पीएफ खाताधारकों के लिए राहत की खबर सामने आई है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) से जुड़े नए नियमों के तहत अब खाताधारक अपने पीएफ खाते से बिना कोई कारण बताए 75 प्रतिशत तक राशि निकाल सकेंगे। यह फैसला केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने की। इस बदलाव के साथ पीएफ अब केवल रिटायरमेंट तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि जरूरत के समय कर्मचारियों के लिए आर्थिक सहारा भी बनेगा। हालांकि शर्त यह है कि खाते में कम से कम 25 प्रतिशत राशि जमा रहनी चाहिए, जिस पर ब्याज मिलता रहेगा।
PF Account Rules: Key Takeaways / मुख्य बिंदु
- पीएफ खाते से 75% तक राशि निकालने की अनुमति
- निकासी के लिए कोई कारण बताना अनिवार्य नहीं
- खाते में कम से कम 25% राशि रहना जरूरी
- कर्मचारी और कंपनी दोनों के अंशदान को मिलाकर निकासी
- फैसला केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक में लिया गया
- बैठक की अध्यक्षता श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने की
- बचे 25% पर 8.25% वार्षिक ब्याज जारी रहेगा
PF Account Rules: बिना वजह 75% निकासी की सुविधा
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अपने करोड़ों सदस्यों को बड़ी राहत दी है। नए नियमों के तहत अब पीएफ खाताधारक बिना किसी वजह बताए अपने खाते से 75 प्रतिशत तक राशि निकाल सकेंगे। इस बदलाव का उद्देश्य पीएफ को केवल रिटायरमेंट फंड तक सीमित न रखकर जरूरत के समय आर्थिक सहायता का साधन बनाना है।
नए नियम में यह स्पष्ट किया गया है कि खाताधारक को अपने खाते में कम से कम 25 प्रतिशत राशि बनाए रखनी होगी। इससे यह सुनिश्चित किया गया है कि रिटायरमेंट के लिए जरूरी बचत सुरक्षित बनी रहे।
केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक में लिया गया फैसला
यह अहम निर्णय केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक में लिया गया। इस बैठक की अगुवाई केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने की। बैठक में श्रम मंत्रालय और ईपीएफओ के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
इसी बैठक में पीएफ से जुड़े प्रावधानों को अधिक सरल, लचीला और कर्मचारियों की जरूरतों के अनुरूप बनाने पर चर्चा की गई। सरकार का फोकस कर्मचारी भविष्य निधि प्रणाली को व्यावहारिक और उपयोगी बनाने पर रहा।
इंडिया@2047 एंटरप्रेन्योरशिप कॉन्क्लेव में दी गई जानकारी
एबीपी नेटवर्क के इंडिया@2047 एंटरप्रेन्योरशिप कॉन्क्लेव में शामिल हुए श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने पीएफ से जुड़ी व्यवस्थाओं पर खुलकर चर्चा की। उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य पीएफ को ऐसा माध्यम बनाना है, जो कर्मचारियों के लिए केवल भविष्य की बचत न होकर वर्तमान जरूरतों में भी काम आए।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पीएफ से पैसे निकालने की प्रक्रिया को सरल बनाया जा रहा है, ताकि कर्मचारियों को अपने ही धन तक आसान पहुंच मिल सके।
यह भी पढ़ें: New EPFO Rule 2025 [Hindi] : बिना आधार फेस स्कैन के नहीं मिलेगा UAN, जानें आपको क्या करना चाहिए
नए नियम में क्या बदला?
नए नियमों के अनुसार:
- पीएफ खाताधारक 75 प्रतिशत तक राशि निकाल सकता है
- निकासी के लिए कोई कारण बताना जरूरी नहीं
- कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का अंशदान शामिल होगा
- खाते में न्यूनतम 25 प्रतिशत राशि बनी रहनी चाहिए
इस बदलाव से नौकरीपेशा लोगों को आपातकाल या जरूरत के समय अपने ही पैसे के लिए किसी अन्य विकल्प पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
पहले पीएफ निकासी के नियम क्या थे?
