूर्य ग्रहण 2025 (Surya Grahan)?

खगोलविदों और ज्योतिषियों के अनुसार, 21 सितंबर को लगने वाला आंशिक सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह ग्रहण मुख्य रूप से पूर्वी ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अंटार्कटिका और दक्षिण प्रशांत महासागर के क्षेत्रों में दिखाई देगा। चूंकि यह भारत में दृश्यमान नहीं है, इसलिए इसका धार्मिक और ज्योतिषीय प्रभाव भी यहां नहीं माना जाएगा और सूतक काल भी लागू नहीं होगा।
सूतक काल क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?
सूतक काल ग्रहण शुरू होने से पहले की अशुभ अवधि होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण के सूतक काल की शुरुआत ग्रहण से 12 घंटे पहले हो जाती है। इस दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन किया जाता है:
- खाने-पीने की चीजों को ग्रहण से बचाकर रखा जाता है।
- गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
- शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं।
लेकिन, जैसा कि हमने बताया, 21 सितंबर के सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2025) का सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा।
Surya Grahan 2025 पर वैज्ञानिक और धार्मिक दृष्टिकोण: एक तुलना
सूर्य ग्रहण एक वैज्ञानिक घटना है, जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और सूर्य के प्रकाश को आंशिक या पूर्ण रूप से ढक लेता है। वहीं, हिंदू धर्म में इसे राहु और केतु से जुड़ी एक पौराणिक घटना माना जाता है। वैज्ञानिक इसे एक दुर्लभ और रोमांचक खगोलीय घटना मानते हैं, जबकि धार्मिक मान्यताएं इसे एक अशुभ समय के रूप में देखती हैं।
नासा (NASA) के अनुसार, सूर्य ग्रहण को सीधे नग्न आंखों से देखना आंखों के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है। यह सौर रेटिनोपैथी (Solar Retinopathy) नामक स्थिति का कारण बन सकता है, जिससे स्थायी अंधापन भी हो सकता है। इसलिए ग्रहण को देखने के लिए हमेशा विशेष प्रमाणित चश्मों (Solar-Viewing Glasses) का ही उपयोग करना चाहिए।
सूर्य ग्रहण 2025 (Surya Grahan): क्या करें और क्या न करें
अगर आप किसी ऐसे क्षेत्र में हैं जहां ग्रहण दिखाई दे रहा है, तो इन बातों का ध्यान रखें:
क्या करें (Do):
- सूर्य को Sunglasses लगकर ही देखें, नंगी आँखों से ना देखें।
क्या न करें (Don’t):
- बाहर जाते टाइम सावधानी बरते
- सूर्य को नंगी आँखों से ना देखें।
- खाने-पीने से बचें।
- गर्भवती महिलाएं घर से बाहर न निकलें।
- धारदार वस्तुओं का प्रयोग न करें।
निष्कर्ष
सूर्य ग्रहण 2025 (Surya Grahan 2025) 21 सितंबर को एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना होगी। हालांकि, भारत में इसका कोई प्रभाव नहीं होगा, इसलिए हमें घबराने की जरूरत नहीं है। यह समय खगोलीय विज्ञान को समझने और अपनी पारंपरिक मान्यताओं पर विचार करने का है।