इकरा हसन उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक उभरता हुआ नाम हैं। कैराना से समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन अपनी मुखरता और जनहित के मुद्दों को उठाने के लिए जानी जाती हैं। हाल ही में, सहारनपुर के अपर जिलाधिकारी (एडीएम) के साथ कथित दुर्व्यवहार के मामले ने उन्हें फिर से सुर्खियों में ला दिया है, जिस पर जांच के आदेश दिए गए हैं। आइए, इस युवा नेता के जीवन, संपत्ति और राजनीतिक सफर को करीब से जानते हैं।
इकरा हसन कौन हैं? एक परिचय
इकरा हसन का जन्म 26 अगस्त 1994 को मुजफ्फरनगर के एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार में हुआ था। वह महज 30 साल की उम्र में ही लोकसभा सांसद बनकर एक मिसाल कायम कर चुकी हैं। इकरा अपने सहज भाषा-शैली और जनता के बीच मजबूत जुड़ाव के लिए जानी जाती हैं। उनके संवाद का तरीका ऐसा है कि वे जमीनी मुद्दों को सरलता से जनता तक पहुंचा पाती हैं।
इकरा हसन: शिक्षा और परिवारिक पृष्ठभूमि
इकरा हसन की शिक्षा काफी उच्च स्तर की रही है। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली के क्वीन मैरी स्कूल से की। इसके बाद, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्री राम कॉलेज फॉर वुमेन से इंटरनेशनल पॉलिटिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। यहीं नहीं, उन्होंने लंदन की SOAS यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई भी की है।
इकरा हसन के लिए राजनीति कोई नई बात नहीं है, यह उन्हें विरासत में मिली है।
- पिता: स्वर्गीय मुनव्वर हसन, लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सदस्य रह चुके हैं।
- मां: तबस्सुम हसन भी लोकसभा सांसद रही हैं।
- भाई: नाहिद हसन, कैराना से लगातार तीसरी बार विधायक हैं।
उनके दादा अख्त हसन भी 1984 में कैराना से सांसद बने थे, जिन्होंने उस समय बसपा सुप्रीमो मायावती को हराया था। यह परिवार पिछले 40 से अधिक वर्षों से राजनीति में सक्रिय है।
इकरा हसन का राजनीतिक सफर

इकरा हसन का राजनीतिक करियर 2022 के विधानसभा चुनावों से शुरू हुआ, जब उनके भाई नाहिद हसन जेल में थे और उन्होंने उनके लिए चुनाव प्रचार की कमान संभाली। उनकी मेहनत और सक्रियता ने नाहिद हसन को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। इकरा ने 2016 में जिला पंचायत का चुनाव भी लड़ा था, हालांकि उसमें उन्हें सफलता नहीं मिली थी।
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2024 के लोकसभा चुनाव में, समाजवादी पार्टी ने उन्हें कैराना सीट से उम्मीदवार बनाया। उन्होंने इस चुनाव में भाजपा के प्रदीप चौधरी को 69 हजार से अधिक वोटों के अंतर से हराकर बड़ी जीत हासिल की और लोकसभा पहुंचीं। उनकी इस जीत ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक युवा और शिक्षित चेहरे को स्थापित किया।
इकरा हसन की नेट वर्थ
चुनावी हलफनामे के अनुसार, इकरा हसन की कुल संपत्ति लगभग ₹68 लाख रुपये है। इसमें चल और अचल दोनों प्रकार की संपत्तियां शामिल हैं।
- उनके पास लगभग ₹40,000 कैश है और बैंक खातों में भी लगभग इतनी ही राशि है।
- उनके पास 35 ग्राम सोने के आभूषण हैं, जिनकी कीमत करीब ₹2.5 लाख है।
- अचल संपत्ति में, उनके पास कैराना में कृषि योग्य भूमि है जिसकी कीमत ₹10.57 लाख से अधिक है, और गैर-कृषि योग्य भूमि भी है जिसकी कीमत ₹55 लाख से अधिक है।
- उन्होंने ₹8.84 लाख का शिक्षा ऋण भी ले रखा है।
सहारनपुर एडीएम विवाद: इकरा हसन और प्रशासनिक दुर्व्यवहार
हाल ही में, कैराना सांसद इकरा हसन ने सहारनपुर के अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) संतोष बहादुर सिंह पर उनके साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है। यह घटना 1 जुलाई को हुई थी, जब इकरा हसन नगर पंचायत अध्यक्ष से जुड़ी एक समस्या को लेकर एडीएम से मिलने गई थीं।
इकरा हसन के अनुसार, एडीएम ने उनसे बदतमीजी से बात की और उन्हें अपने कार्यालय से बाहर जाने के लिए कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि एडीएम ने यह भी कहा कि यह उनका कार्यालय है और वह जो चाहे कर सकते हैं। इस घटना के बाद, समाजवादी पार्टी के नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस मामले में अपनी चिंता व्यक्त की है और जांच के आदेश दिए गए हैं। यह मामला जनप्रतिनिधियों के सम्मान और प्रशासनिक अधिकारियों के व्यवहार पर सवाल खड़े करता है। जैसा कि एक सपा नेता डॉ. राहुल भारती ने कहा, “सांसद का अपमान जनता और लोकतंत्र का अपमान है।”
निष्कर्ष
इकरा हसन एक युवा, शिक्षित और जुझारू नेता के रूप में उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपनी पहचान बना रही हैं। उनका राजनीतिक परिवार से आना और उच्च शिक्षा प्राप्त करना, दोनों ही उन्हें एक मजबूत आधार प्रदान करते हैं। सहारनपुर एडीएम के साथ हुए विवाद ने उन्हें भले ही सुर्खियों में ला दिया हो, लेकिन यह देखना होगा कि इस घटना का उनके राजनीतिक करियर पर क्या प्रभाव पड़ता है। उनकी प्रगति को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि वह आने वाले समय में भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।