पहले पीएफ खाते से पैसे निकालने के नियम काफी सीमित थे। पूरी राशि की निकासी केवल दो ही परिस्थितियों में संभव थी—रिटायरमेंट या बेरोजगारी।
- बेरोजगार होने पर एक महीने बाद 75% राशि निकाली जा सकती थी
- शेष 25% राशि के लिए दो महीने का इंतजार करना पड़ता था
- रिटायरमेंट की स्थिति में ही पूरी पीएफ राशि एक साथ मिलती थी
इन नियमों के कारण कई बार कर्मचारियों को जरूरत के समय अपने ही पैसे तक पहुंचने में दिक्कत होती थी।
25 प्रतिशत राशि पर ब्याज जारी रहेगा
नए नियमों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि खाते में बची 25 प्रतिशत राशि पर 8.25 प्रतिशत सालाना ब्याज मिलता रहेगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि रिटायरमेंट के लिए जरूरी बचत प्रभावित न हो।
श्रम मंत्रालय का कहना है कि इस बदलाव से EPFO के सभी सदस्यों को राहत मिलेगी और पीएफ सिस्टम ज्यादा संतुलित और उपयोगी बनेगा।
कर्मचारियों के लिए क्या मायने रखता है यह बदलाव
यह नया प्रावधान नौकरीपेशा कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे पीएफ केवल भविष्य की जरूरतों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि वर्तमान जीवन की आर्थिक चुनौतियों में भी सहायक बनेगा।
सरकार का मानना है कि इस लचीलापन से कर्मचारियों का भरोसा पीएफ प्रणाली पर और मजबूत होगा, साथ ही रिटायरमेंट के लिए आवश्यक बचत भी सुरक्षित रहेगी।
पीएफ प्रणाली को सरल और लचीला बनाने की दिशा में कदम
सरकार और श्रम मंत्रालय लगातार इस दिशा में काम कर रहे हैं कि कर्मचारी भविष्य निधि से जुड़ी प्रक्रियाएं सरल हों। नए नियम इसी प्रयास का हिस्सा हैं, जिससे पीएफ खाताधारकों को अपने ही धन का उपयोग जरूरत के अनुसार करने की सुविधा मिल सके।
आगे की राह: संतुलन और सुरक्षा पर फोकस
इस फैसले के जरिए सरकार ने पीएफ प्रणाली में संतुलन बनाने की कोशिश की है। जहां एक ओर जरूरत के समय निकासी की सुविधा दी गई है, वहीं दूसरी ओर न्यूनतम राशि और ब्याज व्यवस्था के जरिए रिटायरमेंट सुरक्षा को बनाए रखा गया है। यह बदलाव कर्मचारियों के वर्तमान और भविष्य, दोनों को ध्यान में रखकर किया गया है।
आध्यात्मिक दृष्टिकोण: सांसारिक बचत से आगे भक्ति धन का महत्व
जिस प्रकार मनुष्य अपने जीवन में भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए धन की बचत करता है, ताकि बुरे समय में वह सहारा बन सके, उसी प्रकार आध्यात्मिक दृष्टि से मनुष्य जीवन में भक्ति धन का संग्रह भी आवश्यक बताया गया है। सांसारिक बचत इस जीवन तक ही सीमित रहती है, जबकि मृत्यु के बाद मनुष्य को आगे की यात्रा करनी होती है। ऐसे में यह प्रश्न उठता है कि क्या उस समय हमारे पास कोई आध्यात्मिक पूंजी होगी।
आध्यात्मिक मान्यताओं के अनुसार, मृत्यु के बाद जीव को यमराज के लोक में अपने कर्मों के आधार पर न्याय का सामना करना पड़ता है। वहां गुरु रूप में परमात्मा एक वकील की भूमिका निभाते हैं और उस शिष्य की रक्षा करते हैं, जिसने सच्ची भक्ति की होती है। यह भक्ति धन तभी संग्रह होता है जब मनुष्य तत्वदर्शी संत की शरण में जाता है। वर्तमान में तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज एकमात्र संत हैं, जो शास्त्रों के अनुसार भक्ति का मार्ग बताते हैं। इसी भक्ति के आधार पर सतलोक प्राप्त होने की बात कही गई है, जहां जाने के बाद मृत्यु नहीं होती, जैसा कि गीता जी सहित अन्य शास्त्रों में वर्णित है।
अधिक जानकारी के लिए विजिट करें:
- Website: www.jagatgururampalji.org
- YouTube: Sant Rampal Ji Maharaj
- Facebook: Spiritual Leader Saint Rampal Ji
- X (Twitter): @SaintRampalJiM
FAQs on PF Account Rules
Q1. नए नियमों के तहत पीएफ से कितना पैसा निकाला जा सकता है?
पीएफ खाताधारक बिना वजह बताए अपने खाते से 75 प्रतिशत तक राशि निकाल सकता है।
Q2. क्या निकासी के लिए कारण बताना जरूरी है?
नहीं, नए नियमों में कारण बताने की आवश्यकता नहीं है।
Q3. खाते में न्यूनतम कितनी राशि रहनी चाहिए?
पीएफ खाते में कम से कम 25 प्रतिशत राशि रहना अनिवार्य है।
Q4. बची राशि पर ब्याज मिलेगा या नहीं?
हाँ, खाते में बची 25 प्रतिशत राशि पर 8.25 प्रतिशत वार्षिक ब्याज मिलता रहेगा।
Q5. यह फैसला किसने और कहां लिया?
यह निर्णय केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक में, श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में लिया गया।
















