जगदीप धनखड़: किसान के बेटे से उपराष्ट्रपति तक का सफर

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जगदीप धनखड़ किसान के बेटे से उपराष्ट्रपति तक का सफर

भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति, जगदीप धनखड़, का जीवन एक असाधारण यात्रा की कहानी है। एक छोटे से किसान परिवार से निकलकर देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद तक पहुंचना, यह दर्शाता है कि कड़ी मेहनत, समर्पण और दृढ़ संकल्प से कुछ भी संभव है। उनका जन्म 18 मई 1951 को राजस्थान के झुंझुनू जिले के एक छोटे से गांव किठाना में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही एक सरकारी स्कूल में हुई।

अपनी प्रारंभिक शिक्षा के बाद, उन्होंने सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ में प्रवेश लिया, जहां उन्होंने अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा पूरी की। यह उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसने उन्हें अनुशासन और राष्ट्रीय सेवा के मूल्यों से परिचित कराया। इसके बाद, उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से फिजिक्स में स्नातक और फिर कानून की डिग्री प्राप्त की। एक वकील के रूप में उन्होंने अपना करियर शुरू किया और जल्द ही राजस्थान उच्च न्यायालय और भारत के सर्वोच्च न्यायालय में एक जाने-माने वकील बन गए।

राजनीतिक करियर की शुरुआत

जगदीप धनखड़ का राजनीतिक सफर 1989 में शुरू हुआ, जब वे झुंझुनू से जनता दल के टिकट पर लोकसभा सांसद चुने गए। इस दौरान, उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की सरकार में संसदीय मामलों के राज्य मंत्री के रूप में भी कार्य किया। उनका यह कार्यकाल छोटा लेकिन प्रभावशाली रहा।

उनके राजनीतिक सफर की मुख्य विशेषताएं:

  • सांसद: 1989-1991 तक झुंझुनू से लोकसभा सदस्य।
  • राज्य मंत्री: 1990-1991 तक संसदीय मामलों के राज्य मंत्री।
  • विधायक: 1993-1998 तक राजस्थान के किशनगढ़ से विधायक।

हालांकि, उनके राजनीतिक करियर में उतार-चढ़ाव आए, लेकिन उन्होंने अपनी ईमानदारी और सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया। बाद में, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होकर एक नई पारी की शुरुआत की।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और उपराष्ट्रपति का पद

2019 में, जगदीप धनखड़ को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया। इस दौरान, उन्होंने राज्य की संवैधानिक गरिमा बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका कार्यकाल अक्सर राज्य सरकार के साथ उनके मतभेदों के लिए सुर्खियों में रहा, लेकिन उन्होंने हमेशा संविधान के दायरे में रहकर काम किया।

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अगस्त 2022 में, उन्हें एनडीए द्वारा भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार घोषित किया गया और वे भारी बहुमत से इस पद पर चुने गए। उन्होंने 74.37% वोटों के साथ जीत दर्ज की, जो 1992 के चुनाव के बाद से सबसे बड़ा जीत का अंतर था। यह आंकड़ा उनकी व्यापक स्वीकार्यता और राजनीतिक कद को दर्शाता है। एक संवैधानिक प्रमुख के रूप में, उन्होंने लोकतंत्र और संसदीय मर्यादाओं को मजबूत करने के लिए अथक प्रयास किए।

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राज्यसभा के सभापति के रूप में उनका योगदान

उपराष्ट्रपति के रूप में, वे राज्यसभा के पदेन सभापति भी थे। इस भूमिका में, उन्होंने सदन की कार्यवाही को सुचारु रूप से चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका उद्देश्य हमेशा सदन में सार्थक बहस और चर्चा को बढ़ावा देना था। उन्होंने कई मौकों पर ‘वोक-ए’ और ‘फर्जी खबरों के खिलाफ अभियान’ जैसे मुद्दों को भी उठाया, जो उनके राष्ट्रीय दृष्टिकोण को दर्शाता है।

जगदीप धनखड़ की कुल संपत्ति और आय के स्रोत

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जब हम किसी राजनेता की कुल संपत्ति की बात करते हैं, तो यह उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, जगदीप धनखड़ की कुल संपत्ति लगभग ₹7.8 करोड़ है। उनकी संपत्ति को दो मुख्य भागों में विभाजित किया जा सकता है:

  • चल संपत्ति: लगभग ₹4.5 करोड़, जिसमें बैंक में जमा राशि, निवेश और वाहन शामिल हैं।
  • अचल संपत्ति: लगभग ₹3.3 करोड़, जिसमें राजस्थान में उनकी पैतृक भूमि और अन्य संपत्तियां शामिल हैं।

उनकी आय के मुख्य स्रोत हैं:

  1. कृषि और भूमि से आय: एक किसान परिवार से होने के कारण, उनकी आय का एक हिस्सा खेती से आता है।
  2. किराए से आय: उनकी कुछ संपत्तियों से उन्हें किराया भी मिलता है।
  3. पेंशन और वेतन: उपराष्ट्रपति, राज्यपाल, सांसद और विधायक के रूप में उन्हें मिलने वाली पेंशन और वेतन भी उनकी आय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  4. वकील के रूप में कमाई: अपने करियर के शुरुआती वर्षों में एक वरिष्ठ वकील के रूप में उन्होंने अच्छी कमाई की थी।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि उनकी कुल संपत्ति में वह सरकारी आवास शामिल नहीं है जिसमें वे उपराष्ट्रपति के रूप में रहते थे, क्योंकि वह उनकी निजी संपत्ति नहीं है।

निष्कर्ष: एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व

जगदीप धनखड़ का जीवन हमें यह सिखाता है कि सफलता के लिए कोई शॉर्टकट नहीं होता। एक छोटे से गांव से निकलकर, कड़ी मेहनत और दृढ़ता के साथ उन्होंने देश के शीर्ष पदों पर अपनी जगह बनाई। उनका सफर हमें यह भी याद दिलाता है कि भले ही हमारा जन्म किसी भी परिस्थिति में हुआ हो, लेकिन हमारी आकांक्षाएं और प्रयास हमें ऊंचाइयों तक पहुंचा सकते हैं।

इस लेख ने आपको जगदीप धनखड़ के जीवन, राजनीतिक करियर और कुल संपत्ति के बारे में एक विस्तृत जानकारी दी है। यदि आप भारत के अन्य महत्वपूर्ण राजनेताओं के बारे में जानना चाहते हैं, तो हमारे भारतीय राजनेताओं की जीवनी पर लिखे लेख को भी पढ़ सकते हैं।

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